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Fact Check : हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलावट का आरोप लगाते हुए वायरल हुई हैदराबाद की 6 साल पुरानी तस्‍वीर

वायरल पोस्‍ट पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुई। करीब छह साल पुरानी तस्‍वीर को अब फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। तस्‍वीर हैदराबाद की है।

  • By: Ashish Maharishi
  • Published: Jul 28, 2020 at 03:12 PM
  • Updated: Jul 28, 2020 at 03:47 PM

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें कुछ मुस्लिम युवकों के सामने टेबल पर वेद रखे हुए हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये लोग हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलावट कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में वायरल पोस्‍ट पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुई। करीब छह साल पुरानी तस्‍वीर को अब फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। तस्‍वीर हैदराबाद की है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘लॉजिकल हिंदू’ ने 20 जुलाई को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘देखो और ध्यान दो और क्या हो रहा है हमारे देश में हमारे धर्म ग्रंथों में मिलावट करने का कार्य जोरों से चल रहा है,,,, आने वाले 20 साल बाद हमारी अगली पीढ़ियां ये #मिलावटी वेद, पुराण, उपनिषद पढ़ेंगे। जिसमें लिखा होगा चरित्र निर्माण बेकार की बात है। ब्रह्मचर्य एकदम फालतू जैसा टॉपिक है । धर्म और अधर्म जैसी कोई चीज नहीं । चार्वाक जैसी नीतियां अत्यंत लाभकारी है ,,, संस्कार जैसी कोई चीज नहीं होती । आदि आदि फालतू बातें मिलेंगी ,,,, यह सब बाकायदा अच्छी और सुद्रढ संस्कृत में मिलेंगी बिल्कुल उसी प्रकार जिस प्रकार मैकाले और मैक्स मूलर ने हमारी मनुस्मृति आदि को मिलावट करके दूषित किया!’

इस पोस्‍ट को सच मानकर लगातार दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट का फेसबुक और आकाईव वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को ध्‍यान से देखना शुरू किया। हमें यह तस्‍वीर किसी लाइब्रेरी की नजर आई। इसके बाद हमने इस तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया।

हमें यह तस्‍वीर द हिंदू की वेबसाइट पर मिली। 2 अप्रैल 2014 की एक खबर में इसका इस्‍तेमाल किया गया था। करीब छह साल पुरानी इस तस्‍वीर को लेकर खबर में बताया गया कि हैदराबाद के अल महादुल आली अल इस्लामी के छात्र वेद का अध्‍यन करते हुए।

पड़ताल के अगले चरण में हमने ‘अल महादुल आली अल इस्लामी’ में संपर्क किया। संस्‍थान के डिप्टी डायरेक्टर ओस्मान आबेदीन ने बताया कि वायरल पोस्‍ट पूरी तरह बेबुनियाद है। हमारे यहां सभी धर्मग्रंथों की पढ़ाई होती है। तस्‍वीर कई साल पुरानी है, जब कुछ पत्रकार यहां आए थे।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक पेज ‘लॉजिकल हिंदू’ को 8 अप्रैल 2020 को बनाया गया था। इसे 11 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: वायरल पोस्‍ट पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुई। करीब छह साल पुरानी तस्‍वीर को अब फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। तस्‍वीर हैदराबाद की है।

  • Claim Review : हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलावट की जा रही है
  • Claimed By : फेसबुक पेज 'लॉजिकल हिंदू'
  • Fact Check : झूठ
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