Fact Check: फारूक अब्दुल्ला की पुरानी तस्वीर को फर्जी दावे के साथ किया जा रहा है वायरल
फारूक अब्दुल्ला की वायरल हो रही इस तस्वीर का महाशिवरात्रि और अनुच्छेद 370 हटाए जाने से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर जून 2019 में माता खीर भवानी मंदिर में ली गई थी।
- By: Amanpreet Kaur
- Published: Mar 17, 2021 at 07:58 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें जम्मू—कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला हाथ में दूध का पैकेट लिए दोनों हाथों से दूध डालते दिख रहे हैं। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि महाशिवरात्रि के अवसर पर अब्दुल्ला ने शिवलिंग पर दूध चढ़ाया। सोशल मीडिया पर लोग दावा कर रहे हैं कि यह अनुच्छेद 370 हटने का साइड इफेक्ट है या बीजेपी की वैक्सीन का।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर जून 2019 में श्रीनगर के एक गांव में स्थित माता खीर भवानी मंदिर में एक वार्षिक आयोजन के दौरान ली गई थी। इस तस्वीर का न तो महाशिवरात्रि से कोई संबंध है और न ही अनुच्छेद 370 हटने से।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Sanjay Kumar Tripathi ने यह तस्वीर साझा करते हुए कैप्शन में लिखा: “महाशिवरात्रि” के महापर्व पर शिवलिंग पर दूध चढ़ाते मियाँ फारूख अबदुल्ला ने की घर वापसी!धारा 370 हटने के साईड इफेक्ट हैं या BJP की वैक्सीन का ….?*
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत करते हुए सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर मिली। तस्वीर के साथ मौजूद कैप्शन के अनुसार, यह तस्वीर 10 जून 2019 को श्रीनगर से 20 किलोमीटर दूर तुल्लामुल्ला नामक गांव में स्थित माता खीर भवानी मंदिर में आयोजित हुए कश्मीरी पंडितों के एक वार्षिक उत्सव के दौरान की है। उस समय जम्मू—कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला भी वहां पहुंचे थे और उन्होंने दूध चढ़ाया था।
गेट्टी इमेजेज पर इस तस्वीर के लिए एएफपी के फोटोजर्नलिस्ट तौसीफ मुस्तफा को क्रेडिट दिया गया था। विश्वास न्यूज ने तौसीफ से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि की कि 10 जून 2019 को उन्होंने यह तस्वीर माता खीर भवानी मंदिर में ही खींची थी और इसका महाशिवरात्रि से कोई संबंध नहीं है।
हमें यह तस्वीर कुछ स्थानीय न्यूज वेबसाइट पर भी मिली। हर साल इस मंदिर में कश्मीरी पंडित माता खीर भवानी के जन्मदिन के मौके पर त्योहार मनाते हैं। लिहाजा वायरल तस्वीर महाशिवरात्रि की नहीं है।
हमने इंटरनेट पर फारूक अब्दुल्ला के धारा 370 हटने के बाद किसी हिंदू मंदिर में पूजा करने के बारे में सर्च किया तो हमें 24 अक्टूबर 2020 को प्रकाशित एक न्यूज रिपोर्ट मिली। इसके अनुसार, अब्दुल्ला दुर्गा अष्टमी व राम नवमी के अवसर पर दुर्गा नाग मंदिर पहुंचे थे, लेकिन वायरल तस्वीर का इससे कोई संबंध नहीं है।
केंद्र सरकार ने जम्मू—कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर अगस्त 2019 में मुहर लगाई थी, जबकि वायरल तस्वीर इससे करीब दो माह पहले जून 2019 में खींची गई थी। लिहाजा यह साफ है कि इस तस्वीर का अनुच्छेद 370 हटाए जाने से भी कोई संबंध नहीं है।
अब बारी थी फेसबुक पर इस तस्वीर को गलत दावे के साथ साझा करने वाले यूजर Sanjay Kumar Tripathi की प्रोफाइल को स्कैन करने का। यूजर की प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर वाराणसी, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और पेशे से वकील है।
निष्कर्ष: फारूक अब्दुल्ला की वायरल हो रही इस तस्वीर का महाशिवरात्रि और अनुच्छेद 370 हटाए जाने से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर जून 2019 में माता खीर भवानी मंदिर में ली गई थी।
- Claim Review : फारूक अब्दुल्ला ने महाशिवरात्रि के मौके पर शिवलिंग पर दूध चढ़ाया, क्या यह अनुच्छेद 370 हटाए जाने का असर है?
- Claimed By : FB User:Sanjay Kumar Tripathi
- Fact Check : झूठ
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