X
X

Fact Check: COVID-19 की अपनी कोई पीएच वैल्यू नहीं है, वायरल हो रही पोस्ट है भ्रामक

  • By: Urvashi Kapoor
  • Published: Aug 5, 2020 at 08:37 PM
  • Updated: Sep 14, 2020 at 01:23 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोनावायरस का पीएम 5.5 से 8.5 के बीच होता है। इसमें आगे कहा गया है कि जर्नल ऑफ वायरोलॉजी अप्रैल 1991 की रिसर्च के अनुसार, हमें कोरोनावायरस को हराने के लिए अल्कलाइन फूड का सेवन बढ़ाने की जरूरत है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Matthew Parrott ने यह पोस्ट शेयर किया है, जिसमें लिखा गया है: यह जानकारी सबके लिए है कि जर्नल ऑफ वायरोलॉजी एंड एंटीवायरल रिसर्च के अनुसार, कोरोनावायरस का पीएच लेवल 5.5 से 8.5 तक होता है। कोरोना वायरस से बचने के लिए हमें ऐसे अल्कलाइन भोजन का सेवन करना चाहिए, जिसका पीएच लेवल वायरस से ज्यादा हो।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल पोस्ट की जांच के लिए हमने इसके दावों को एक-एक कर पड़ताल शुरू की।

1. कोरोनावायरस का पीएच बैलेंस 5.5 से 8.5 के बीच होता है

पीएच किसी सॉल्यूशन की अम्लता या क्षारकता नापने का स्केल है। जिस भी सॉल्यूशन का पीएच 7 से कम होता है उसे एसीडिक और जिसका भी पीएच 7 से ज्यादा होता है उसे बेसिक या अल्कलाइन कहा जाता है।

विश्वास न्यूज ने नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. निखिल मोदी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस की कोई पीएच वैल्यू नहीं है।

2. वायरल पोस्ट में अगला दावा किया गया है कि जर्नल ऑफ वायरोलॉजी एंड एंटीवायरस रिसर्च के अनुसार, कोरोनावायरस का पीएच 5.5 से 8.5 तक होता है।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि जर्नल ऑफ वायरोलॉजी एंड एंटीवायरस की रिसर्च मौजूद है, लेकिन इस रिसर्च में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि अल्कलाइन डायट लेने से COVID-19 ठीक हो जाएगा। इसमें कोई शक नहीं है कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इससे कोरोनावायरस ठीक हो जाता है ऐसे कोई प्रमाण नहीं हैं।

यहां पढ़ें जर्नल ऑफ वायरोलॉजी एंड एंटीवायरस की रिसर्च रिपोर्ट।

रिपोर्ट का टाइटल है: अल्टरेशन ऑफ द पीएच डिपेंडेंस ऑफ कोरोनावायरस—इंड्यूस्ड सेल फ्यूजन: इफेक्ट्स ऑफ म्यूटेशंस इन द स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन

इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि 1991 में यह स्टडी किसी और कोरोनावायरस—द कोरोनावायस माउस हेपेटाइटस वायरस टाइप 4 या एमएचवी4 पर थी। यह COVID-19 के बारे में नहीं है।

इस रिपोर्ट में कहीं यह भी दावा नहीं किया गया है कि एमएचवी4 का कोई पीएच लेवल था, बल्कि रिपोर्ट यह समझाती है कि जब पीएच 5.5 से 8.5 हो और ससेप्टिबल म्यूरिन सेल्स एमएचवी4 से इन्फेक्टेड हों तो क्या होता है।

ऑल इंडिया रेडियो के न्यूज सर्विस डिवीजन की 31 मार्च 2020 की रिपोर्ट में भी यह साफ कहा गया है कि जर्नल ऑफ वायरोलॉजी एंड एंटीवायरल रिसर्च की रिपोर्ट कोविड 19 पर नहीं, बल्कि एक अलग कोरोनावायरस एमएचवी4 पर है। यह रिपोर्ट साल 1991 में पब्लिश हुई थी।

3. पोस्ट में कुछ खाद्य पदार्थों की पीएच वैल्यू बताई गई है और साथ ही लोगों को कोरोनावायरस से बचने के लिए इन्हें खाने की सलाह दी गई है।

नींबू के रस का पीएच लेवल 2 से 3 के बीच होता है, ना कि 9.9 जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है।

डॉ. निखिल मोदी के अनुसार, अल्कलाइन फूड से कोरोनावायरस को खत्म नहीं किया जा सकता। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा पूरी तरह से भ्रामक है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, 4 अगस्त 2020 तक ऐसी कोई दवा नहीं मिली. जिससे इस वायरस का इलाज किया जा सके।

फेसबुक पर यह पोस्ट Mathew Parrot नाम के यूजर ने शेयर की है।

निष्कर्ष

कोरोनावायरस की कोई पीएच वैल्यू नहीं है, एक्स्पर्ट्स इस वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं। वायरल पोस्ट भ्रामक है।

Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए ,क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।

  • Claim Review : कोरोनावायरस की अपनी पीएच वैल्यू है
  • Claimed By : FB User: Matthew Parrott
  • Fact Check : भ्रामक
भ्रामक
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later