Fact Check: मुकेश अंबानी का यह वीडियो AI निर्मित है, इस स्कैम के झांसे में न आएं

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो डीप फेक है और पोस्ट में लगी कवर तस्वीर भी एडिटेड है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पीआरओ ने भी वायरल पोस्ट को फर्जी बताया है।

Fact Check: मुकेश अंबानी का यह वीडियो AI निर्मित है, इस स्कैम के झांसे में न आएं

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी का एक वीडियो आज कल काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्हें एक सोना अग्रवाल नाम की महिला की निवेश योजना का समर्थन करते सुना जा सकता है। इस पोस्ट के कवर फोटो में मुकेश अम्बानी को एक महिला के साथ खड़ा देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो डीप फेक है और पोस्ट में लगी कवर तस्वीर भी एडिटेड है।  

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क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर सोना सुपर (Sona Super) ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर किया, जिसके ऊपर अंग्रेजी में लिखा था, “भारत के सबसे अमीर आदमी का एक जरूरी बयान।” वीडियो में मुकेश अंबानी को अंग्रेजी में बोलते सुना जा सकता है “भारत के सभी निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा। मैं भारत के लोगों के लिए एक नई निवेश परियोजना की घोषणा कर रहा हूं। मैं व्यक्तिगत रूप से उस परियोजना का समर्थन करता हूं जहां हर कोई जोखिम के बिना कमा सकता है और सोना अग्रवाल को परियोजना का प्रमुख नियुक्त करता हूं। सोना के टेलीग्राम चैनल पर जाएं और लिखें कि आप मुकेश अंबानी के साथ जुड़े हुए हैं। वो आपको पैसे कमाने में मदद करेगी।”

पड़ताल

इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कवर पर लगे फोटो को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज पर मिली। मगर यहाँ मुकेश अंबानी के साथ वायरल फोटो वाली महिला नहीं, बल्कि उनकी पत्नी नीता अंबानी और उनका बेटा  अनंत अंबानी थे। तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा था, “भारत के सबसे अमीर आदमी और ऑयल-टू-टेलीकॉम समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (दाएं) अपनी पत्नी नीता अंबानी (सी) और अपने बेटे अनंत अंबानी के साथ 5 जुलाई, 2018 को मुंबई में कंपनी की 41वीं एजीएम के लिए पहुंचे। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने तेल, रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल व्यवसायों के लिए 31 मार्च को समाप्त तिमाही में 86.97 बिलियन रुपये का लाभ दर्ज किया, जो एक साल पहले 81.51 बिलियन रुपये था। (फोटो इंद्रनील मुखर्जी/एएफपी द्वारा) (फोटो क्रेडिट इंद्रनील मुखर्जी/एएफपी गेटी इमेजेज के माध्यम से पढ़ें)”

असली और नकली तस्वीर में अंतर नीचे दिए गए कोलाज में देखा जा सकता है।

इसके बाद हमने वीडियो की पड़ताल शुरू की। वीडियो में लिप सिंक काफी ख़राब है, साथ ही बोलने का एक्सेंट मुकेश अंबानी का नहीं है। इससे पता चलता है कि वीडियो डीप फेक है, जिसे एडिटिंग टूल्स या एआई  टूल्स से तैयार किया गया है।

हमने इस विषय में जानकारी हासिल करने के लिए दैनिक जागरण की वीडियो टीम की वीडियो एडिटर गरिमा प्रधान से बात की। हमने उनके साथ यह वायरल क्लिप शेयर की। उन्होंने बताया कि “वीडियो में लिप सिंक को देख कर साफ पता चलता है कि वीडियो एडिटेड है। आज कल बहुत-से एआई टूल उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से ऐसे वीडियोज आसानी से बनाये जा सकते हैं। कई बार असली और नकली में फर्क करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मल्टीपल प्लेटफॉर्म पर सर्च करना चाहिए और इसके बाद ही इन वीडियो पर भरोसा करना चाहिए। 

इस वीडियो के स्क्रीनशॉट्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह वीडियो 21 जुलाई 2017 को रिलायंस जियो के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोडेड मिला। पूरे वीडियो में कहीं भी मुकेश अंबानी ने किसी इन्वेस्टमेंट स्कीम को प्रमोट नहीं किया था। वीडियो के साथ अंग्रेजी में टाइटल लिखा था, “रिलायंस एजीएम 2017 – श्री मुकेश अंबानी द्वारा जियो फीचर फोन का अनावरण | रिलायंस जियो”

हमने इस विषय में रिलायंस इंडस्ट्रीज के पीआरओ फ्रांको विलियम्स से बात की। उन्होंने इस पोस्ट को फर्जी बताया।

वायरल पोस्ट में शेयर किये जा रहे लिंक को लेकर हमने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से बात की। उन्होंने कहा ‘ऐसे किसी अनवेरिफाइड लिंक पर क्लिक करने से आपका डाटा चोरी हो सकता है। ऐसे किसी लिंक पर क्लिक न करें।

इस लिंक पर दिए गए प्रोफाइल में लगाई हुई तस्वीर को जब हमने रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर प्रवासु कुटूर (Prevasu Couture) नाम के फैशन डिज़ाइनर के इंस्टाग्राम पेज पर मिली।  यहाँ दी  गयी जानकारी के अनुसार, तस्वीर में दिख रही महिला कंटेंट क्रिएटर सुखनीत वाधवा हैं।

हमने सुखनीत वाधवा का इंस्टाग्राम पेज भी खंगाला। हमें यह तस्वीर उनके पेज पर भी मिली। हमें कहीं भी उनके किसी इन्वेस्टमेंट स्कीम से जुड़े होने की जानकारी नहीं मिली। हमने इस विषय में सुखनीत वाधवा से भी मेल के जरिये संपर्क साधा है। उनका जवाब आते ही इस खबर को अपडेट किया जाएगा।

वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर सोना सुपर (Sona Super) को फेसबुक पर लगभग 500 लोग फॉलो करते हैं।

विश्वास न्यूज़ द्वारा AI तस्वीरों पर किये गए बाकि फैक्ट चेक नीचे पढ़े जा सकते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा गलत है। वायरल वीडियो डीप फेक है और पोस्ट में लगी कवर तस्वीर भी एडिटेड है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पीआरओ ने भी वायरल पोस्ट को फर्जी बताया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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