विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि गोलियथ के मकबरे में मिले मोबाइल फोन की तस्वीर के नाम से किया जा रहा वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली खोज की नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पुरातत्व विभाग को गोलियथ के मकबरे में विशालकाय मोबाइल फोन मिला है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली खोज की नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है।
फेसबुक यूजर ‘मुंडो एंटीगुओ’ ने 30 अक्टूबर 2024 को वायरल फोटो को शेयर करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, “चौंकाने वाली खोज: राजा गोलियथ के मकबरे में मिला विशालकाय मोबाइल फोन!”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली।
आजकल इस तरह की कई एआई तस्वीरें सोशल मीडिया पर भ्रामक दावों के साथ वायरल होती रहती हैं। कुछ समय पहले कुंभकर्ण की तलवार को लेकर भी कुछ इसी तरह का दावा वायरल हुआ था। ऐसे में हमें इस तस्वीर के एआई होने का संदेह हुआ।
हमने एआई टूल साइट इंजन की मदद से फोटो को सर्च किया। हमने फोटो को टूल में अपलोड किया। मौजूद जानकारी के मुताबिक, तस्वीर 99 फीसदी तक एआई जेनरेटेड है।
हमने एक अन्य टूल इज इट एआई की मदद से भी फोटो को सर्च किया। इस टूल ने भी फोटो को 81 फीसदी तक एआई की मदद से बनाया हुआ बताया है।
अधिक जानकारी के लिए हमने एआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे एआई एक्सपर्ट अंश मेहरा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि तस्वीर को एआई की मदद से बनाया गया है।
अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को एक लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि गोलियथ के मकबरे में मिले मोबाइल फोन की तस्वीर के नाम से किया जा रहा वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली खोज की नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है।
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