Fact Check: सब्जियों से बनाई गई चीजों की ये सभी तस्वीरें असली नहीं, बल्कि AI क्रिएटेड हैं

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही यह सभी तस्वीर एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है। इन फोटो के असली होने का दावा पूरी तरह से फर्जी है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर सब्जियों से बनाई गई अलग- अलग चीजों की तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं। एक फोटो में बूढ़े व्यक्ति को लाल मिर्चियों से बनी रेलगाड़ी में बैठे हुए देखा जा सकता है। वहीं, दूसरी तस्वीर में खेत में एक बेहद बड़ी नजर आने वाली गोभी दिखाई दे रही हैं। वायरल हो रही इन फोटो में तरबूज से बना टॉय हेलिकॉप्टर और बाकी चीजें भी शामिल है। यूजर्स इन तस्वीरों को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह सभी असली तस्वीरें हैं, जो किसानों या गांववालों  ने बनाई है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही यह सभी तस्वीर एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है। इन फोटो के असली होने का दावा पूरी तरह से फर्जी है।

क्या हो रहा है वायरल ?

इंस्टाग्राम यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “एक छोटे से गांव के गरीब आदमी ने हरी मिर्ची इकठ्ठा करके रेलगाड़ी बनाई कोई पसंद नहीं करता है।”

वहीं बेहद बड़ी नजर आरही गोभी की फोटो को शेयर करते हुए लिखा गया है कि, ”एक गोभी कितनी बड़ी है किसान के मेहनत का रंग लाया किसान के दुश्मन हो तो लाइक मत करना।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां और यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल हो रहीं इन तस्वीरों को गौर से देखा। यह फोटो देखने में असली नहीं लग रही, जिससे इसके एआई से बने होने का संकेत मिलता है। हमने इन सभी तस्वीरों को अलग- अगल चेक करने का फैसला किया।

पहली तस्वीर 

तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना को हमने एआई टूल की मदद से चेक किया। हमने हाइव मॉडरेशन टूल का इस्तेमाल किया। इसमें इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.5 फीसदी आई।

हमने तस्वीर को एक अन्य टूल हगिंग  फेस के जरिए सर्च किया। इस टूल में वायरल फोटो के एआई से बने होने की संभावना 96 फीसदी बताया है।

दूसरी तस्वीर 

इस तस्वीर को हाइव मॉडरेशन टूल पर अपलोड किये जाने पर मिले नतीजों के मुताबिक, इसके एआई से बने होने की संभावना 99.7 फीसदी है।

वहीं, हगिंग फेस टूल के मुताबिक, यह तस्वीर 94 फीसदी AI है।

तीसरी तस्वीर 

हाइव मॉडरेशन टूल पर इस फोटो को अपलोड किये जाने पर मालूम हुआ हुआ कि 99.9 फीसदी यह फोटो एआई से क्रिएटेड है।

वहीं,हगिंग फेस टूल के मुताबिक, यह तस्वीर 93 फीसदी AI से क्रिएटेड है।

चौथी तस्वीर

इस फोटो को भी सबसे पहले हमने हाइव मॉडरेशन टूल पर अपलोड किया, यहाँ इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.6 फीसदी बताई गई।  

हमने तस्वीर को एक साइट  इंजन के जरिए सर्च किया। इस टूल में वायरल फोटो के एआई से बने होने की संभावना 99 फीसदी बताया है।

पांचवीं  तस्वीर

इस तस्वीर पर भी हाइव मॉडरेशन टूल के इस्तेमाल से हमने जाना कि 99.9 फीसदी मुमकिन है कि इस फोटो को भी एआई से बनाया गया है।

वहीं, साइट इंजन के मुताबिक, 99 परसेंट यह फोटो एआई है।

इस बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हमने एआई एक्सपर्ट भार्गव वुलेरा से संपर्क किया और वायरल तस्वीर को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि ऐसी तस्वीरों को एआई टूल मिडजर्नी की मदद से बनाया जा सकता है।

विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर एआई निर्मित तस्वीरों और डीपफेक वीडियो की पड़ताल को डिटेल में यहां पढ़ा जा सकता है।

इन सभी फोटो को शेयर करने वाले इंस्टाग्राम यूजर के अकाउंट को विश्वास न्यूज ने स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को देढ़ लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही यह सभी तस्वीर एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है। इन फोटो के असली होने का दावा पूरी तरह से फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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