Fact Check: गरीब परिवार के नाम पर वायरल यह तस्वीर AI निर्मित है

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि गरीब परिवार के नाम से वायरल यह फोटो असली नहीं है। इस तस्वीर को एआई तकनीक की मदद से बनाया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में एक परिवार को देखा जा सकता है।  इस तस्वीर में एक पुरुष ने एक महिला को गोद में उठा रखा है, महिला के ऊपर एक नवजात बच्चा है। इन दोनों को पकडे 2 बच्चे और हैं, जो बारिश के बीच जमा पानी में चल रहे हैं। पोस्ट में इस जोड़े के लिए सहानुभूति जताई गई है और लाइक करने को कहा गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि यह फोटो असली नहीं है। इस तस्वीर को एआई तकनीक की मदद से बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट

थ्रेड्स यूजर ‘hanumanbhaktireels‘ (आर्काइव लिंक) ने तस्वीर को शेयर कर लिखा “Poor ko like kar do”

पड़ताल

वायरल तस्वीर में मौजूद लोगों के चेहरों को करीब से देखने पर यह तस्वीर कृत्रिम नजर आती है। हमें शक हुआ कि यह तस्वीर एआई निर्मित हो सकती है।

जांच के लिए हमने इस तस्वीर को एआई तस्वीरों को जांचने वाले टूल्स पर चेक किया।

एआई तस्वीरों को जांचने वाले टूल Hive Moderation ने इसे 92.1 प्रतिशत AI निर्मित बताय।

एआई तस्वीरों को जांचने वाले टूल हगिंग फेस ने भी इसे AI निर्मित ही बताया।

हमने इस विषय में एआई विशेषज्ञ अजहर माचवे से बात की। उन्होंने भी इसे एआई से बनी तस्वीर बताया।

इस तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर hanumanbhaktireels के थ्रेड्स पर 1000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।

विश्वास न्यूज इससे पहले भी एआई निर्मित तस्वीरों और डीपफेक वीडियो की पड़ताल कर उनकी असलियत सामने ला चुका है। फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि गरीब परिवार के नाम से वायरल यह फोटो असली नहीं है। इस तस्वीर को एआई तकनीक की मदद से बनाया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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