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Fact Check: किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल की जा रही वायरल तस्वीर एआई जेनरेटेड

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर किसान आंदोलन की नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाकर तैयार की गई है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Feb 22, 2024 at 09:04 PM
  • Updated: Feb 23, 2024 at 11:14 AM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्‍लेटफार्म पर किसान आंदोलन को लेकर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक सिख व्यक्ति को रोड पर असहाय बैठे देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह किसान आंदोलन की असली तस्वीर है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर किसान आंदोलन की नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाकर तैयार की गई है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘जाट कौम’ ने 21 फरवरी को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है “होंगी तुम्हारे पास, जमाने भर की डिग्रियां पर….अन्न दाताओं की नम आँखों को ना पढ़ सको तो अनपढ़ हो तुम….!।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने इस तस्वीर को गौर से देखा। तस्वीर में नजर आ रहे व्यक्ति  के चेहरे को गौर से देखने पर वो एनिमेटेड लग रहा है। साथ ही इस व्यक्ति के हाथों और उंगलियों का रंग अलग है।

इसके  बाद हमने तस्वीर में पीछे खड़े पुलिसकर्मियों को ज़ूम करके देखा। इन सभी पुलिसकर्मियों के चेहरे पिघलते हुए से दिख रहे हैं,  दाढ़ी-मूंछ बिल्कुल हूबहू हैं।

तस्वीर में नजर आ रही सड़क भी कुछ ज्यादा ही चिकनी है।

तस्वीर के विश्लेषण के बाद हमें शक हुआ कि ये तस्वीर एआई जनरेटेड हो सकती है।

हमने इस तस्वीर को एआई टूल की मदद से बनी तस्वीरों को चेक करने वाले टूल हाइव मॉडरेशन की मदद से चेक किया। इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.9% निकली।

तस्वीरों को चेक करने वाले एक दूसरे टूल एआई और नॉट पर भी इस तस्वीर को एआई से बना बताया गया।

इस बारे में अधिक पुष्टि के लिए हमने एआई विशेषज्ञ डॉ. अजहर माकवे से संपर्क कर उनको वायरल तस्वीर भेजी। उनका कहना है, “ये एआई जेनरेटेड इमेज है। ये असली नहीं है। इन्हें एआई टूल्स की मदद से बनाया गया है।“

अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर जाट कौम के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 60 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।  

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर किसान आंदोलन की नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाकर तैयार की गई है।

  • Claim Review : किसान विरोध की वास्तविक छवि
  • Claimed By : फेसबुक यूजर ‘जाट कौम’
  • Fact Check : भ्रामक
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