Fact Check: राजस्थान में नर्सों ने कम सैलरी के चलते दिया था इस्तीफा, जमातियों के नाम से वायरल किया जा रहा पोस्ट फर्जी
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि असल में इन नर्सों ने कम सैलरी के चलते इस्तीफा दिया था। जिस अस्पताल की यह घटना है वहां जमात में शामिल हुआ कोई भी व्यक्ति भर्ती ही नहीं था।
- By: Pallavi Mishra
- Published: May 7, 2020 at 04:07 PM
- Updated: Aug 30, 2020 at 07:58 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर आज कल एक तस्वीर वायरल हो रहा है, जिसमें एक टीवी न्यूज़ चैनल का स्क्रीनग्रैब देखा जा सकता है। वायरल इमेज में टीवी चैनल पर एक ब्रेकिंग बैंड लगा है, जिसपर लिखा है- “राजस्थान के झालावाड़ में 100 से ज़्यादा नर्सों ने इस्तीफा दिया।” वायरल पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में दावा किया जा रहा है कि इन नर्सों ने जमातियों के दुर्व्यवहार के चलते इस्तीफा दिया। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि असल में इन नर्सों ने कम सैलरी के चलते इस्तीफा दिया था। जिस अस्पताल की यह घटना है वहां कोई जमाती भर्ती ही नहीं था।
क्या हो रहा है वायरल?
वायरल पोस्ट में एक टीवी न्यूज़ चैनल का स्क्रीनग्रैब देखा जा सकता है। वायरल इमेज में टीवी चैनल पर एक ब्रेकिंग बैंड लगा है, जिसपर लिखा है- “राजस्थान के झालावाड़ में 100 से ज़्यादा नर्सों ने इस्तीफा दिया।” पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “राजस्थान के “झालावाड़” में एक साथ 100 नर्सों ने दिया इस्तीफ़ा… क्योंकि जमाती उनपर थूकते है, वार्ड बॉय खाना देने जाता है तो जाहिल जमाती बिरयानी की मांग करते हैं और मांग पूरी नहीं होने पर उन्हें गंदी गंदी गाली देते है.😡 👺👺🤺🤺”
इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
वायरल पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस पोस्ट की ठीक से देखा। स्क्रीनग्रैब में चल रहे ब्रेकिंग बैंड में कहीं भी जमात में शामिल हुए व्यक्तिओं का ज़िक्र नहीं है। स्क्रीनग्रैब पर न्यूज़ नेशन नाम के टीवी चैनल का लोगो लगा देखा जा सकता है। हमने इंटरनेट पर ‘News Nation +100 nurses resign in Jhalawad’ कीवर्ड्स के साथ सर्च किया। हमें न्यूज़ नेशन की वेबसाइट पर 27 अप्रैल 2020 को अपलोडेड यह खबर मिली। खबर के अनुसार, “झलवाड़ा में 100 से अधिक नर्सिंग स्टाफ ने इस्तीफा दिया है। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि वह 6 हजार में नौकरी नहीं कर सकते। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि आवश्यकता पड़ी तो फ्री में देश के लिए सेवा करेंगे, लेकिन 6 हजार में नौकरी नही करेंगे। इसके अलावा नर्सिंग स्टाफ का ये भी आऱोप है कि उन्हें कोरोना से बचने के लिए सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे।” इस खबर में कहीं भी
जमात में शामिल हुए व्यक्तिओं का ज़िक्र नहीं था। इस खबर में हमें अस्पताल का नाम भी नहीं मिला।
हमने अपनी पड़ताल जारी राखी। हमें झालावाड़ में नर्सिंग स्टाफ के इस्तीफे को लेकर एक खबर newstree.co.in पर भी मिली। इस खबर के अनुसार, नर्सिंग स्टाफ का ये भी आरोप है कि उन्हें कोरोना से बचने के लिए सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जा रहे और साथ ही वे काम से परेशान थे। इस खबर के अनुसार, यह नर्सिंग स्टाफ झालावाड़ मेडिकल कॉलेज का था। इस खबर में कहीं भी
जमात में शामिल हुए व्यक्तिओं का ज़िक्र नहीं था।
हमने पुष्टि के लिए झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ दीपक गुप्ता से बात की। उन्होंने हमसे फ़ोन पर बात करते हुए हमें बताया “कथित नर्सिंग स्टाफ कॉन्ट्रैक्ट स्टाफ था। इन्होने अपना इस्तीफा थर्ड पार्टी वेंडर को कम आय के चलते सौंपा था। हमारे हॉस्पिटल में जमात में शामिल हुआ कोई भी व्यक्ति भर्ती ही नहीं हुआ। यह कहना बिल्कुल गलत है कि इस नर्सिंग स्टाफ ने जमात में शामिल हुए व्यक्तिओं के दुर्व्यवहार के चलते इस्तीफा सौंपा।”
इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है इस पोस्ट को ‘Vijay Kandara” नाम के एक फेसबुक यूजर ने शेयर किया है। यूजर के प्रोफाइल के अनुसार, वह मध्य प्रदेश के मंदसौर में रहता है। इस यूजर के 4,997 फेसबुक फ्रेंड्स हैं।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं, और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि असल में इन नर्सों ने कम सैलरी के चलते इस्तीफा दिया था। जिस अस्पताल की यह घटना है वहां जमात में शामिल हुआ कोई भी व्यक्ति भर्ती ही नहीं था।
- Claim Review : राजस्थान के
- Claimed By : Vijay Kandara
- Fact Check : झूठ
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