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Fact Check: वरिष्ठ सिख नेता ज्ञान सिंह सोहनपाल का निधन 2017 में ही हो गया था; उनके नाम पर वायरल यह पोस्ट फर्जी है

विश्वास टीम की पड़ताल में यह पोस्ट फर्जी साबित हुई। सरदार ज्ञान सिंह सोहनपाल का निधन 2017 में ही हो गया था।

  • By: Bhagwant Singh
  • Published: Nov 4, 2020 at 04:38 PM
  • Updated: Nov 4, 2020 at 05:56 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम). सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें बंगाल कांग्रेस के नेता सरदार ज्ञान सिंह सोहनपाल की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया है कि 10 बार विधायक रहे सिंह फिर से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।

विश्वास टीम की पड़ताल में यह पोस्ट फर्जी साबित हुई। सरदार ज्ञान सिंह सोहनपाल का निधन 2017 में ही हो गया था।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक पेज “Sikh Welfare Jammu & Kashmir” ने 29 अक्टूबर 2020 को ज्ञान सिंह सोहनपाल की तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा: “You are Sardar Gyan Singh ‘Sohanpal’. Age: 91 years. He is MLA for 10 consecutive times. Preparing for the 11th time. Don’t be shocked, not from Punjab but from Bengal. From the Kharagpur Sadar seat of West Bengal where there are not even five thousand Sikhs. The whole area calls him uncle. Since 1969, he is continuously becoming MLA, uncle wins every election. Win the last election by about 32 thousand votes. Did not want to fight this time but bowed down before the stubbornness of the public and supporters. You are also the speaker of Bengal Assembly, jail, transport, parliamentary affairs minister. Despite having such a long political life, there is no stain of rigging of one rupee

कैप्शन का हिंदी अनुवाद: “आप हैं सरदार ज्ञान सिंह ‘ सोहनपाल ‘. उम्र : 91 वर्ष. लगातार 10 बार विधायक हैं. 11वीं बार की तैयारी है. चौंकिएगा मत, पंजाब से नहीं बंगाल से. पश्चिम बंगाल की खड़गपुर सदर सीट से जहां पांच हजार सिख भी नहीं हैं. पूरा क्षेत्र इनको चाचाजी कहता है. 1969 से लगातार विधायक बनते आ रहे हैं चाचाजी हर चुनाव जीत जाते हैं. पिछला चुनाव लगभग 32 हजार वोट से जीते. इस बार नहीं लड़ना चाहते थे, लेकिन जनता और समर्थकों की जिद के आगे झुक गए. आप बंगाल विधानसभा के स्पीकर, जेल, परिवहन, संसदीय कार्य मंत्री भी रह चुके हैं. इतना लंबा राजनीतिक जीवन होने के बावजूद एक रुपये की हेराफेरी का दाग नही

इस पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत हमने कीवर्ड सर्च से की। हमें अपनी पड़ताल में कई खबरें मिली, जिनसे साफ़ हुआ कि ज्ञान सिंह सोहनपाल का निधन 8 अगस्त 2017 में हो गया था। सिंह के निधन पर जागरण डॉट कॉम पर 9 अगस्त 2017 को प्रकाशित खबर यहां पढ़ें।

ज्ञान सिंह सोहनपाल के राजनीतिक सफर को लेकर प्रकाशित जागरण डॉट कॉम की एक खबर के अनुसार: “11 जनवरी, 1925 को पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत रेलनगरी खड़गपुर में जन्मे सोहनपाल ने सार्वजनिक व राजनीतिक जीवन की शुरुआत 60 के दशक में की थी। 1962 से उन्होंने चुनाव लड़ना शुरू किया। हालांकि, 1962, 1966 और 1967 में हुए पहले तीन विधानसभा चुनावों में उन्हें लगातार पराजय का सामना करना पड़ा। 1969, 1971 और 1972 के विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई। सत्तर के दशक में ही पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सिद्धार्थ शंकर राय के मंत्रिमंडल में उन्हें परिवहन और जेल मंत्रालय का प्रभार मिला, लेकिन 1977 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद 1982, 1987, 1991, 1996 और 2001 में हुए विधानसभा चुनाव में वे लगातार रिकॉर्ड जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचते रहे।

अब हमने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए AICC के सेक्रेटरी और INC कांग्रेस के कम्युनिकेशन हेड प्रणव झा से सम्पर्क किया। प्रणव ने इस पोस्ट को लेकर कहा, “हम सभी जानते हैं कि चाचा (जैसा उन्हें कहा जाता था) का 2017 में 92 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह 1942 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे और पश्चिम बंगाल विधानसभा में 10 कार्यकाल तक काम करते रहे। वह सिद्धार्थ शंकर रे की कैबिनेट में परिवहन मंत्री भी थे। वह इतने प्रिय और सम्मानित थे कि बंगाल सरकार ने उनके अंतिम संस्कार में उन्हें बंदूक की सलामी दी थी।”

बता दें कि पिछले साल नवंबर 2019 में हुए खड़गपुर सदर विधानसभा उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार प्रदीप सरकार ने 20,811 मतों से जीत दर्ज की थी। उस समय कांग्रेस की तरफ से चितरंजन मंडल ने चुनाव लड़ा था। चुनावों के नतीजों को लेकर जागरण डॉट कॉम की खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल के अंतिम चरण में अब बारी थी इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग करने की। फेसबुक पेज Sikh Welfare Jammu & Kashmir को 53,551 लोग फॉलो करते हैं और इस पेज को दिसंबर 2014 में बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में यह पोस्ट फर्जी साबित हुई। सरदार ज्ञान सिंह सोहनपाल का निधन 2017 में ही हो गया था।

  • Claim Review : सरदार ज्ञान सिंह सोहनपाल की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया है कि 10 बार विधायक रहे सिंह फिर से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
  • Claimed By : FB Page- Sikh Welfare Jammu & Kashmir
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