X
X

Fact Check : केजरीवाल सरकार के विज्ञापन से छेड़छाड़ करके अलग से जोड़ा गया मुस्लिम शब्‍द

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। पीड़ितों के लिए मुआवजे वाले असली विज्ञापन में कहीं भी मुस्लिम शब्‍द का जिक्र नहीं था। वायरल विज्ञापन को एडिट करके मुस्लिम शब्‍द जोड़ा गया। हमारी जांच में यह पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से दिल्‍ली सरकार का एक एडिडेट विज्ञापन वायरल हो रहा है। इसके माध्‍यम से दावा किया जा रहा है कि दिल्‍ली की केजरीवाल सरकार ने केवल मुस्लिम दंगा पीडि़तों को ही मुआवजा देना का एलान किया है। वायरल विज्ञापन में कथित रूप से मुस्लिम लिखा हुआ नजर आया।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि 29 फरवरी 2020 को दैनिक जागरण में पब्लिश हुए दिल्‍ली सरकार के एक विज्ञापन को एडिट करके अलग से मुस्लिम शब्‍द जोड़ा गया। एडिटेड विज्ञापन एक बार पहले भी वायरल हो चुका है। उस वक्‍त भी विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी जांच की थी। उस पड़ताल को आप यहां पढ़ सकते हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अभय हिंदुस्तानी ने 19 फरवरी को एक विज्ञापन को शेयर करते हुए लिखा कि केजरी की धुर्तता देखो, लाल घेरे में लिखा पढ़िए, अगर बीजेपी ने हिन्दु लिखा होता तो लोकतंत्र खतरे में आ जाता।

वायरल पोस्‍ट के दावे को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया। विज्ञापन में दिल्‍ली सरकार की दंगा पीडि़तों की सहायता योजना के बारे में बताया गया है। योजना को कथित तौर पर केवल मुस्लिम के लिए बताया गया।

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

इस एडिटेड विज्ञापन को दूसरे यूजर्स भी सोशल मीडिया में वायरल कर रहे हैं। यह फेसबुक के अलावा ट्विटर और वॉट्सऐप पर भी वायरल है। विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये फैक्ट चेक के लिए मिला।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किए गए विज्ञापन को स्‍कैन करना शुरू किया। InVID में मौजूद मैग्‍नीफाइंग टूल के जरिए जब हमने इसे देखा तो हमें बाएं तरफ दैनिक जागरण, नई दिल्‍ली 29 फरवरी 2020 लिखा हुआ दिख।

इसके बाद हमने इस तारीख के संस्‍करण को दैनिक जागरण के ईपेपर आर्काइव में खोजा। हमें ओरिजनल विज्ञापन 29 फरवरी 2020 की तारीख को मिला। हालांकि, इसमें हमें कहीं भी मुस्लिम लिखा नजर नहीं आया। मतलब साफ था कि वायरल विज्ञापन एडिटेड है।

जांच के अगले चरण में हमने गूगल सर्च की मदद ली। अलग-अलग कीवर्ड के जरिए हमें एक खबर मिली। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 27 फरवरी 2020 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्‍ली हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये देने की घोषणा की है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने 24 फरवरी को आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि यह पूरी तरह फेक है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट को अपलोड करने वाले यूजर के बारे में जानकारी जुटाने की। फेसबुक यूजर अभय हिंदुस्तानी की जांच में पता चला कि इस अकाउंट को मार्च 2010 में बनाया गया। एक विचारधारा से प्रभावित इस यूजर को चार हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर यूपी का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। पीड़ितों के लिए मुआवजे वाले असली विज्ञापन में कहीं भी मुस्लिम शब्‍द का जिक्र नहीं था। वायरल विज्ञापन को एडिट करके मुस्लिम शब्‍द जोड़ा गया। हमारी जांच में यह पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

  • Claim Review : केजरीवाल के विज्ञापन में मुस्लिम का जिक्र
  • Claimed By : फेसबुक यूजर अभय हिंदुस्तानी
  • Fact Check : झूठ
झूठ
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later