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बायो: उमम को फैक्ट-चेकिंग में विशेषज्ञता प्राप्त है, विशेष रूप से मध्य पूर्व और पड़ोसी देशों में। उन्हें पत्रकारिता में 6 साल से ज़्यादा का अनुभव है। उमम ने अपनी शुरुआत नेटवर्क18 के साथ किया। उमम, गूगल न्यूज इनिशिएटिव और फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं से निपटने के लिए समर्पित मीडिया साक्षरता अभियान 'सच के साथी' की ट्रेनर हैं।

योग्यता: उमम मास कम्युनिकेशन ग्रेजुएट हैं और जामिया मिलिया इस्लामिया से बैचलर ऑफ इंग्लिश (ऑनर्स) भी हैं। जेएमआई से 'ट्रांसलेशन प्रोफिशिएंसी इन इंग्लिश’' में प्रमाणपत्र भी प्राप्त किया है।

सर्टिफिकेशन: उमम नूर सर्टिफाइड गूगल न्यूज इनिशिएटिव फैक्ट चेकर और न्यूज वेरिफिकेशन ट्रेनर हैं।
रॉयटर्स ट्रेनिंग इंट्रोडक्शन टू डिजिटल जर्नलिज्म की सर्टिफिकेट होल्डर हैं ।
प्वाइंटर यूनिवर्सिटी: हाउ तो स्टॉप मिसइन्फॉर्मेशन ऑनलाइन
गूगल: एडवांस्ड गूगल एनालिटिक्स
उमम ने गूगल -प्रमाणित ट्रेनर द्वारा आयोजित फैक्ट-चेक और न्यूज वेरिफिकेशन ट्रेनिंग में भाग लिया है।
उमम एक प्रशिक्षित फैक्ट-चेक और न्यूज़ वेरिफिकेशन ट्रेनर हैं
जनरेटिव एआई: द इवोल्यूशन ऑफ थॉटफुल ऑनलाइन सर्च
लेट्स टॉक वैक्सीन
सेमरश अकादमी सर्टिफिकेट
फैक्ट चेकिंग फंडामेंटल विद आईएफसीएन
वॉक्स चेक सर्टिफिकेट

संशोधन:

1. जनवरी 16, 2020
6 जनवरी को फैक्ट चेक टीम की सदस्य (एंप्लॉई आईडी PN0058) ने बुशफायर की तीव्रता को दर्शाने वाली ऑस्ट्रेलिया के मैप की वायरल 3डी तस्वीर पर फैक्ट चेक स्टोरी की थी। यह तस्वीर इस फर्जी दावे के साथ वायरल हो रही थी कि इसे नासा की सैटलाइट से लिया गया है। उमम नूर ने सारी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए ठीक तरह से पड़ताल की। इस क्रम में 3डी तस्वीर बनाने वाले शख्स का बयान भी लिया गया जिन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि नासा के बुशफायर डाटा का इस्तेमाल कर तस्वीर बनाई गई है। यहां नीचे विश्वास न्यूज की स्टोरी का यूआरएल दिया गया है।
https://www.vishvasnews.com/world/fact-check-australia-bush-fire-viral-image-does-not-shared-by-nasa-but-is-graphic-image-which-is-being-circulated-with-fake-claim/

