X
X

Fact Check: दार्जिलिंग में BJP प्रतिनिधिमंडल पर हुए हमले के पुराने वीडियो को रोहिंग्या मुस्लिम बनाम हिंदू संघर्ष के सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में भीड़ द्वारा कुछ लोगों की पिटाई का नजारा देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बंगाल का है, जहां रोहिंग्या मुसलमान हिंदुओं को पीटकर कर उन्हें भगा रहे हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा सांप्रदायिक दुष्प्रचार साबित हुआ। वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में एक पुरानी घटना का वीडियो है, जब वर्ष 2017 के अक्टूबर महीने में दार्जिलिंग में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि दल पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था। इस दौरान प्रतिनिधि दल में शामिल पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रेसिडेंट दिलीप घोष के साथ बदसलूकी की और अन्य कार्यकर्ताओं को सड़क पर बुरी तरह पीटा था। इसी घटना के वीडियो को रोहिंग्याओं के द्वारा हिंदुओं को पीटे जाने के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर ‘Jitendra Singh🏹’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”#Rohingya #Muslims push out #Hindus from #WestBengal
Shame on
@RahulGandhi
Shame on
@priyankagandhi
Shame on
@INCIndia…Indians will #teach you a #Lesson very soon.”

https://twitter.com/JS_Nigeria/status/1340649773502668801

हिंदी में इसे ऐसे पढ़ा जा सकता है, ”पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या मुस्लिमों को बाहर भगाते हुए।”

पड़ताल

वीडियो में बंगाल बीजेपी के नेता दिलीप घोष पार्टी समर्थकों के साथ दिखाई दे रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर रहे लोगों को साफ तौर पर ”गोरखा को क्या समझता है…..क्या बोला था गोरखालैंड नहीं होगा….” बोलते हुए सुना जा सकता है।

इन कीवर्ड के साथ सर्च करने पर हमें ‘दैनिक जागरण’ में 6 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित खबर का लिंक मिला। खबर के मुताबिक, ‘पहाड़ के तीन दिवसीय दौरे पर गए भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि दल पर गुरुवार को दार्जिलिंग में कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उन्होंने प्रतिनिधि दल में शामिल पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ बदसलूकी की और पार्टी के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं को सड़क पर लात-घूंसों व लाठियों से पीटा। हमलावरों से बचने के लिए घोष को स्थानीय चौक बाजार थाने में शरण लेनी पड़ी।’

दैनिक जागरण में 6 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित खबर

अंग्रेजी अखबार ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ में भी 6 अक्टूबर 2017 को प्रकाशित खबर में इस घटना का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, दार्जिलिंग के चौक बाजार इलाके में पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रेसिडेंट दिलीप घोष, वाइस प्रेसिडेंट प्रकाश मजूमदार और अन्य नेताओं के साथ मारपीट की गई।

न्यूज सर्च में हमें हिंदी न्यूज चैनल ABP का भी वीडियो मिला, जिसमें इस घटना का जिक्र है। चैनल के वेरिफाइड यूट्यूब हैंडल पर इस वीडियो 6 अक्टूबर 2017 को ही अपलोड किया गया है। वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘दार्जिलिंग में बीजेपी प्रेसिडेंट दिलीप घोष पर हमला हुआ था।’

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के बंगाल ब्यूरो चीफ जे के वाजपेयी ने भी इस वीडियो के दार्जिलिंग में बीजेपी नेताओं पर हुए हमले से जुड़े होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो दार्जिलिंग में हुई एक बैठक के दौरान हुए मारपीट से संबंधित है, जब बिनय तमांग गुट के लोगों ने बीजेपी प्रेसिडेंट और अन्य नेताओं पर हमला कर दिया थ।

बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पिटाई का यह वीडियो पहले भी अलग-अलग समय पर भिन्न दावे के साथ वायरल होता रहा है। इससे पहले इस वीडियो को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के दौरान जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेताओं की पिटाई के दावे से वायरल किया था। विश्वास न्यूज ने उस वक्त इस दावे की पड़ताल की थी, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को ट्विटर पर करीब 3000 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या मुस्लिमों की भीड़ के द्वारा हिंदुओं को पीटे जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो 2017 के अक्टूबर महीने में दार्जिलिंग में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि दल पर स्थानीय लोगों के हमले से संबंधित है, जब बीजेपी के प्रतिनिधि दल में शामिल पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रेसिडेंट दिलीप घोष के साथ बदसलूकी करते हुए अन्य कार्यकर्ताओं को बुरी तरह पीट दिया था।

  • Claim Review : पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं की पिटाई
  • Claimed By : Twitter User- Jitendra Singh
  • Fact Check : झूठ
झूठ
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later