Fact Check: तिरंगा बनाती महिला जवान की यह तस्वीर AI निर्मित है, असली समझ कर की जा रही शेयर

विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि वायरल तस्वीर असली नहीं है। यह तस्वीर एआई निर्मित है।

Fact Check: तिरंगा बनाती महिला जवान की यह तस्वीर AI निर्मित है, असली समझ कर की जा रही शेयर

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक महिला जवान को सड़क पर तिरंगे की रंगोली बनाते देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को असली समझ के शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया वायरल दावे को गलत पाया। असल में वायरल तस्वीर एआई निर्मित है। जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Kiran Sharma is at किरण शर्मा, त्रिवेणी धाम ने 14 अगस्त को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “भारत की बेटी तिरंगा सजाते हुए आप सभी को 78वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

#तिरंगा_यात्रा #KiranSharma #swatantratadiwas”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

वायरल तस्वीर देखने में ही स्वभाविक नहीं लग रही है, जिससे इसके एआई से बने होने का संदेह होता है। हमने वायरल फोटो की जांच के लिए हाइव मॉडरेशन टूल की मदद ली। इसमें फोटो के एआई से बने होने की संभावना 99.1 फीसदी आई।

हमने फोटो को contentatscale.ai टूल के जरिए भी सर्च किया। इस पर फोटो के 99 फीसदी एआई से बने होने की संभावना आई।

हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर एआई टूल की मदद से बनाई गई है। तस्वीर को हमने एआई विशेषज्ञ अंश मेहरा के साथ शेयर किया। उन्होंने बताया कि यह एआई से बनी तस्वीर है। आजकल एआई से कोई भी कैसी भी तस्वीर बना सकता है जो देखने में असली लगती है।

इससे पहले बांग्लादेश में जारी हिंसा से जोड़कर एक तस्वीर वायरल की गई। तस्वीर दो रोते हुए बच्चों की थी। इस फोटो को असली समझ के शेयर किया जा रहा था, लेकिन जब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि तस्वीर एआई निर्मित थी। इसे एआई टूल की मदद से बनाया गया था। फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं ।

विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शन में ऐसे अन्य वायरल वीडियो और तस्वीरों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ सकते हैं।

अंत में पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को स्कैन किया। पता चला कि यूजर को लगभग 10 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने स्वयं को   शाहपुरा,जयपुर डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि वायरल तस्वीर असली नहीं है। यह तस्वीर एआई निर्मित है।

False
Symbols that define nature of fake news
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