Fact Check: यह तस्वीर गलवन वैली में घायल हुए भारतीय जवान की नहीं, बल्कि पुरानी है
हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा सही नहीं है। वायरल हो रही तस्वीर पुरानी है। यह 15 जून, 2020 को लद्दाख की गलवन घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हालिया झड़प के दौरान घायल हुए भारतीय सेना के जवान की तस्वीर नहीं है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Jun 27, 2020 at 03:06 PM
नई दिल्ली विश्वास न्यूज़। सोशल मीडिया पर आज कल एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक व्यक्ति की घायल पीठ को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर गलवन वैली में घायल हुए भारतीय जवान की है। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा सही नहीं है। वायरल हो रही तस्वीर पुरानी है। यह 15 जून, 2020 को लद्दाख की गलवन घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हालिया झड़प के दौरान घायल हुए भारतीय सेना के जवान की तस्वीर नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल?
वायरल तस्वीर में एक व्यक्ति की घायल पीठ को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “This is one of the soldiers who survived the barbaric attack by Chinese forces on galwan valley. He has nail injuries all over his body. They were completely unarmed and yet they fought back the Chinese army.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “यह उन सैनिकों में से एक है जो गलवन घाटी पर चीनी सेना के बर्बर हमले से बच गए थे। उसके पूरे शरीर पर कीलों के निशान हैं। वे पूरी तरह से निहत्थे थे और फिर भी उन्होंने चीनी सेना से लड़ाई लड़ी।”
इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमें यह तस्वीर इंडोनेशियाई, मलेशियाई और थाईलैंड के कुछ ब्लॉगों पर मिली। इन ब्लॉगों में इस तस्वीर को रेफ़्रेन्स के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। यह सभी पोस्ट्स 2016 की हैं जबकि गालवान घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हालिया झड़प 15 जून, 2020 को हुई थी। थाई ब्लॉग th-sawudeekhao.blogspot.com/ ने इस तस्वीर को थाई कॉम्बैट यूनिट पर लिखे एक ब्लॉग में इस्तेमाल किया है, पर तस्वीर के साथ कोई कैप्शन या क्रेडिट नहीं लिखा है। बाकि ब्लॉगों https://bulletinmedia.blogspot.com/ और https://mysegera.blogspot.com/ में इस तस्वीर को दुनिया भर में मिलिट्री ट्रेनिंग पर लिखे आर्टिकल में इस्तेमाल किया है। यहाँ पर कहीं भी तस्वीर के साथ कोई कैप्शन या क्रेडिट नहीं लिखा है। हालाँकि यह तो साफ़ कि यह तस्वीर 15 जून, 2020 को गालवान घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हालिया झड़प की नहीं है, पर हम स्वतंत्र रूप के इस तस्वीर की उत्पत्ति की जगह और तारीख कन्फर्म नहीं कर सकते।
इससे यह तो साफ़ हो गया कि यह तस्वीर गलवन घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हालिया झड़प की नहीं है।
इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने भारतीय आर्मी के प्रवक्ता के अरुण से बात की। उन्होंने कहा, “यह तस्वीर हाल में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प की नहीं है।”
इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है ‘पुष्पेंद्र सिंह गहरवार’ नाम का यूजर। यूजर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का रहने वाला है।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा सही नहीं है। वायरल हो रही तस्वीर पुरानी है। यह 15 जून, 2020 को लद्दाख की गलवन घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हालिया झड़प के दौरान घायल हुए भारतीय सेना के जवान की तस्वीर नहीं है।
- Claim Review : This is one of the soldiers who survived the barbaric attack by Chinese forces on galwan valley. He has nail injuries all over his body. They were completely unarmed and yet they fought back the Chinese army.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है
- Claimed By : पुष्पेंद्र सिंह गहरवार
- Fact Check : झूठ
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