एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद से तैयार की गई तस्वीर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रूस में हुए हालिया मतदान में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर से चुनाव जीत गए हैं। ऐसे में वे 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें पुतिन के हाथों को पुलिसकर्मियों ने पकड़ा हुआ है। । तस्वीरों के जरिए दावा किया जा रहा है कि पुतिन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि पुतिन की गिरफ्तारी का दावा करती ये पोस्ट फेक है। वायरल तस्वीर डीप फेक है, यानी इस तस्वीर को डिजिटल टूल्स की मदद से तैयार किया गया है।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर यूजर ने 17 मार्च को इस पोस्ट को भेजकर इस तस्वीर की सच्चाई बताने का आग्रह किया है। इस तस्वीर में पुतिन को कुछ पुलिसवालों से घिरा देखा जा सकता है। तस्वीर को देख ऐसा लग रहा है कि पुतिन को हिरासत में लिया जा रहा है।
पड़ताल की शुरुआत के लिए हमने न्यूज सर्च किया। हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें पुतिन को गिरफ्तार किए जाने का जिक्र हो। जागरण डॉट कॉम की 18 मार्च की खबर के अनुसार, “रूस में तीन दिनों की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद हुई मतगणना में कुल पड़े मतों में 87.97 मत राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मिले हैं। इस प्रकार से पुतिन ने चुनाव जीत लिया है और वह 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि रूस में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए, इसलिए यह परिणाम अप्रत्याशित नहीं है।”
इसके बाद हमने वायरल तस्वीर को गौर से देखा। तस्वीर में दायीं ओर मौजूद पुलिसकर्मी के हाथ में 6 उंगलियां थी। साथ ही, दायीं और बायीं ओर खड़े पुलिसकमियों का चेहर एक जैसा है।
इसके बाद हमने इस तस्वीर को एआई डिटेक्ट करने वाली वेबसाइट हगिंग फेस पर डाला। यहां इस तस्वीर को 97 परसेंट एआई निर्मित बताया गया।
हमने इस विषय में ऐआई एक्सपर्ट डॉ. अजहर माकवे से बात की। उन्होंने बताया, “ये एआई जेनरेटेड इमेज है। ये असली नहीं है। इन्हें एआई टूल्स की मदद से बनाया गया है।“
1. जूम इन करें और ध्यान से देखें: एआई द्वारा बनीं कई तस्वीरें पहली नजर में वास्तविक लगती हैं। इसलिए हमारा पहला सुझाव है कि तस्वीर को ध्यान से देखें। ऐसा करने के लिए, उच्चतम-संभव रिजोल्यूशन में तस्वीर खोजें और फिर उसे ज़ूम करें। छवि को बड़ा करने से ऐसी विसंगतियाँ और त्रुटियाँ सामने आ सकती हैं, जो पहली नजर में सामने नहीं आतीं।
2. छवि का स्रोत ढूंढें: यदि आप अनिश्चित हैं कि कोई तस्वीर वास्तविक है या AI द्वारा बनाई गई है, तो उसका स्रोत खोजने का प्रयास करें। आप पोस्ट के नीचे अन्य यूजर द्वारा किये गए कमेंट को पढ़कर भी तस्वीर के बारे में काफी कुछ जान सकते हैं। या आप रिवर्स इमेज सर्च कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, छवि को Google इमेज रिवर्स सर्च, टिनआई या यांडेक्स जैसे टूल पर अपलोड करें और आपको छवि का मूल स्रोत मिल सकता है। गूगल लेंस के इस्तेमाल से भी आप सोर्स ढूंढ सकते हैं।
3. शरीर के अनुपात पर ध्यान दें: ध्यान से देखें कि क्या चित्रित लोगों के शरीर का अनुपात सही है? उदाहरण के लिए, तस्वीर में मौजूद व्यक्ति के साथ पैर और उँगलियों के अनुपात को ध्यान से देखें। एआई-जनरेटेड छवियों में अक्सर इन अंगों का अनुपात ऊपर-नीचे होता है। कई बार उंगलियों की संख्या भी ऊपर-नीचे हो सकती है।
4. हद से अधिक परफेक्शन: आम तौर पर देखा गया है कि एआई-जनरेटेड तस्वीरें कुछ ज्यादा ही स्मूथ दिखती हैं। ऐसे में ध्यान से देखना जरूरी है कि कहीं तस्वीर अस्वाभाविक रूप से दोषहीन तो नहीं दिख रही। उदाहरण के लिए तस्वीर में दिख रही भीड़ को ध्यान से देखें सड़क और आसपास के वातावरण को ध्यान से देखें।
निष्कर्ष: एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद से तैयार की गई तस्वीर को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की गिरफ्तारी के गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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