X
X

Fact Check: हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को फीस लेने से नहीं रोका, झूठा दावा हो रहा वायरल

हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को फीस लेने से रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय की पुरानी चिट्ठी को हाई कोर्ट का आदेश बता शेयर किया जा रहा है।

  • By: ameesh rai
  • Published: Aug 28, 2020 at 08:21 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस वायरल पोस्ट में किसी आदेश की एक प्रति शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हाई कोर्ट ने स्कूल नहीं खुलने तक प्राइवेट स्कूलों को फीस नहीं लेने का आदेश दिया है। विश्वास न्यूज़ को फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी यही दावा फैक्ट चेक के आग्रह के साथ मिला। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। हरियाणा शिक्षा निदेशालय का पुराना पत्र गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट में एक कैप्शन और दो तस्वीरें हैं। एक नजर में ये तस्वीरें किसी सरकारी पत्र जैसी लग रही हैं। Rajnish Singh नाम के एक फेसबुक यूजर ने इसी वायरल दावे को अपनी वॉल पर शेयर किया है। इस पोस्ट में लिखा है, ‘ब्रेकिंग। हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को दिया बड़ा झटका। जब तक स्कूल खुलते नही तब तक कोई फ़ीस नही ले सकता है।* पहली जीत मुबारक।’ इस पोस्ट कैप्शन को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को देखने के लिए यहां क्लिक करें। ये दावा फेसबुक के अलावा ट्विटर पर भी वायरल है। एक ऐसी ही ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले इस पोस्ट के साथ शेयर की जा रही तस्वीर को InVID मैग्निफायर टूल के इस्तेमाल से जूम करके देखा। पता चला कि ये हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय की 23 अप्रैल 2020 को लिखी एक चिट्ठी है। इस चिट्ठी को राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखा गया है। हमें हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय की साइट पर ये आधिकारिक चिट्ठी भी मिल गई। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

ये चिट्ठी प्राइवेट स्कूलों के फीस से संबंधित थी। इसमें साफ लिखा है कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस ले सकते हैं, लेकिन कोविड-19 को देखते हुए इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं करेंगे। ऐसे में साफ है कि ये एक पुरानी चिट्ठी है, जिसका हाई कोर्ट के किसी आदेश से कोई लेना-देना नहीं है।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय की मूल चिट्ठी पर पहुंचने के बाद हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया। जरूरी कीवर्ड्स (हाई कोर्ट, स्कूल फीस, हरियाणा आदि) से हमने गूगल सर्च किया। हमारे सामने कई प्रामाणिक वेबसाइटों के लिंक सामने आए। यहां वायरल दावे के उलट ऐसी रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को फीस लेने की मंजूरी दी थी। ऐसी ही दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट यहां क्लिक कर देखी जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘निजी स्कूलों की फीस के संबंध में जारी हुआ ये पत्र काफी पुराना है। इसके बाद कई पत्र जारी हो चुके हैं।’ हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना काल में अभिभावकों का रोजगार भी छिन गया है। ऐसे में स्कूल भी अभिभावकों की परेशानी को समझते हुए फीस देने के लिए उनको समय दें।

हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Rajnish Singh की प्रोफाइल को स्कैन किया। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, फेसबुक यूजर दिल्ली के रहने वाले हैं। ये फेसबुक प्रोफाइल दिसंबर 2011 में बनाई गई है।

निष्कर्ष: हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को फीस लेने से रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा निदेशालय की पुरानी चिट्ठी को हाई कोर्ट का आदेश बता शेयर किया जा रहा है।

  • Claim Review : हाई कोर्ट ने स्कूल नहीं खुलने तक प्राइवेट स्कूलों को फीस नहीं लेने का आदेश दिया है।
  • Claimed By : Rajnish Singh
  • Fact Check : झूठ
झूठ
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later