Fact Check: राहुल गांधी से मिलाने के लिए मजदूरों को लाए जाने का दावा दुष्प्रचार, मुलाकात के बाद वाहनों से घर पहुंचाए गए श्रमिक
दिल्ली के सुखदेव विहार में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मजदूरों को गाड़ियों में बिठाकर उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया गया, जबकि वायरल पोस्ट में गलत मंशा के साथ इस पूरे घटनाक्रम को उलटकर पेश किया जा रहा है कि राहुल गांधी से मिलाने के लिए मजदूरों को गाड़ियों में बिठाकर लाया गया था। वास्तव में मजदूरों से मुलाकात के बाद राहुल गांधी के निर्देश पर उन्हें गाड़ियों में बिठाकर उनके घरों तक पहुंचाया गया।
- By: Abhishek Parashar
- Published: May 20, 2020 at 08:00 PM
- Updated: Aug 29, 2020 at 05:05 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। नई दिल्ली में प्रवासी मजदूरों से राहुल गांधी के मिलने के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें कुछ प्रवासी श्रमिकों को गाड़ी में बैठे हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि ये वहीं मजदूर हैं, जिनसे राहुल गांधी ने मुलाकात की थी और यह मुलाकात योजनाबद्ध थी क्योंकि इसके लिए मजदूरों को गाड़ी में बिठाकर वहां लाया गया था।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा दुष्प्रचार निकला। वास्तव में नई दिल्ली में राहुल गांधी पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों से मिले थे और इसके बाद उनके निर्देश पर सोशल डिस्टेंसिंग के दिशानिर्देशों का ध्यान रखते हुए उन्हें अलग-अलग गाड़ियों में बिठाकर उनके घरों तक पहुंचाया गया। वायरल पोस्ट में इस पूरे घटनाक्रम को गलत मंशा के साथ उलट कर पेश कर दिया गया है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Himmat Singh’ ने वायरल तस्वीर को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”ग्रीन जोन से सेनिटाइज करके लेकर आये थे मजदूरों को भी।”
पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 400 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म पर भी कई लोगों ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक, राहुल गांधी ने 16 मई की शाम दिल्ली के सुखदेव विहार इलाके में पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल पूछा था।
‘दैनिक जागरण’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘सुखदेव विहार में सड़क किनारे फुटपाथ पर बैठे प्रवासी मजदूरों से बातचीत के दौरान वह करीब 1 घंटा 30 मिनट तक यहां पर रहे फिर चले गए।’ इसी रिपोर्ट में प्रवासी मजदूर का बयान भी शामिल है। देवेंद्र के मुताबिक, ‘राहुल गांधी तकरीबन डेढ़ घंटे तक वहां पर रहे। उन्होंने हमारे लिए वाहन की व्यवस्था की। साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि हमें यह गाड़ी हमारे घर तक छोड़ देगी। उन्होंने इस दौरान खाना और पानी के साथ मास्क भी दिए।’
न्यूज एजेंसी ANI के ट्वीट से भी इसकी पुष्टि होती है। ANI ने इस मुलाकात की तस्वीरों को जारी किया है, जिसमें राहुल गांधी मजदूरों से उनका हाल-चाल पूछते नजर आ रहे हैं। ट्वीट में शामिल अन्य तस्वीरों में मजदूरों को उनके सामान के साथ गाड़ी में बैठे हुए देखा जा सकता है। ANI ने हरियाणा से आ रहे एक मजदूर के बयान का भी जिक्र किया है, जिसके मुताबिक, ‘ राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पार्टी (कांग्रेस) कार्यकर्ताओं ने उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया।’
