सेना के जवानों की एआई निर्मित तस्वीरों से बने वीडियो को शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो डिजिटली क्रिएटेड है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सेना के जवानों की तस्वीरों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को सैन्यकर्मियों के प्रति सम्मान को दर्शाने के लिए शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो को एआई निर्मित तस्वीरों का इस्तेमाल करके बनाया गया है। वीडियो पोस्ट करने वाले यूजर ने सेना के जवानों की कई अन्य एआई निर्मित तस्वीरों और उनसे बने वीडियो को पोस्ट किया है, लेकिन किसी भी पोस्ट में इनके एआई जनरेटेड होने की जानकारी नहीं दी गई है, जिस कारण यूजर्स इन्हें सच समझकर शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर ‘FAUJI Lovers‘ (आर्काइव लिंक) ने वीडियो को शेयर किया है।
वायरल वीडियो में दिख रही तस्वीरें देखने पर डिजिटली क्रिएटेड लगी। हमने इसे पोस्ट करने वाले यूजर की प्रोफाइल को चेक किया। इस पर डिजिटल क्रिएटर लिखा हुआ है। इस पेज पर इस तरह की कई और तस्वीरें और वीडियो को पोस्ट किया गया है।
इसके बाद हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स निकाले। इनको एक-एक करके एआई तस्वीरों को जांचने वाले टूल illuminarty और Hive Moderation से चेक किया।
illuminarty से चेक करने पर पता चला कि यह 78 फीसदी एआई संभावित हो सकती है।
illuminarty से दूसरी तस्वीर के एआई निर्मित होने की संभावना 68.8 फीसदी निकली।
illuminarty ने इसके एआई निर्मित होने की संभावना 98.8 फीसदी निकाली।
चौथी और पांचवीं तस्वीर को हमने Hive Moderation से चेक किया। टूल ने इनके एआई से निर्मित होने की संभावना जताई। साथ ही टूल ने इसके लिए मिडजर्नी के प्रयोग होने की भी संभावना जताई।
इससे पता चलता है कि एआई निर्मित तस्वीरों का इस्तेमाल करके इस वीडियो को डिजिटली बनाया गया है।
इस बारे में स्वतंत्र रूप से वीडियो प्रोडक्शन का काम करने वाले वीडियो एक्सपर्ट अरुण कुमार से बात की। उनका कहना है कि इस वीडियो को एआई जनरेटेड तस्वीरों से बनाया गया है।
इस बारे में अधिक पुष्टि के लिए हमने एआई एक्सपर्ट और ALTRD की फाउंडर गायत्री अग्रवाल से संपर्क कर उन्हें वायरल वीडियो भेजा। उन्होंने भी इसे एआई निर्मित तस्वीरों से बना वीडियो बताया।
इसके बाद हमने यूजर की प्रोफाइल पर मौजूद कुछ और पोस्ट को देखा। इनमें से दो पोस्ट में सेना की महिला और पुरुष जवान को लोगों को खाना परोसते हुए दिखाया गया है। पोस्ट यहां (आर्काइव लिंक) और यहां (आर्काइव लिंक) देखें।
इन दोनों तस्वीरों को भी हमने एक-एक करके एआई डिटेक्शन टूल illuminarty की मदद से चेक किया। जांच में एक तस्वीर के एआई निर्मित होने की संभावना 97.9 और दूसरी की संभावना 99.3 फीसदी निकली।
इससे पता चलता है कि यूजर ने एआई निर्मित तस्वीरों को वीडियो या तस्वीरों के रूप में पोस्ट किया है और इस बारे में जानकारी भी नहीं दी गई है। इस वजह से यूजर्स इसे सच समझकर शेयर कर रहे हैं।
एआई निर्मित तस्वीरों और उनसे बने वीडियो को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर के करीब 4200 फॉलोअर्स हैं। उन्होंने सेना के जवानों की कई एआई निर्मित तस्वीरों को पोस्ट किया है।
विश्वास न्यूज इससे पहले भी एआई निर्मित तस्वीरों और डीपफेक वीडियो की पड़ताल कर उनकी असलियत सामने ला चुका है। फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: सेना के जवानों की एआई निर्मित तस्वीरों से बने वीडियो को शेयर किया जा रहा है। वायरल वीडियो डिजिटली क्रिएटेड है।
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