विश्वास न्यूज थर्ड पार्टी फैक्ट चेक पार्टनर के रूप में फेसबुक के साथ काम करता है। अगर वायरल पोस्ट फेसबुक पर है तो विश्वास न्यूज अपनी फैक्ट चेक स्टोरी के आधार पर पोस्ट को- फर्जी, सच, भ्रामक, तीन तरह की रेटिंग देता है। फेसबुक पर पोस्ट को रेट करने के लिए अलग से गाइडलाइन है। अक्सर ऐसी तस्वीरें आती हैं जो सही होती हैं लेकिन उनके साथ किया जा रहा दावा या तो फर्जी होता है या भ्रामक। कई बार तस्वीर और दावा, दोनों ही गलत होते हैं। ऐसे मामलों में विश्वास न्यूज या तो 'On single post' या 'identical content' के हिसाब से रेट करता है। ऊपर की गई स्टोरी में फेसबुक पोस्ट में लगाई गई तस्वीर बिल्कुल सही थी लेकिन इसके साथ किया गया दावा गलत था। इस बात का जिक्र फैक्ट चेक स्टोरी में भी उचित तरीके से किया गया। हालांकि स्टोरी रेटिंग की प्रक्रिया के दौरान उमम नूर ने इसे 'identical content' के रूप में मार्क कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि कुछ फेसबुक यूजर्स को तस्वीर के साथ सही दावा पोस्ट करने के बावजूद फेक तस्वीर, जिसे इंडिपेंडेंट फैक्ट चेकर ने फैक्ट चेक किया है, का मैसेज मिला। फैक्ट चेक की गई स्टोरी में शामिल किए गए यूजर द्वारा अपने फेसबुक पोस्ट डिलीट कर देने की वजह से तकनीकी समस्या खड़ी हुई और विश्वास न्यूज अपनी रेटिंग को सही नहीं कर पाया। इस तकनीकी समस्या को ठीक होने में एक हफ्ते का समय लगा और इसे 15 जनवरी को ठीक किया गया।

विश्वास न्यूज को इस 'identical content' इशू की वजह से अलग-अलग फेसबुक यूजर्स की तरफ से अपील के 13 मेल मिले। इन सभी यूजर्स ने सही व्याख्या के साथ तस्वीर का इस्तेमाल किया था लेकिन तकनीकी समस्या की वजह से उन्हें 'फेक तस्वीर' का मैसेज मिला। विश्वास न्यूज ने सभी यूजर्स से मेल पर अलग-अलग संपर्क किया और उन्हें 9 जनवरी को हुई इस समस्या की जानकारी दी गई। एक बार जब मामला सुलझ गया तो विश्वास न्यूज ने फिर इन सारे यूजर्स को इसकी पुष्टि करते हुए मेल किया।

फेसबुक पोस्ट को गलत ऑप्शन पर रेट करने वाली विश्वास न्यूज की सदस्य (एंप्लॉई आईडी PN0058) से इस मामले में आधिकारिक मेल में जवाब मांगा गया। उन्हें ये बताने को कहा गया कि आखिर ये कैसे हुआ। उनका जवाब मिलने के बाद गाइडलाइंस और पॉलिसी के मुताबिक उनके खिलाफ जरूरी कदम उठाया गया।

2: 4 जून 2020 को फैक्ट चेक टीम की सदस्य (एंप्लॉई आईडी PN0058) ने वायरल हो रहे एक वीडियो पर स्टोरी की जिसमें वीडियो को हाल का बताते हुए ये दावा किया गया की यह अमतृसर में खालिस्तान की मांग को लेकर आज कल प्रोटेस्ट हो रहे हैं। पड़ताल में पाया की वीडियो 2016 का है। अपने SOP का पालन करते हुए हमनें खबर को पब्लिश कर दिया, लेकिन उसी दिन हमनें पाया की वीडियो में नज़र आरहा दूसरा हिस्सा 2016 का नहीं बल्कि 2012 में हुए प्रोटेस्ट का है. हालाँकि वीडियो दोनों ही लिहाज़ में पुराना और फ़र्ज़ी है। खबर को नयी मालूमात के साथ उसी दिन अपडेट कर दिया गया।

स्टोरी लिंक्स: https://www.vishvasnews.com/urdu/viral/fact-check-old-video-of-sikh-rally-viral-as-khalistan-support-protest-in-amritsar/

3: 26 नवंबर, 2022, को फैक्ट चेक टीम की सदस्य (कर्मचारी आईडी PN0058) के द्वारा 25 नवंबर 2022 को की गई एक स्टोरी को अगले दिन अपडेट किया गया था। फैक्ट चेक आर्टिकल को अभिनेता की मृत्यु से पहले 25 नवंबर 2022 को किया गया था। अभिनेता के निधन के बाद 26 नवंबर को स्टोरी को लेटेस्ट जानकारी के साथ अपडेट किया गया।

स्टोरी लिंक्स: https://www.vishvasnews.com/viral/fact-check-bollywood-actor-vikram-gokhale-death-rumours-were-viral-before-his-death/

Fact Check Stories By : Umam Noor

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