विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रोते किसान की वायरल तस्वीर असली नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई है। तस्वीर को असली समझ के शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पिछले दिनों हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है। फसल खराब होने के कारण किसानों को भी परेशानी का सामना कर पड़ रहा है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें एक किसान को ओलावृष्टि के कारण खराब हुई फसल के बीच रोते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस तस्वीर को सच मानकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं है, बल्कि एआई की मदद से बनाई गई है। लोग तस्वीर को सच समझकर शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर Mohanjeet Sarpanch Changali ने 21 अप्रैल 2024 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “कहां रखो छुपा के तुझे कनक भगवान बेईमान हो गया। वाहेगुरु जी मेहर करो अन्नदाता पर, इस तस्वीर ने मन दुखी कर दिया।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
एक्स यूजर Prabhjot Singh Sandhu ने भी इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने तस्वीर को ध्यान से देखा। यह फोटो देखने में असली नहीं लग रही, जिससे इसके एआई से बने होने का संकेत मिलता है। तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना को हमने एआई टूल की मदद से चेक किया। हमने हाइव मॉडरेशन टूल का इस्तेमाल किया। इसमें इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.9 फीसदी आई।
हमने तस्वीर को एक अन्य टूल इज इट एआई के जरिए सर्च किया। इस टूल में वायरल फोटो के एआई से बने होने की संभावना 85.61 फीसदी बताया है।
इस बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हमने एआई एक्सपर्ट और ALTRD की फाउंडर गायत्री अग्रवाल से संपर्क किया और वायरल तस्वीर को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि तस्वीर को एआई की मदद से बनाया गया है। तस्वीर में पड़ रहे ओले और आस-पास देख के साफ़ पता चलता है कि तस्वीर असली नहीं है।
विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर एआई निर्मित तस्वीरों और डीपफेक वीडियो की पड़ताल को डिटेल में यहां पढ़ा जा सकता है।
अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को फ़िरोज़पुर का रहने वाला बताया हुआ है। फेसबुक पर यूजर को सात हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रोते किसान की वायरल तस्वीर असली नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई है। तस्वीर को असली समझ के शेयर किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।