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Fact Check: कबूतर के गुर्दे की झिल्ली से बना घोल पीना कोरोना वायरस का इलाज नहीं है, वायरल पोस्ट फर्जी है

  • By: Urvashi Kapoor
  • Published: Jun 8, 2020 at 09:50 PM
  • Updated: Jun 8, 2020 at 09:55 PM

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि कबूतर के गुर्दा की झिल्ली (Pigeon membrane slurry) से बना सूप कोरोना वायरस को ठीक कर सकता है। Vishvas News ने इस पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि यह पोस्ट फर्जी है।

क्लेम

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति दावा कर रहा है कि कबूतर के गुर्दा की झिल्ली (पोटा) के सूप को पीने से कोरोना वायरस को ठीक किया जा सकता है। व्यक्ति ने दावा किया है: “मेरे पास कोरोना वायरस का पूरा इलाज है। ये कबूतर आपको हर जगह आसानी से मिल जाते हैं। कबूतर का पोटा लें उसमें से झिल्ली निकाल लें। तीन कबूतरों के पोटे की झिल्ली निकालकर किसी चीज में डालकर उसे पकाएं और उस सूप को पिएं। आपको कभी भी कोरोना वायरस नहीं होगा।

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने पोस्ट पर आए कमेंट्स को पढ़ा और कई यूजर्स ने कमेंट में इस पोस्ट को फेक बताया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मिथक-बस्टर पेज पर इस बात का उल्लेख किया गया है कि कई दवाओं का परीक्षण चल रहा है। फिलहाल ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे यह दावा किया जा सके कि कोई दवा COVID-19 को ठीक कर सकती है या रोक सकती है। WHO, COVID-19 के इलाज के लिए दवाओं के विकास और मूल्यांकन के प्रयासों का समन्वय कर रहा है।

WHO के अनुसार, COVID-19 के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हालांकि, इसके लक्षणों में से कई का इलाज संभव है और किसी हेल्थ केयर प्रोवाइडर की सलाह और देखभाल से बीमारी कम खतरनाक हो सकती है। इसके लिए कई क्लीनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं, जो COVID-19 के लिए संभावित चिकित्सा विज्ञान (पोटेंशियल थेराप्यूटिक्स) का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किए जा रहे हैं।

इस पोस्ट को लेकर हमने आगे पड़ताल की और इस इलाज और कोरोना वायरस के आधार पर वैज्ञानिक अध्ययन का पता लगाने की कोशिश की। इस इलाज का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

हमने इससे पहले भी इसी तरह की पोस्ट को फैक्ट-चेक किया था, जिसमें दावा किया गया था कि कबूतर हेपेटाइटिस और कैंसर का इलाज कर सकते हैं। यह फैक्ट यहां पढ़ा जा सकता है

हमने नई दिल्ली में जनरल प्रैक्टिशनर डॉ. मधुसूदन अग्रवाल से बात की। उन्होंने कहा, यह पोस्ट फेक है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कबूतर के गुर्दे की झिल्ली (पोटा) का सूप कोरोना वायरस को ठीक कर सकती है।

नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. निखिल मोदी ने भी इस दावे को फर्जी बताया है।

यह पोस्ट अजम जामील नाम के यूजर ने ट्विटर पर पोस्ट की थी। हमने उसकी प्रोफाइल को स्कैन किया और पाया कि उसके 41.6K फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष

कबूतर के गुर्दे की झिल्ली (पोटा) से बना सूप कोरोना वायरस को ठीक कर सकता है। यह वायरल पोस्ट फर्जी है।

Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए ,क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।

  • Claim Review : कबूतर झिल्ली से बना घोल पीना कोरोना वायरस का इलाज है
  • Claimed By : Twitter user: Azam Jamil
  • Fact Check : झूठ
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