Fact Check: बच्चों के साथ वायरल की जा रही रतन टाटा की यह फोटो असली नहीं, AI क्रिएटेड है

विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि बच्चों के साथ खाना खाते रतन टाटा की वायरल फोटो असली नहीं है,बल्कि इस फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है। जिसे असली समझकर शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश के बड़े उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद से ही सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रही है। इसी बीच एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक शख्स को कुछ बच्चों के साथ खाना खाते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को असली समझकर शेयर कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि वायरल फोटो में रतन टाटा हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा गलत निकला। असल में बच्चों के साथ वायरल रतन टाटा की यह तस्वीर AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है, जिसे असली समझकर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Abhishek Singh ने 14 अक्टूबर 2024 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “रतन टाटा गरीब बच्चों के साथ कोई देश द्रोही ही होगा जो रतन टाटा को लाइक नही करेगा #ratantatasir #DurgaPuja2024 #ratantataji।”

वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल फोटो को ध्यान से देखा। फोटो में किसी का भी चेहरा साफ नहीं दिख रहा है। फोटो में किसी की भी आंख नहीं दिख रही और हाथ की बनावट भी अजीब है। जिससे यह तो साफ़ है कि वायरल तस्वीर असली नहीं है और इसके एआई से बने होने का शक होता है।

अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने तस्वीर को एआई हाइव मॉडरेशन के जरिए सर्च किया। इस टूल के अनुसार, वायरल तस्वीर 99.6 फीसदी एआई जेनरेटेड है।

हमने फोटो को एक अन्य एआई टूल brandwell.ai पर भी अपलोड किया। इस टूल ने वायरल फोटो को 99 फीसदी एआई से बनी बताया है।

हमने वायरल फोटो को एआई विशेषज्ञ अजहर माचवे के साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया, फोटो में बच्चों और शख्स का चेहरा शरीर से बड़ा है। हाथ और आंख भी सही नहीं है और बहुत सारी कमियां हैं। यह तस्वीर एआई जेनरेटेड है, असली नहीं है।

इससे पहले रतन टाटा के नाम से एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें दावा किया गया कि यह फोटो उस समय की है, जब वह यंग थे और फोटो रतन टाटा के ऑफिस जाने के दौरान की है। जब विश्वास न्यूज ने इसकी जांच की तो पता चला कि यह तस्वीर भी एआई से बनाई गई है। फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर एआई और डीपफेक से जुड़े फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को एआई सेक्शन पर पढ़ा जा सकता है।

अंत में हमने फोटो को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। पता चला कि यूजर को फेसबुक पर लगभग 10 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि बच्चों के साथ खाना खाते रतन टाटा की वायरल फोटो असली नहीं है,बल्कि इस फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है। जिसे असली समझकर शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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