Fact Check: सनातन बोर्ड की मांग करते लोगों की यह तस्वीर एआई जेनरेटेड है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सनातन बोर्ड के साथ सड़क पर बैठी भीड़ की वायरल तस्वीर एआई की मदद से बनाई गई है। जिसे असली समझ कर शेयर किया जा रहा है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। वायरल फोटो में बड़ी भीड़ को सड़क पर बैठे देखा जा सकता है। वहीं, एक आदमी को हाथ में ‘सनातन बोर्ड’ लिखा हुआ एक बोर्ड पकड़े हुए देखा जा सकता है। अब कुछ यूजर्स इस तस्वीर को असली समझते हुए वायरल कर रहे  हैं।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर असली नहीं है। फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के जरिये तैयार किया गया है। जिसे असली समझकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर सुधीर तिवारी ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “आप सब अपनी राय दें********************पूरा भारत एक साथ खड़ा है सनातन बोर्ड का भी गठन होना चाहिए ******************************* अब नही तो फिर नही जय श्री राम जय सनातन”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी जांच को शुरू करते हुए हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को ध्यान से देखा। तस्वीर में हमें बहुत-सी कमियां नजर आयीं। फोटो में दिख रहे लोगों के चेहरे साफ़ नहीं दिखाई दे रहे। इसके अलावा लोगों की आंख, हाथ और पैर की बनावट भी सही नहीं है। तस्वीर में पीछे सब धुंधला है। तस्वीर में नजर आ रही कमियों को देखने पर हमें फोटो के एआई से बने होने का संदेह हुआ।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने तस्वीर की जांच के लिए एआई जेनरेटेड फोटो की जांच करने वाले टूल्स का इस्तेमाल किया। हमने तस्वीर को हाइव मॉडरेशन टूल पर अपलोड किया। इसमें फोटो के एआई से बने होने की संभावना 99.7 फीसदी निकली।

हमने तस्वीर को एक अन्य टूल brandwell.ai पर अपलोड किया। इस टूल में फोटो को 99 फीसदी एआई से बनी बताया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने हगिंग फेस टूल की मदद से फोटो को सर्च किया। इस टूल ने तस्वीर को 100 फीसदी एआई की मदद से बनाया गया बताया है।

हमने तस्वीर को एआई विशेषज्ञ अजहर माचवे के साथ भी शेयर किया। उन्होंने तस्वीर को एआई जेनरेटेड बताया है। उन्होंने बताया कि तस्वीर में किसी का भी चेहरा साफ़ नहीं दिख रहा है और आस-पास सब धुंधला है। यही कमियां होती हैं, जिनसे एआई तस्वीर की पहचान हो सकती है।

विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर एआई और डीपफेक से जुड़ी फैक्ट चेक्स रिपोर्ट्स को एआई सेक्शन पर पढ़ा जा सकता है।

अंत में हमने फोटो को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 5 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सनातन बोर्ड के साथ सड़क पर बैठी भीड़ की वायरल तस्वीर एआई की मदद से बनाई गई है। जिसे असली समझ कर शेयर किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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