एएनआई के इस ट्वीट में उस महिला को (बाएं से दूसरी) को देखा जा सकता है, जो वायरल तस्वीर में राहुल गांधी के साथ बैठी हुई नजर आ रही हैं। हरी साड़ी और सफेद तौलिए में नजर आ रही महिला एक अन्य श्रमिक के साथ गाड़ी में बैठी हुई हैं। एएनआई के मुताबिक, यह तस्वीर मजदूरों से राहुल गांधी के मुलाकात के बाद की है, जब पार्टी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के निर्देश पर उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया।
यानी राहुल गांधी से मिलने के बाद ही इन प्रवासी मजदूरों को गाड़ी में बिठाया गया, जबकि वायरल पोस्ट में इसके उलट दावा किया गया है।
‘बीबीसी हिंदी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘राहुल गांधी की मुलाक़ात 14 मज़दूरों से हुई थी, जिनमें से 12 लोग उत्तर प्रदेश के थे, जबकि दो मध्य प्रदेश के थे और यह सभी मजदूर अब अपने गांव पहुंच चुके हैं।’
इन्हीं में एक मजदूर देवेंद्र के मुताबिक, ‘दिल्ली में राहुल गांधी के उनसे मिलने आने के बाद फिर उन्हें और पैदल चलने की जरुरत नहीं पड़ी।’ इसके बाद हमने रिपोर्ट लिखने वाले पत्रकार शुरैह नियाजी से संपर्क किया, जिनसे हमें मजदूरों के संपर्क नंबर मिले।
विश्वास न्यूज ने इसके बाद इनमें से दो मजदूरों से फोन पर संपर्क किया। हरियाणा में पेशे से राजमिस्त्री और फिलहाल उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के रानीपुर गांव में अपने घर रह रहे केशचंद्र प्रजापति ने बताया, ‘हम और हमारे रिश्तेदार समेत 12 लोग 15 तारीख (मई) को हरियाणा से पैदल अपने घर को निकले और 16 तारीख को दोपहर करीब 12 बजे के आस-पास दिल्ली पहुंचे। सुखदेव विहार के पास जब हम लोग सुस्ता रहे थे तभी राहुल गांधी वहां आए और हमसे हमारी तकलीफों के बारे में पूछा।’ उन्होंने बताया, ‘राहुल गांधी से मिलने के बाद हमें पैदल नहीं चलना पड़ा। उन्होंने हमारे लिए गाड़ियों का इंतजाम कराया और फिर हमें हमारे घरों तक पहुंचाया गया। चलते वक्त हमें राशन-पानी भी मुहैया कराया गया।’
इसके बाद हमने एक और मजदूर से संपर्क किया। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में अपने घर पहुंच चुके हरकिशन प्रजापति ने फोन पर हमें बताया, ‘राहुल गांधी से मिलने के बाद हमें गाड़ियों से हमारे घर तक पहुंचाया गया।’ उन्होंने कहा, ‘हमें पहले बदरपुर बॉर्डर ले जाया गया और फिर वहां दूसरी गाड़ी खड़ी थी, जिसमें बिठाकर हमें हरियाणा बॉर्डर लाया गया। इसके बाद अन्य गाड़ी से यूपी बॉर्डर, फिर आगरा, मथुरा होते हुए टीकमगढ़ पहुंचाया गया।’
वायरल पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर विचारधारा विशेष से प्रेरित हैं। उन्होंने अपनी प्रोफाइल में खुद को देगाना का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: दिल्ली के सुखदेव विहार में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद मजदूरों को गाड़ियों में बिठाकर उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया गया, जबकि वायरल पोस्ट में गलत मंशा के साथ इस पूरे घटनाक्रम को उलटकर पेश किया जा रहा है कि राहुल गांधी से मिलाने के लिए मजदूरों को गाड़ियों में बिठाकर लाया गया था। वास्तव में मजदूरों से मुलाकात के बाद राहुल गांधी के निर्देश पर उन्हें गाड़ियों में बिठाकर उनके घरों तक पहुंचाया गया।
- Claim Review : राहुल गांधी से मिलाने के लिए मजदूरों को वाहनों से लाया गया
- Claimed By : FB User-Himmat Singh
- Fact Check : झूठ
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