विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सबसे लंबी गर्दन वाले परिवारों की वायरल तस्वीरों को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि एआई की मदद से बनाई गई है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर लंबी गर्दन के साथ कुछ लोगों की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि तस्वीर 1860 में ली गई कुछ परिवारों की है, जिनकी गर्दन सबसे ज्यादा लंबी थी।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी की एआई की मदद से बनाई गई है।
फेसबुक यूजर मेरा भारत महान ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “सन 1860 इतिहास में दुनिया की सबसे लंबी गर्दन के व्यक्तियों की फोटो।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गौर से देखा। हमने पाया कि इसमें मानव शरीर के कुछ अंग अधूरे हैं और अजीब हैं।
पहली तस्वीर में देखा जा सकता है कि महिला का फेस टेढ़ा है और गर्दन भी काफी अजीब नजर आ रही है,जबकि बीच वाले शख्स के हाथों की उंगलियों कम है। इतना ही नहीं, साथ में खड़े बच्चे की आंखें इधर-उधर हैं। ऐसे में हमें तस्वीर के एआई होने का संदेह हुआ। हमने हाइव मॉडरेशन की मदद से फोटो को सर्च किया। टूल ने तस्वीर को 99 फीसदी तक एआई जेनरेटेड बताया है।
दूसरी तस्वीर पर गौर करने पर हमने पाया कि बच्चों के चेहरे की बनावट अजीब और टेढ़े-मेढ़े है,जबकि तस्वीर में मौजूद एक शख्स का चेहरा ही नहीं है। हमने जब इस तस्वीर को हाइव मॉडरेशन टूल की मदद से सर्च किया। टूल ने तस्वीर को 99.9 फीसदी तक एआई की मदद से बनाया हुआ बताया है।
तीसरी तस्वीर पर गौर करने पर हमने पाया कि फोटो में मौजूद एक महिला की नाक ही नहीं है, जबकि लोगों के चेहरे भी टेढ़े-मेढ़े हैं। इस तस्वीर को जब हमने हाइव मॉडरेशन टूल पर सर्च किया। टूल ने इस तस्वीर को भी 99.9 फीसदी तक एआई जेनरेटेड बताया।
हमने एक अन्य टूल साइट इंजन की मदद से भी तस्वीरों को सर्च किया। इस टूल ने भी तस्वीरों को 99 फीसदी तक एआई की मदद से बनाया गया बताया है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वायरल तस्वीर funnyaipics नामक एक टिक टॉक अकाउंट पर मिली। अकाउंट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर एआई जेनरेटेड कंटेंट को शेयर करता है। यूजर ने वायरल तस्वीर को 11 नवंबर 2023 को शेयर किया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने एआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे एआई एक्सपर्ट अंश मेहरा से संपर्क किया। उन्होंने तस्वीर को एआई जेनरेटेड बताया है।
अंक में हमने फोटो को गलत जानकारी के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 31 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सबसे लंबी गर्दन वाले परिवारों की वायरल तस्वीरों को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि एआई की मदद से बनाई गई है।
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