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Fact Check: जर्मनी ने प्रथम विश्व युद्ध में इस्तेमाल की थी ये खास साइकिल, तस्वीर का ब्रिटिश काल के भारत से कोई संबंध नहीं

विश्वास न्यूज की पड़ताल में विंटेज साइकिल की वायरल तस्वीर संग किया जा रहा दावा गलत निकला है। यह साइकिल प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा इस्तेमाल की गई थी। इसका ब्रिटिश कालीन भारत की पुलिस से कोई संबंध नहीं है।

  • By: ameesh rai
  • Published: Mar 3, 2021 at 06:35 PM

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक विंटेज साइकिल की तस्वीर काफी वायरल हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे ब्रिटिश काल के भारत में पुलिस स्टेशनों में इस्तेमाल होने वाली साइकिल बता रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत निकला है। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा इस्तेमाल की गई साइकिल की तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी जांच के लिए यह दावा मिला है। चैटबॉट यूजर ने हमें एक फेसबुक पोस्ट का लिंक फैक्ट चेक के लिए भेजा है। Haryanvi Tora नाम के फेसबुक पेज ने 25 फरवरी 2021 को विंटेज साइकिल की एक तस्वीर शेयर की है। वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा गया है, ‘अंग्रेजों के समय का साईकल जो पुलिस स्टेशन में होता था।’

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

Haryanvi Tora नाम के फेसबुक पेज पर जो तस्वीर शेयर की गई उसमें दिखने वाली साइकिल बिल्कुल अलग ही तरह की दिख रही है। इस साइकिल में रबर के पहियों की बजाय स्प्रिंग लगे अलग तरह के पहिए दिख रहे हैं। साथ ही, इसके साथ एक गन भी दिख रही है। हमने विंटेज साइकिल की तस्वीर को लेकर किए जा रहे इस वायरल दावे की पड़ताल के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इस तस्वीर से मिलते-जुलते ढेरों परिणाम इंटरनेट पर मिले। गूगल सर्च नतीजों में तस्वीर के साथ पॉसिबल रिलेटेड सर्च में WW1 bicycle का हिंट मिल रहा था। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

हमें यह तस्वीर रेडिट डॉट कॉम पर मिली। यूजर ने इसे अपलोड करते हुए टाइटल में द्वितीय विश्वयुद्ध की जर्मन मिलिटरी साइकिल बताया है, जबकि कमेंट बॉक्स में भूल सुधार करते हुए इसे प्रथम विश्वयुद्ध की साइकिल के रूप में पेश किया है।

हमें यह तस्वीर Historical Photos नाम के ट्विटर हैंडल पर भी मिली। यहां प्रथम विश्वयुद्ध की जर्मन हर्नरड विक्टोरिया मिलिटरी साइकिल बताते हुए लिखा गया है कि रबर की कमी के चलते इसमें स्प्रिंग टायर लगाए गए हैं। इसी तरह Birender Dhanoa नाम के यूजर ने भी इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए इसे प्रथम विश्वयुद्ध की जर्मन हर्नरड विक्टोरिया मिलिटरी साइकिल बताते हुए लिखा है कि इसपर माउजर द्वारा बनाई गई Gewehr 98 राइफल लटकाई गई है। इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

इस क्लू के साथ हमने वायरल तस्वीर के बारे में इंटरनेट पर और सर्च किया। हम onlinebicyclemuseum.co.uk पर मौजूद एक लेख पर पहुंचे, जिसमें हमें यही वायरल तस्वीर मिली। इस लेख में प्रथम विश्वयुद्ध में इस्तेमाल की गई 1905 हर्नरड विक्टोरिया स्प्रिंग व्हील साइकिलों के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह वेबसाइट Colin Kirsch नाम के शख्स की है। Colin लेखक हैं और उन्होंने मिलिटरी साइकिलों के इतिहास पर बैड टीथ नो बार: मिलिटरी बाइसाइकल्स इन द ग्रेट वॉर (Bad Teeth No Bar: Military Bicycles in the Great War) नाम की किताब भी लिखी है।

कोलिन ने उक्त लेख में इस वायरल तस्वीर को शामिल किया है। लेख में स्प्रिंग व्हील्स सबहेड के तहत दी गई जानकारी में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया है। इसके साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह प्रथम विश्वयुद्ध में इस्तेमाल की गई जर्मन साइकिल हर्नरड विक्टोरिया ‘मॉडल 12’ है, जिसपर माउजर ‘GEW 88’ राइफल है। इस डिस्क्रिप्शन के साथ लेख में मौजूद वायरल तस्वीर को यहां नीचे देखा जा सकता है।

onlinebicyclemuseum.co.uk पर मौजूद लेख की तस्वीर।

लेख के मुताबिक, जब यह साइकिल फ्रांस में मिली, तो इसमें स्प्रिंग वाले पहिए गायब थे। लेखक यानी कोलिन ने बताया है कि उन्होंने अलग-अलग जगहों से आगे और पीछे के स्प्रिंग व्हील्स खोजे। उन्होंने अपनी किताब Bad Teeth No Bar में भी स्प्रिंग व्हील्स की तस्वीर का इस्तेमाल किया है। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।


onlinebicyclemuseum.co.uk पर मौजूद लेख की तस्वीर।

विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से ये साबित हो चुका था कि विंटेज साइकिल की वायरल तस्वीर जर्मनी और प्रथम विश्वयुद्ध से संबंधित है। इसका ब्रिटिश कालीन भारत की पुलिस और पुलिस स्टेशन से कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले की पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने onlinebicyclemuseum.co.uk पर दिए गए ईमेल पते की मदद से कोलिन से संपर्क साधा। हमने उनके साथ इस वायरल दावे को साझा किया। कोलिन ने हमें बताया कि इस साइकिल की कहानी बिल्कुल वही है, जो उन्होंने अपनी वेबसाइट पर बताई है। उन्होंने हमारे साथ वेबसाइट पर मौजूद रिपोर्ट का लिंक साझा करते हुए है कि उन्होंने इस तस्वीर को फेसबुक पर शेयर करने वाले शख्स को क्रेडिट देने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर वह फेसबुक से कॉपीराइट उल्लंघन की शिकायत करेंगे।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को गलत संदर्भ में शेयर करने वाले Haryanvi Tora नाम के फेसबुक पेज को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस पेज के 4 लाख 80 हजार से अधिक फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में विंटेज साइकिल की वायरल तस्वीर संग किया जा रहा दावा गलत निकला है। यह साइकिल प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा इस्तेमाल की गई थी। इसका ब्रिटिश कालीन भारत की पुलिस से कोई संबंध नहीं है।

  • Claim Review : सोशल मीडिया यूजर्स इसे ब्रिटिश काल के भारत में पुलिस स्टेशनों में इस्तेमाल होने वाली साइकिल बता रहे हैं।
  • Claimed By : फेसबुक पेज: Haryanvi Tora
  • Fact Check : झूठ
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