Fact Check: किसान आंदोलन के नाम पर वायरल मॉडिफाइड ट्रैक्टर की यह तस्वीर वास्तविक नहीं, AI क्रिएटेड है

विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर की जा रही ट्रैक्टर्स की वायरल तस्वीर असली नहीं,बल्कि एआई क्रिएटेड है। जिसे सोशल मीडिया यूजर्स असली समझ के वायरल कर रहे हैं।

Fact Check: किसान आंदोलन के नाम पर वायरल मॉडिफाइड ट्रैक्टर की यह तस्वीर वास्तविक नहीं, AI क्रिएटेड है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अपनी मांगों को लेकर किसानों ने 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया। किसानों के इस प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रामक और फर्जी दावे वायरल हो रहे हैं। इस बीच एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें ट्रैक्टर टैंकों की तरह दिख रहे हैं। दावा किया जा है कि यह फोटो किसान आंदोलन की है।

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा गलत निकला। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि एआई क्रिएटेड (AI) है। लोग तस्वीर को असली समझ के गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Apna mohalla-अपना मोहल्ला’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “PM आवास को घेरने किसान के रूप में आतंकी भीड़ पहुची दिल्ली,ये तथाकथित किसान अपने देश की राजधानी में प्रदर्शन करने जा रहे है या फिर किसी दुश्मन देश की सीमा पर हमला करने ट्रैक्टर को मोडिफाइड कर ऐसे बनाया है कि वो बैरिकेड्स तोड़ सके आग का सामना कर सके और आंसू गैस का भी इस पर असर न हो कौन किसान एक आंदोलन के लिए इतना खर्चा कर सकता है??????????? ये तो अब स्पष्ट है कि ये किसानों के नाम पर देश विरोधी लोगो का जमावड़ा है….. जो दुश्मनों द्वारा दिए गए पैसों से देश में अराजकता पैदा करना चाहते है।सरकार को चाहिए इनके सारे नेताओ को NSA लगा कर पहले बंद करे……… फिर उनकी अच्छी खातिरदारी कर सच का पता लगाए…….. ।”

कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने फोटो को ध्यान से देखा। फोटो में सड़क की बनावट और सड़क के दूसरी तरफ चल रही गाड़ियों की बनावट कुछ अलग लग रही है। जो इसके असली होने का संदेह पैदा करता है। हमने पड़ताल के लिए एआई टूल्स का इस्तेमाल किया। हमने hivemoderation.com टूल में तस्वीर को अपलोड किया। टूल के मुताबिक इस फोटो के एआई से बने होने की संभावना 85.4 फीसदी आई।

जांच में आगे हमने वायरल तस्वीर को एक अन्य एआई टूल contentatscale.ai के जरिए भी सर्च किया। इस टूल के अनुसार, इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 82 फीसदी आई है।

हमारी अब तक की जांच से यह तो स्पष्ट है कि वायरल हो रही तस्वीर वास्तविक नहीं है और यह एआई टूल की मदद से बनाई गई है। हमने एआई एक्सपर्ट अमर सिन्हा से संपर्क किया। उन्होंने तस्वीर को एआई क्रिएटेड बताया है। उनका कहना है कि आज कल एआई का इस्तेमाल इतना बढ़ गया है कि इससे कोई भी तस्वीर आसानी से बनाई जा सकती है, जो देखने में बिल्कुल असली लगती है।

कई यूजर्स ने इस तस्वीर को एक खबर के स्क्रीनशॉट के साथ शेयर किया है। इस खबर में एएनआई लिखा हुआ है। हमें यह खबर एएनआई की वेबसाइट पर 11 फरवरी 2024 को प्रकाशित मिली। पर खबर में किसी अन्य तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

किसान आंदोलन से जुड़ी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।

वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 47 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर की जा रही ट्रैक्टर्स की वायरल तस्वीर असली नहीं,बल्कि एआई क्रिएटेड है। जिसे सोशल मीडिया यूजर्स असली समझ के वायरल कर रहे हैं।

False
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