Fact Check: गौतम अडानी नहीं हुए गिरफ्तार, वायरल तस्वीर AI टूल से बनाई गई है 

गौतम अडानी के गिरफ्तार होने का दावा गलत है और इस दावे से वायरल हो रही तस्वीर AI टूल की मदद से बनाई गई है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारतीय कारोबारी गौतम अडानी पर अमेरिका की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप लगाये हैं। इस मामले में अमेरिका की एक अदालत ने गौतम अडानी सहित सात अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुकी है। इसी से जोड़ते हुए गौतम अडानी की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें उन्हें गिरफ्तार देखा जा सकता है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल की मदद से बनाई गई है। गौरतलब है कि अडानी के गिरफ्तारी का वारंट अमेरिका में जारी हुआ है और भारत में उनकी गिरफ्तारी का दावा फेक है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर तुषार आर्य ने 21 नवंबर 2024 को वायरल तस्वीर के शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “अमेरिकी संघीय अदालत ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह गिरफ्तारी वारंट विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भी भेजा जाएगा। मोदी सरकार के लिए बेहद शर्म की बात है।” 

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

जागरण.कॉम पर 21 नवंबर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडानी ग्रुप ने भारत में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर यानी करीब 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे हैं। इससे अडानी ग्रुप को अगले 20 साल में कथित तौर पर 2 अरब डॉलर का फायदा होने का अनुमान था। अडानी पर आरोप है कि रिश्वत के पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इस वजह से दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिकी निवेशकों का पैसा लगा है। अमेरिकी कानून के मुताबिक, उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।”

21 नवंबर 2024 को प्रकाशित एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, एसईसी की ओर से लगाए गए आरोप का अडानी ग्रुप ने खंडन किया है। अडानी ग्रुप ने शेयरधारकों को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि हमारा ग्रुप पारदर्शिता और रेगुलेटरी के सभी नियमों का पालन करता है और आगे भी इसी तरह सभी नियमों का पालन करता रहेगा।

कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इस खुलासे का जिक्र है।

हमारी जांच से स्पष्ट है कि अडानी को गिरफ्तार किए जाने का दावा फेक है। इसके बाद हमने इस दावे से वायरल तस्वीर की प्रमाणिकता की जांच की, जिसमें उन्हें गिरफ्तार देखा जा सकता है। इस तस्वीर में ऐसी कई खामियां नजर आईं, जो इसके एआई टूल्स की मदद से बने होने की संभावना जाहिर करती है।

इसलिए हमने इस तस्वीर को एआई की मदद से बने मल्टीमीडिया की जांच करने वाले टूल्स से जांच। हाइव मॉडरेशन और साइट इंजन दोनों ही टूल्स की एनालिसिस में इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 100 फीसदी है।

हमने एआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे एआई एक्सपर्ट अंश मेहरा से संपर्क किया। उन्होंने वायरल तस्वीर को एआई जेनरेटेड बताया है।

अंत में हमने फोटो को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को छह हजार चार सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को मेरठ का रहने वाला बताया है। 

निष्कर्ष: गौतम अडानी के गिरफ्तार होने का दावा गलत है और इस दावे से वायरल हो रही तस्वीर AI टूल की मदद से बनाई गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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