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Fact Check: अंडरगारमेंट्स पहने दुल्हन की यह तस्वीर AI जेनरेटेड है, संप्रदायिक दावे से की जा रही वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि शादी में आपत्तिजनक कपड़े पहने हुए दुल्हन की वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि फेक है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल की मदद से बनाया गया है। समुदाय विशेष के खिलाफ इस फेक तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है।

  • By: Pragya Shukla
  • Published: Nov 27, 2024 at 04:01 PM
  • Updated: Nov 27, 2024 at 04:15 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर शादी की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक दुल्हन को आपत्तिजनक कपड़े पहने हुए देखा जा सकता हैं। इस फोटो को शेयर कर हिंदू समुदाय पर तंज कसते हुए दावा किया जा रहा है कि ऐसी शादियों को प्रोत्साहित करने के लिए हिजाब और बुर्का पर पाबंदी का समर्थन किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि फेक है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल की मदद से बनाया गया है। समुदाय विशेष के खिलाफ इस फेक तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘अंधभक्त धुलाई सेंटर’ ने 26 नवंबर 2024 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बुरके और हिजाब पर पाबन्दी बस इसी संस्कृति को बचाने के लिये है… अंधभक्तों की बहनें अब खुश हैं!” 

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें फोटो रेडिट के एक एडल्ट पेज पर मिला। फोटो को 18 नवंबर 2024 को शेयर किया गया था। फोटो को कमेंट  में एआई जेनरेटेड  बताया गया है।

पेज को खंगालने पर हमने पाया कि पेज पर एडल्ट एआई तस्वीरों को शेयर किया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने फोटो को एआई की मदद से बने मल्टीमीडिया की जांच करने वाले टूल्स की मदद से सर्च किया। हमने डीकॉपी की मदद से भी फोटो को सर्च किया। इस टूल ने भी तस्वीर को एआई की मदद से बनाया हुआ बताया। टूल ने फोटो को 90 फीसदी तक एआई जेनरेटेड  बताया। 

हमने एक अन्य टूल एआई इमेज डिटेक्टर के जरिए फोटो को सर्च किया। टूल ने फोटो को 71 फीसदी तक एआई जेनरेटेड  बताया है।

हमने एआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे एआई एक्सपर्ट अंश मेहरा से संपर्क किया। उन्होंने तस्वीर को एआई टूल्स की मदद से बनाया हुआ बताया है। 

अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को 63 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि शादी में आपत्तिजनक कपड़े पहने हुए दुल्हन की वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि फेक है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल की मदद से बनाया गया है। समुदाय विशेष के खिलाफ इस फेक तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है।

  • Claim Review : अंडरगारमेंट्स पहने हिंदू दुल्हन की तस्वीर।
  • Claimed By : FB User अंधभक्त धुलाई सेंटर
  • Fact Check : झूठ
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