Fact Check : कैलास पर्वत के नाम पर AI क्रिएटेड वीडियो को, असली बताकर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि कैलास  पर्वत के नाम से वायरल वीडियो एआई की मदद से बनाया गया है। लोग वीडियो को असली समझकर गलत दावे से शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बर्फ के एक पहाड़ के ऊपर बादलों को देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को असली समझकर शेयर कर रहे हैं। दावा किया जा रहा कि यह कैलास  पर्वत का असली दृश्य है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है।कैलास पर्वत के नाम से वायरल वीडियो असली नहीं है, बल्कि एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है। लोग इसे असली दृश्य समझकर गलत दावे से शेयर कर रहे हैं। 

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘सूरज तिवारी (Suraj Tiwari  (Suraj jhari)) ने (आर्काइव लिंक) 10 नवंबर 2024 को इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “कैलाश पर्वत का अद्भुत दृश्य”

ऐसे ही इंस्टाग्राम यूजर shailfilm ने भी इस वीडियो को शेयर किया है। 9 नवंबर 2024 को शेयर किये गए वीडियो के साथ लिखा गया है,”हर हर महादेव कैलाश पर्वत Mount Kailash, Tibet”

पड़ताल

सबसे पहले हमने वीडियो को ध्यान से देखा, वीडियो देखने में ही स्वाभाविक नहीं लगा। जिससे इसके एआई से बने होने का संदेह होता है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में हमें यह वीडियो kailashenergy नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला। 28 जून 2024 को अपलोड वीडियो के कमेंट्स सेक्शन में कई लोगों ने इसे एआई बताया है। इस अकाउंट पर हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते कई अन्य वीडियोज मिले।

पड़ताल में आगे हमने वीडियो के स्क्रीनशॉट को एआई टूल्स के जरिए सर्च किया। हमने एआई टूल हाइव मॉडरेशन पर स्क्रीनशॉट को अपलोड किया। इस टूल के मुताबिक, यह 95.2 फीसदी एआई जेनरेटेड है।

वीडियो को लेकर हमारे पार्टनर डीएयू (एमसीए की पहल) से संपर्क किया और उन्होंने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो एआई की मदद से बनाया गया है।

हमने वायरल वीडियो को एआई विशेषज्ञ अजहर माचवे के साथ शेयर किया। उन्होंने भी वीडियो को एआई बताया है। वीडियो में दिख रहे बादल और पीछे दिख रहे बादल अलग हैं। वीडियो देखने में भी असली नहीं लग रहा है, जिससे साफ़ है कि यह एआई जेनरेटेड है।

विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शन में ऐसे अन्य डीपफेक वीडियो की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ा जा सकता है।

अंत में हमने वीडियो को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। पता चला कि यूजर को 5 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने स्वयं को मध्य प्रदेश के सतना का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि कैलास  पर्वत के नाम से वायरल वीडियो एआई की मदद से बनाया गया है। लोग वीडियो को असली समझकर गलत दावे से शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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