Fact Check: AI जेनरेटेड तस्वीर को गाजा की असली तस्वीर बताकर फैलाया जा रहा है भ्रम

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में गाजा की बताकर शेयर किए जा रहे दावे को फर्जी पाया। वायरल तस्वीर असली नहीं है, बल्कि इसे एआई टूल (AI) की मदद से तैयार किया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इजरायल-हमास संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है, जिसमें बहुत सारे टैंक नज़र आ रहे हैं। फोटो में कई सारे सैनिक और ध्वस्त इमारतों को भी देखा जा सकता है। अब कुछ लोग पोस्ट को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर गाजा की है।

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा गलत निकला। वायरल की जा रही तस्वीर वास्तविक नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल की मदद से तैयार की गई है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Parveen Rawat (परवीन रावत) ने 4 नवंबर को इस तस्वीर को शेयर किया और साथ में लिखा, “अब आई शांति । शांति का मज़हब शांति लेकर आता है ।

सब रेत रेत हो जाता है – बिलकुल शांत ।

सभ्य समाज को गाजा मे ऐसी ही शान्ती पसंद है

लव यू काफिर”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

एक अन्य फेसबुक यूजर ‘मुक्सा दुदौड़’ ( आर्काइव लिंक ) ने भी इस तस्वीर को शेयर किया है। और लिखा है, “गाजा का बाजा बजा दिया यहुदिओ ने अपनो के लिए लड़ना इनसे सीखना चाहिए।”

पड़ताल

वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह तस्वीर ‘livefromisrael’ नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिली। 30 अक्टूबर 2023 को शेयर तस्वीर के साथ लिखा गया, “For the AI lovers” अनुवादित- एआई प्रेमियों के लिए।”

हमने इस इंस्टाग्राम अकाउंट को पूरी तरह खंगाला। हमें इस पेज पर AI से बनी कई तस्वीरें मिली।

पड़ताल में आगे हमने एआई टूल से बनी तस्वीरों की पहचान करने वाले टूल ‘hivemoderation.com’ पर वायरल फोटो को अपलोड किया। जांच में इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.9% बताई गई है।

इस बारे में अधिक पुष्टि के लिए हमने एआई आर्टिस्ट भार्गव वलेरा से संपर्क कर उनको वायरल तस्वीर भेजी। उनका कहना है, “ये एआई जेनरेटेड इमेजेज हैं। ये असली नहीं हैं। इन्हें एआई टूल्स की मदद से बनाया गया है।“

पहले भी इजरायल-हमास संघर्ष से जुड़ी कई एआई इमेज सोशल मीडिया पर वायरल किए गए हैं। जिनकी जांच विश्वास न्यूज ने की है। आप उस फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ सकते हैं। एआई से जुड़ी कई रिपोर्ट को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में हमने एआई जेनरेटेड इमेज को असली समझ शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर उत्तराखंड के काशीपुर का रहने वाला है। यूजर को 584 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में गाजा की बताकर शेयर किए जा रहे दावे को फर्जी पाया। वायरल तस्वीर असली नहीं है, बल्कि इसे एआई टूल (AI) की मदद से तैयार किया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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