Quick Fact Check: भारतीय संविधान में नहीं है किसी भी धार्मिक किताब की पढाई पर पाबंदी, फर्जी पोस्ट फिर से वायरल
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि भारत के संविधान में कोई अनुच्छेद 30 (A) नहीं है, जो कि गीता को पढ़ने से रोकता है। यह दावा गलत है।
- By: Pallavi Mishra
- Published: Jun 18, 2020 at 04:50 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम) सोशल मीडिया पर आज कल फिर से एक पोस्ट इस दावे के साथ वायरल हो रही है कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 30 मदरसों को कुरान पढ़ाने की अनुमति देता है, लेकिन अनुच्छेद 30 (A) कहता है कि भगवद् गीता को स्कूलों में नहीं पढ़ाया जा सकता है। पोस्ट में यह कहने की कोशिश की गई है कि संविधान धार्मिक पाठ के शिक्षण पर पक्षपाती है। विश्वास न्यूज़ ने इस क्लेम की पहले भी पड़ताल की थी और पाया था कि भारत के संविधान में कोई अनुच्छेद 30 (A) नहीं है जो कि गीता को पढ़ने से रोकता है। यह दावा गलत है।
क्या हो रहा है वायरल?
Bhavana A Bhanushali नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस वायरल पोस्ट को 6 जून को शेयर किया जिसमें लिखा है, “आर्टिकल 30: मदरसों में कुरान, हदीस पढ़ाये जाएँ। आर्टिकल 30(A) स्कूलों, गुरुकुलों में भगवत गीता, वेद पुराण ग्रन्थ नहीं पढ़ाये जाएंगे।”
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल
हमने जब पड़ताल की तो पाया कि 30A नाम का कोई आर्टिकल है ही नहीं, बल्कि आर्टिकल 30 को तीन भागों में बांटा गया है। आर्टिकल 30(1), 30(1A), 30(2)।
आर्टिकल 30 में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के लिए अल्पसंख्यकों के अधिकार के बारे में बताया गया है।
हमने इस विषय में सुप्रीम कोर्ट के वकील स्मरहर सिंह से भी बात की थी। उन्होंने हमें बताया था, “इस पोस्ट का कोई आधार नहीं है। संविधान का अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों के अधिकार के बारे में उनकी पसंद के शैक्षिक संस्थानों को स्थापित करने के अधिकार की बात करता है, चाहे वह किसी भी धर्म या भाषा का हो। अनुच्छेद 30 ए जैसा कोई आर्टिकल नहीं है। भारतीय संविधान में ऐसा कोई अनुच्छेद नहीं है, जो धार्मिक किताबों की पढाई पर किसी भी प्रकार के प्रतिबंध लगाता है। वायरल पोस्ट फर्जी है।”
विश्वास न्यूज़ ने इस क्लेम की पहले भी पड़ताल की थी। इस पूरी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि भारत के संविधान में कोई अनुच्छेद 30 (A) नहीं है, जो कि गीता को पढ़ने से रोकता है। यह दावा गलत है।
- Claim Review : मस्जिद के अंदर मदरसा चर्च के अंदर कॉन्वेंट स्कूल.. तो मन्दिरों के अंदर भी गुरुकुल चलने चाहिए.?? Agar Aapka jawab Ha hai to
- Claimed By : Bhavana A Bhanushali
- Fact Check : झूठ
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