Fact Check: बिहार में पोल्ट्री उत्पाद में कोरोना वायरस पाए जाने का दावा गलत, दैनिक जागरण के नाम पर फैलाई जा रही गलत खबर
पोल्ट्री उत्पादों का सेवन नहीं किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही खबर मनगढ़ंत है। इस दावे के साथ जिस न्यूज क्लिप को दैनिक जागरण के नाम से वायरल किया जा रहा है, उसे दुष्प्रचार के मकसद से तैयार किया गया है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Apr 16, 2020 at 04:18 PM
- Updated: Mar 4, 2022 at 10:25 AM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक खबर में दावा किया जा रहा है कि बिहार स्वास्थ्य विभाग ने पोल्ट्री प्रोडक्ट्स में कोरोना वायरस की पुष्टि करते हुए सभी लोगों से चिकेन और अंडा जैसे उत्पादों को नहीं खाने की सलाह दी है। हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ का नाम लेकर सोशल मीडिया पर इस गलत खबर को फैलाया जा रहा है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत और लोगों को गुमराह करने वाला निकला। सोशल मीडिया पर ‘दैनिक जागरण’ के नाम से गलत खबर को वायरल किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
वायरल हो रही पोस्ट में ‘दैनिक जागरण’ अखबार के नाम से एक फर्जी क्लिप तैयार की गई है, जिसमें लिखा हुआ है, ”बिहार स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार के सुबह दस अलग-अलग जगहों से पोल्ट्री मुर्गा का सैंपल पटना जाया गया जहां पर पोल्ट्री मुर्गा में कोरोनावायरस थी सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग ने बिहार एवं अन्य शहरों एवं राज्य के लोगों को हिदायत देते हुए कहा है कि लोग पोल्ट्री मुर्गा खाने से दूर रहें एवं पोल्ट्री उद्योग के मालिकों को हिदायत दिया है कि वह इस समय अपने उद्योग को जितना जल्दी हो सके बंद कर दे ताकि आम लोगों में वायरस ना फाइलें।
सिंपल निम्नलिखित जगहों से ले जाया गया- मुंगेर, आरा, बक्सर, जमुई, लखीसराय, कटिहार, सिवान, बेगूसराय, पटना एवं अन्य जगहों पर भी सैंपल लिया जा रहा है इसलिए आम नागरिकों से अपील है कि वह अभी तत्काल पोल्ट्री मुर्गा खाने से दूर रहें।”
पड़ताल
वायरल खबर को सावधानीपूर्वक देखने पर इसके फर्जी होने के प्रमाण मिल जाते हैं। वायरल क्लिप में इस्तेमाल किया जाने वाला फॉन्ट, दैनिक जागरण अखबार में इस्तेमाल होने वाले फॉन्ट से बिल्कुल अलग है। फर्जी क्लिप में जिस मास्ट हेड का इस्तेमाल किया गया है, वह वास्तविक मास्ट हेड से बिल्कुल अलग है। इसके अलावा खबर में व्याकरण और वर्तनी की कई गलतियां हैं, जिसे देख कर समझा जा सकता है कि समाचार की इस प्रति को जानबूझकर दुष्प्रचार के मकसद से तैयार किया गया है।
ऑनलाइन ऐसे कई टूल्स उपलब्ध है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति किसी भी अखबार के नाम से किसी भी तारीख का न्यूजपेपर क्लिप तैयार कर सकता है।
दैनिक जागरण के पटना संस्करण के संपादक आलोक मिश्रा ने कहा, ‘ऐसी कोई खबर दैनिक जागरण में प्रकाशित नहीं हुई है । किसी ने दैनिक जागरण के नाम का दुरुपयोग किया है। न तो हमारा मास्ट हेड ही ऐसा है और न ही अखबार में ऐसे फॉन्ट का इस्तेमाल होता है। वायरल हो रही क्लिप में डेटलाइन भी अंग्रेजी में लिखी हुई है, जो जागरण में नहीं जाती है। इस बेबुनियाद खबर से दैनिक जागरण का कोई लेना-देना नहीं है।’
दैनिक जागरण के मास्टहेड और अखबार में इस्तेमाल किए जाने वाले फॉन्ट को नीचे दिए गए तस्वीर में देख जा सकता है।
पोल्ट्री उत्पादों के सेवन को लेकर जारी सरकारी दिशा-निर्देशों की स्थिति जानने के लिए विश्वास न्यूज ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. इरफान अहमद सुभानी से बात की। उन्होंने बताया, ‘सरकार की तरफ से पोल्ट्री उत्पादों का सेवन नहीं किए जाने को लेकर कोई भी आदेश या निर्देश नहीं जारी किया गया है। यह महज अफवाह है।’
उन्होंने कहा, ‘वास्तविकता यह है कि सरकार लोगों को बता रही है मांस, मछली, मुर्गा या अंडा खाने में कोई परहेज नहीं है। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों की वजह से यह सब हो रहा है और हम यह बता रहे हैं कि इन उत्पादों का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है।’
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी पोल्ट्री प्रोडक्ट में कोरोना वायरस पाए जाने के दावे का खंडन किया गया है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (fssai) ने भी पोल्ट्री प्रोडक्ट के सेवन को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है। fssai की तरफ से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है, ‘कोरोना वायरस का संक्रमण इंसानों के जरिए फैलता है। दुनिया भर में अभी तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि पोल्ट्री उत्पादों के सेवन से कोरोना वायरस फैलता है। इसलिए पोल्ट्री के उत्पादों का सेवन सुरक्षित है। इन उत्पादों का सेवन करते वक्त साफ-सफाई की बुनियादी बातों का ध्यान रखे जाने की जरूरत है।’
WHO ने भी कहा है कि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यह वायरस जानवरों के जरिए इंसानों में फैलता है।
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: पोल्ट्री उत्पादों का सेवन नहीं किए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही खबर मनगढ़ंत है। इस दावे के साथ जिस न्यूज क्लिप को दैनिक जागरण के नाम से वायरल किया जा रहा है, उसे दुष्प्रचार के मकसद से तैयार किया गया है।
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