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Fact Check: गाजा के हालात पर आधारित यह तस्वीर AI निर्मित है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल फोटो असली नहीं है, बल्कि इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के जरिये बनाया गया है।

  • By: Umam Noor
  • Published: Nov 26, 2024 at 03:39 PM
  • Updated: Nov 27, 2024 at 04:30 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इजराइल और हमास में चल रहे युद्ध के बीच सोशल मीडिया पर अक्सर गाजा से जुड़ी तस्वीरें इसी हवाले से वायरल होती रहती हैं। इसी कड़ी में एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक महिला और बच्चों को जंग के बीच परेशान हालत में देखा जा सकता है। फोटो को असली समझकर शेयर करते हुए यूजर्स इस तस्वीर को गाजा की बताकर फैला रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल फोटो असली नहीं है, बल्कि इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के जरिये बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए फेसबुक यूजर ने लिखा, “कुछ ऐसा करते रहो जिससे क़यामत के दिन फिलिस्तीन के बच्चे, बहनें, माताएं और भाई आपका हाथ पकड़ें और रब से कहें कि उन्होंने हमारा साथ तब दिया था जब ताकतवर हमें छोड़कर चले गए थे।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी शुरू करते हुए हमने सबसे पहले तस्वीर को ध्यान से देखा। तस्वीर में महिला और बच्चों के हाथ-पैर की बनावट अलग नजर आ रही है। जिससे हमें संदेह हुआ कि इस तस्वीर को एआई द्वारा बनाया गया है।

इसके आधार पर हमने वायरल तस्वीर को एआई-जेनरेटेड  तस्वीरों को चेक करने वाले टूल हाइव मॉडरेशन पर अपलोड करके अपनी जांच जारी रखी। इसमें इस वायरल तस्वीर के एआई द्वारा बनाए जाने की 92.4 प्रतिशत संभावना पाई गई।

वहीं, इस फोटो को हमने एक दूसरे एआई कॉन्सेप्ट टेस्टिंग टूल ‘एआई इमेज डिटेक्टर.ओआरजी’ पर भी अपलोड किया। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ये फोटो 97.61 फीसद AI से क्रिएटेड है।

हमने वायरल तस्वीर की पुष्टि करने के लिए एआई इमेज बनाने वाले भार्गव वलेरा से संपर्क किया और उनके साथ वायरल पोस्ट शेयर की। उन्होंने हमें बताया कि यह फोटो एआई के जरिये तैयार की गई है।

इससे पहले भी गाजा के हालात को बयान करता एक बच्चे का AI वीडियो भी वायरल हो चुका है, जिसका फैक्ट चेक विश्वास न्यूज़ ने किया था। हमारी रिपोर्ट यहां पढ़ें।

यह पहली बार नहीं है कि जब इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे तनाव को लेकर कुछ वायरल हुआ हो  और इसकी हकीकत कुछ और ही निकली हो। 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के बाद से कई वीडियो और तस्वीरें भ्रामक संदर्भों के साथ वायरल हो रही हैं, जिनका समय-समय पर विश्वास न्यूज ने फैक्ट चेक किया है। हमारे हिंदी फैक्ट चेक यहां और उर्दू फैक्ट चेक यहां पढ़े जा सकते हैं।

फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को तकरीबन दो हजार लोग फॉलो करते हैं।

डिस्क्लेमर: इस फैक्ट चेक रिपोर्ट में से एआई क्रिएटेड इमेज के लिए इस्तेमाल किए गए ‘प्रतीकात्मक’ शब्द को हटाया गया है। हमारी तरफ से किया गया यह संशोधन विश्वास न्यूज की स्थापित मानक प्रक्रिया (SoP) के मुताबिक है और इससे रिपोर्ट के निष्कर्षों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल फोटो असली नहीं है, बल्कि इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI के जरिये बनाया गया है।

  • Claim Review : गाजा में महिला और बच्चों की असली तस्वीर।
  • Claimed By : FB User- Mishaal Khan
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