Fact Check: इस फोटो का कोविड-19 वैक्सीनेशन से कोई लेना-देना नही, वायरल दावा झूठा है
अस्पताल में हिंसा दिखा रही ये तस्वीर पुरानी है और इसका कोविड वैक्सीनेशन से कोई लेना-देना नहीं है। वायरल पोस्ट फर्जी है।
- By: Urvashi Kapoor
- Published: Jan 23, 2021 at 01:51 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज) । सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर कोविड-19 वैक्सीनेशन के बाद एक अस्पताल में हुई हिंसा का है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा निकला है। अस्पताल में हिंसा को दिखा रही वायरल तस्वीर पुरानी है और इसका कोविड-19 वैक्सीनेशन से कोई लेना-देना नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक पर शेयर की जा रही तस्वीर को कथित तौर पर ब्रेकिंग न्यूज रिपोर्ट के स्क्रीनशॉट के रूप में दिखाया जा रहा है। फोटो के टेक्स्ट में लिखा है, ‘पहले कोविड वैक्सीन पेशेंट्स ने एक दूसरे को खाना शुरू कर दिया, अस्पतालों में लॉकडाउन।’ इस पोस्ट के साथ दिए कैप्शन में लिखा गया है कि 2021 और भयावह दिख रहा है।
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें यही तस्वीर 14 फरवरी 2019 को न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली।
इस रिपोर्ट के एक हिस्से में लिखा है, ‘टेंपल यूनिवर्सिटी अस्पताल ने पिछले साल गोलीबारी में घायल 481 मरीजों का इलाज किया और 97 की मौत हुई। सिर्फ एक शहर के एक इलाके के एक अस्पताल में। पूरे देश की बात करें तो 2017 में बंदूकों ने हमसे करीब 40,000 जिदंगियों को छीन लिया। ये तस्वीरें आपको बताने के लिए हैं कि क्या कुछ हुआ है।’ इस तस्वीर के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, ‘बचाव के प्रयास सफल नहीं होने के बाद टेंपल यूनिवर्सिटी अस्पताल के आपातकालीन विभाग का ट्रॉमा वाला हिस्सा।’
फरवरी 2019 में कोविड या कोविड वैक्सीन की कोई चर्चा नहीं थी, जैसा कि वायरल पोस्ट में इस तस्वीर के साथ दावा किया गया है।
हमें यह तस्वीर प्रैंक वेबसाइट पर भी मिली, जिसपर लिखे टेक्स्ट में कोविड वैक्सीनेशन की बात कही गई है।
हमने इस वायरल दावे को इंटरनेट पर खोजा, लेकिन ऐसी कोई प्रामाणिक न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली, जो कोविड वैक्सीनेशन से जुड़े इस दावे की पुष्टि करती हो।
हमने इस वायरल दावे के संबंध में अपोलो अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर निखिल से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘कोविड वैक्सीन ने अबतक ऐसा कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखाया है, जैसा पोस्ट में दावा किया जा रहा है। वायरल पोस्ट कोविड वैक्सीनेशन से जुड़ी नहीं लगती।’
इस पोस्ट को फेसबुक पर Stiffler Mc-hunter Aggabao Balisi नाम के यूजर ने शेयर किया है। हमने इस यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस प्रोफाइल के 434 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: अस्पताल में हिंसा दिखा रही ये तस्वीर पुरानी है और इसका कोविड वैक्सीनेशन से कोई लेना-देना नहीं है। वायरल पोस्ट फर्जी है।
- Claim Review : दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर कोविड-19 वैक्सीनेशन के बाद एक अस्पताल में हुई हिंसा की है।
- Claimed By : Stiffler Mc-hunter Aggabao Balisi
- Fact Check : झूठ
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