Fact Check : खाने में पेशाब मिलाती नौकरानी का यह वीडियो 2011 का है, अब इसे सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि 2011 के पुराने वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वीडियो में कोई मुस्लिम नौकरानी नहीं, बल्कि हिंदू नौकरानी थी।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Apr 17, 2020 at 05:53 PM
- Updated: Feb 21, 2022 at 10:48 AM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि भोपाल में एक हिंदू ने मुस्लिम नौकरानी रखा तो वह थूक और पेशाब से खाना बनाती थी।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो 2011 का है। नौकरानी का नाम हसीना नहीं, बल्कि आशा कौशल था। कुछ लोग पुरानी घटना के वीडियो को जानबूझकर सांप्रदायिक एंगल से वायरल कर रहे हैं।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर आशीष शुक्ला ने 9 अप्रैल को भोपाल की एक पुरानी घटना के वीडियो सांप्रदायिक रंग देते हुए अपलोड किया। साथ में दावा किया : ”भोपाल में मुकेश सूरी जी ने ‘हसीना’ नामक मुस्लिम नौकरानी को काम पर रखा और नौकरानी ने अपने इस्लामी मज़हब के अनुसार आचरण करना शुरू कर दिया!! अपने थूक और पेशाब से बना कर खिलाती थी खाना!”
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत वीडियो को बारीकी से देखने से की। हमें वीडियो में बाएं तरफ 17-10-2011 लिखा हुआ नजर आया। मतलब साफ था कि वीडियो 2011 का है। ना कि अब का। ऐसे कई हिंट हमें मिले जो वीडियो को पुराना साबित कर रहा था।
पड़ताल के अगले चरण में हमने कुछ कीवर्ड टाइप करके गूगल सर्च किया। सर्च के दौरान हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर मिली। खबर में बताया गया, ”भोपाल में एक आर्किटेक्ट की नौकरानी खाने में पेशाब मिलाकर पूरे परिवार को खिला रही थी। पकड़ में आई आशा कौशल नामक यह 55 वर्षीय महिला सोमवार को जमानत पर रिहा भी हो गई। सुरेंद्र गार्डन में रहने वाले मुकेश सूरी इंटीरियर डेकोरेशन एजेंसी संचालित करते हैं। एक दिन पहले जब नौकरानी किचन में खाना बना रही थी, तो सूरी घर में लगे कैमरे में यह देखकर सन्न रह गए कि वह खाने में पेशाब मिला रही है। पूरा परिवार इससे परेशान हो गया। उन्होंने रिकॉर्डिग देखी तो आशा घरेलू सामान भी कपड़ों में छिपाकर ले जाती हुई दिखी।”
वेबसाइट पर यह खबर 18 अक्टूबर 2011 को पब्लिश की गई थी। इस खबर को पढ़कर ये साफ था कि वीडियो काफी पुराना है। वायरल दावे में जिसे मुस्लिम नौकरानी बताया जा रहा है, उसका नाम असल में आशा कौशल था। पूरी खबर आप यहां पढ़ें।
पड़ताल के दौरान हमें यही वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसमें 20 मार्च 2017 को अपलोड किया गया था। इसके कैप्शन में सिर्फ इतना बताया गया कि पीने के पानी में नौकरानी यूरिन मिलाती थी। पूरे वीडियो में मुस्लिम नौकरानी वाला कोई एंगल हमें नहीं मिला।
वायरल पोस्ट को लेकर भोपाल के एएसपी संजय साहू का कहना है कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग पुराने और आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान के लिए टीम बना दी गई है। उन पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट अपलोड करने वाले यूजर आशीष शुक्ला की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर मध्य प्रदेश के सिंगरौली के रहने वाले हैं। इस अकाउंट को जुलाई 2012 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि 2011 के पुराने वीडियो को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वीडियो में कोई मुस्लिम नौकरानी नहीं, बल्कि हिंदू नौकरानी थी।
- Claim Review : मुस्लिम नौकरानी ने खाने में मिलाया पेशाब
- Claimed By : फेसबुक यूजर आशीष शुक्ला
- Fact Check : झूठ
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