Fact Check: हाथ में पत्थर लिए पुलिसकर्मी की इस तस्वीर का किसान आंदोलन से नहीं है कोई संबंध
वायरल पोस्ट में दिख रहे पुलिसकर्मियों की तस्वीरों का किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। ये कई सालों से इंटरनेट पर मौजूद हैं।
- By: Amanpreet Kaur
- Published: Feb 2, 2021 at 07:35 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों की दो तस्वीरें साझा की जा रही हैं। इनमें से एक तस्वीर में पुलिसकर्मी के हाथ पर आरएसएस लिखा दिख रहा है, जबकि दूसरी तस्वीर में पुलिसकर्मी के दोनों हाथों में पत्थर देखे जा सकते हैं। इन दोनों ही तस्वीरों को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। वायरल पोस्ट के साथ मौजूद दोनों ही तस्वीरें पुरानी हैं और अलग-अलग सालों में अलग-अलग घटनाओं की हैं। इनका मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Ismail Ali Khan ने यह तस्वीरें VINAY DUBEY फैन नामक पेज पर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखाः तस्वीरे खुद बोलती है, क्या हो रहा है ये मेरे देश मे #मैंभीकिसान #FarmersProtest मुजफ्फर हुसैन जी वर्किंग प्रेसिडेंट महाराष्ट्र कांग्रेस इस्माइल अलि खान कांग्रेस, से नो टू आईएसआईएस आरएसएस, लव याॅर पीपल सेव इंडियन लव, इंडियन दोस्तो, जय हिंद किसान
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले पहली तस्वीर, जिसमें पुलिसकर्मी के हाथ पर आरएसएस लिखा दिख रहा है उसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें 16 फरवरी 2020 का एक ट्वीट मिला, जिसमें वायरल तस्वीर के अलावा इसी पुलिसकर्मी की और भी तस्वीरें शामिल थीं। पोस्ट के साथ तमिल भाषा में कैप्शन में सवाल किया गया था कि यह पुलिसकर्मी किस डिपार्टमेंट से है, इस पर क्या कार्रवाई की जाएगी?
हमें 16 फरवरी 2020 का ही एक और ट्वीट मिला, जिसके साथ सीएए प्रोटेस्ट से संबंधित हैशटैग्स इस्तेमाल किए गए थे। इससे यह बात साफ होती है कि इस तस्वीर का मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।
इसके बाद हमने वायरल पोस्ट की दूसरी तस्वीर जिसमें एक पुलिसकर्मी के दोनों हाथ में पत्थर देखे जा सकते हैं, इस तस्वीर को भी गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें निर्मलागिरि कॉलेज एसएफआई नाम के एक फेसबुक पेज पर यह तस्वीर मिल गई। गौर करने वाली बात यह है कि इस पेज पर यह तस्वीर 23 अगस्त 2013 को अपलोड की गई थी। यानी कि किसान आंदोलन की शुरुआत होने से करीब सात साल पहले से ही यह तस्वीर इंटरनेट पर उपलब्ध है।
ज्यादा जानकारी के लिए हमने दिल्ली में किसान आंदोलन को कवर कर रहे दैनिक जागरण के रिपोर्टर सोनू राणा को यह तस्वीरें भेजीं। उन्होंने तस्वीरें देखकर बताया कि यह तस्वीरें किसान आंदोलन की नहीं हैं। वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। यह तस्वीरें पुरानी हैं।
अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Ismail Ali Khan के बारे में जानने की। हमने यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर मुंबई, महाराष्ट्र का रहने वाला है। यह पोस्ट VINAY DUBEY फैन नामक पेज पर साझा की गई है। खबर लिखे जाने तक इस पेज के 169700 सदस्य थे।
निष्कर्ष: वायरल पोस्ट में दिख रहे पुलिसकर्मियों की तस्वीरों का किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। ये कई सालों से इंटरनेट पर मौजूद हैं।
- Claim Review : किसान आंदोलन की तस्वीरें जिसमें एक में पुलिसकर्मी के हाथ पर आरएसएस लिखा हुआ है और दूसरी तस्वीर में पुलिसकर्मी के हाथों में पत्थर दिख रहे हैं।
- Claimed By : FB user: Ismail Ali Khan
- Fact Check : झूठ
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