समुद्र किनारे पेड़ों के बीच कलाकृति की तरह नजर आ रही राहुल गांधी की तस्वीर वास्तव में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद से बनाई गई तस्वीर है, जिसे फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जो किसी कलाकृति की तरह नजर आ रही है। तस्वीर में समुद्र किनारे पेड़ों के बीच राहुल गांधी की उभरती हुई तस्वीर नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर एक ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक ने दक्षिणी गोवा के कोल्वा बीच पर खींची थी।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर वास्तविक नहीं है, बल्कि एआई टूल की मदद से बनाई गई है , जिसे यूजर्स वास्तविक समझ कर शेयर कर रहे हैं।
सोशल मीडिया यूजर ‘Aman Khan’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “This photograph was clicked by a Australian Tourist in Colva beach, South Goa & it’s a ‘message to entire Planet Earth by mother Nature’. 🏞️
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(“यह तस्वीर दक्षिणी गोवा के कोल्वा बीच पर एक ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक ने खींची थी और यह प्रकृति की तरफ से संपूर्ण पृथ्वी ग्रह के लिए एक संदेश है।”)
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल तस्वीर के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में यह तस्वीर ‘Ductar Fakir 2.0’ नामक वेरिफाइड एक्स यूजर्स की प्रोफाइल पर लगी मिली।
इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्होंने इसे सटायर बताया है। उन्होंने लिखा है, “इस तस्वीर को मोदी की फेक एआई क्रिएटेड तस्वीर के जवाब में व्यंग्य के तौर पर पेश किया गया है, जिसे वाट्सऐप पर सही समझ कर फैलाया गया था। आंखें खोलो वाट्सऐप के अंकल लोग।”
सोशल मीडिया सर्च में हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वह तस्वीर भी मिली, जिसके जवाब में इस तस्वीर को शेयर किया गया है। माधव कोहली ने अपनी वेरिफाइड एक्स प्रोफाइल से पीएम मोदी की तस्वीर को शेयर किया था, जिसे उन्होंने स्टेबल डिफ्यूजन नाम के ऐप की मदद से तैयार किया था ।
इस तस्वीर को कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने किसी पर्यटक के खींची गई तस्वीर के फेक दावे के साथ शेयर करना शुरू कर दिया था। stablediffusionweb.com टेक्स्ट टू इमेज डिफ्यूजन मॉडल है, जो टेक्स्ट इनपुट के आधार पर एआई इमेज को तैयार करता है।
वायरल तस्वीर को लेकर विश्वास न्यूज ने एआई एक्सपर्ट अभिजीत पराशर से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “यह एआई क्रिएटेड तस्वीर है।” उन्होंने बताया कि ऐसे कई टूल्स मौजूद हैं, जहां प्रॉम्प्ट की मदद से ऐसी तस्वीरों को बनाया जा सकता है।
वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर को एक्स पर करीब तीन हजार लोग फॉलो करते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली एआई क्रिएटेड तस्वीरों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शंस में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: समुद्र किनारे पेड़ों के बीच कलाकृति की तरह नजर आ रही राहुल गांधी की तस्वीर वास्तव में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद से बनाई गई तस्वीर है, जिसे फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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