Fact Check: नक्सलियों को लेकर वायरल हो रहा राज बब्बर का बयान तीन साल पुराना है
हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि राज बब्बर का वायरल बयान साल 2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के समय का है, यह ताजा बयान नहीं है। लिहाजा इसे उनका ताजा बयान बताकर गलत तरीके से छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई नक्सलियों में मुठभेड़ से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
- By: Amanpreet Kaur
- Published: Apr 10, 2021 at 01:10 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 4 अप्रैल को हुई नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक अखबार की क्लिपिंग वायरल हो रही है। इस क्लिपिंग में अभिनेता व कांग्रेस नेता राज बब्बर की तस्वीर के साथ शीर्षक लिखा गया है: “राजबब्बर बोले, क्रांति कर रहे हैं नक्सली”। नक्सलियों के साथ हुई ताजा मुठभेड़ में 23 सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने के बाद सोशल मीडिया पर इस न्यूजपेपर क्लिपिंग के जरिए राज बब्बर पर निशाना साधा जा रहा है। दावा है कि जहां एक तरफ सुरक्षाकर्मी शहीद हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ राज बब्बर कह रहे हैं कि नक्सली क्रांति कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल की और इस दावे को गलत पाया। दरअसल वायरल हो रही क्लिपिंग नईदुनिया अखबार के रायपुर एडिशन की है। राज बब्बर ने यह बयान साल 2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के समय एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया था। इसके बाद उनके बयान पर काफी विवाद भी हुआ था।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर छोटू पुजारी ने यह न्यूजपेपर क्लिपिंग शेयर करते हुए लिखा गया है: छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में 22 सुरक्षाकर्मी नक्सली मुठभेड़ में शहीद होते हैं। पर कांग्रेस के नेता राज बब्बर कह रहे हैं नक्सली क्रांति कर रहे हैं,ऐसा कहने वाले बब्बर अब किसी भी प्रकार की सुरक्षा के हकदार हैं क्या?
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले इंटरनेट पर कीवर्ड्स की मदद से राज बब्बर के इस बयान के बारे में सर्च किया। हमें नवंबर 2018 में प्रकाशित हुई ऐसी बहुत सारी मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इन रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारक राज बब्बर ने रायपुर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नक्सलवाद पर बयान देते हुए कहा था: गोलियों से मसले हल नहीं होते, उनके सवालों का जवाब देना पड़ेगा और उनको डरा कर या लालच देकर क्रांति के लिए जो लोग निकले हुए हैं उन्हें रोक नहीं सकते हैं। ना इधर की बंदूक से हल निकलेगा ना उधर की, बातचीत से हल निकलेगा।
राज बब्बर के बयान को यहां सुना जा सकता है।
हालांकि, उनके इस बयान के बाद काफी बवाल भी हुआ, जिसके बारे में कई मीडिया रिपोर्ट्स भी प्रकाशित हुईं।
ज्यादा जानकारी के लिए हमने नईदुनिया के छत्तीसगढ़ ब्यूरो चीफ संजीत कुमार से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि की कि वायरल कटिंग नईदुनिया अखबार में छपी खबर की ही है, लेकिन यह खबर नवंबर 2018 में प्रकाशित की गई थी, यह राज बब्बर का ताजा बयान नहीं है।
हमें राज बब्बर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 5 अप्रैल को किया एक ट्वीट भी मिला, जिसमें उन्होंने लिखा है कि आंतरिक सुरक्षा का दुश्मन है नक्सलवाद।
अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर छोटू पुजारी की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक इस यूजर के फेसबुक पर 4500 से ज्यादा दोस्त थे, जबकि वह छत्तीसगढ़ का रहने वाला है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि राज बब्बर का वायरल बयान साल 2018 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के समय का है, यह ताजा बयान नहीं है। लिहाजा इसे उनका ताजा बयान बताकर गलत तरीके से छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुई नक्सलियों में मुठभेड़ से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में 22 सुरक्षाकर्मी नक्सली मुठभेड़ में शहीद होते हैं। पर कांग्रेस के नेता राज बब्बर कह रहे हैं नक्सली क्रांति कर रहे हैं।
- Claimed By : fb user: छोटू पुजारी
- Fact Check : झूठ
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