Fact Check: बाढ़ की यह तस्वीर असली नहीं, AI से बनाई गई है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बाढ़ की वायरल तस्वीर असली घटना की नहीं है। फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  की मदद से बनाया गया है। जिसे असली समझकर शेयर किया जा रहा है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में एक बुजुर्ग महिला को गोद में एक छोटे बच्चे को लिए देखा जा सकता है। फोटो में अन्य बच्चों को पानी में खड़े देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह असली बाढ़ की फोटो है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया। यह तस्वीर किसी असली घटना की नहीं है, बल्कि इस तस्वीर को एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है। जिसे असली समझकर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर All Videos ने (आर्काइव लिंक ) वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘हिरो हिरोइन का फोटो सभी लाइक करते हैं, आज देखते हैं मां को फॉलो लाइक कमेंट शेर कौन करते हैं।#BMW #फोटोग्राफी फॉलो करें।’

फोटो के ऊपर लिखा हुआ है: बाढ़ का कहर

ऐसे ही इंस्टाग्राम यूजर gav_aala_jaat_07 ने भी इस फोटो को असली समझकर शेयर किया है।

पड़ताल

पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल फोटो को गौर से देखा। तस्वीर में साफ़ तौर पर देखा जा जा रहा है कि इस फोटो में किसी के भी चेहरे की बनावट सही नजर नहीं आ रही है। तस्वीर में किसी की भी आंख नहीं दिख रही और हाथ की बनावट भी अलग है। जिससे साफ़ होता है कि तस्वीर असली नहीं है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने फोटो को एआई टूल्स की मदद से सर्च किया। हमने तस्वीर को हाइव मॉडरेशन टूल पर अपलोड किया।  इस टूल के अनुसार, वायरल तस्वीर 98.6 फीसदी तक एआई जेनरेटेड है।

हमने तस्वीर को brandwell.ai टूल के जरिए भी सर्च किया। इस टूल के अनुसार, वायरल तस्वीर 99 फीसदी एआई से बनाई गई है।

हमने एक अन्य टूल हगिंग फेस पर भी वायरल तस्वीर को चेक किया। इस टूल में फोटो को 99 फीसदी एआई इमेज बताया है।

अंत में हमने तस्वीर को एआई एक्सपर्ट अंश मेहरा के साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि फोटो एआई से बनाई गई है।

कुछ दिन पहले बिहार में आई बाढ़ से जोड़कर एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें बाढ़ से पीड़ित एक परिवार को दिखाया गया। लोगों ने इस तस्वीर को असली समझकर शेयर किया, पर यह फोटो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई थी। इसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर एआई तस्वीरों और डीपफेक वीडियोज से जुड़ी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को एआई सेक्शन पर पढ़ा जा सकता है।

अंत में हमने तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। पता चला कि यूजर को 10 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने स्वयं को दिल्ली का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बाढ़ की वायरल तस्वीर असली घटना की नहीं है। फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  की मदद से बनाया गया है। जिसे असली समझकर शेयर किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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