Fact Check: हांगकांग में फलों और सब्जियों से कोरोना (COVID-19) संक्रमण फैलने का दावा भ्रामक है
पोस्ट का यह दावा भ्रामक है कि हांगकांग में फलों और सब्जियों से कोरोना वायरस फैला। फल अगर अच्छे से साफ किए गए हों और सब्जी अच्छी तरह धोकर पकाएं गए हों तो इन्हें खाने में कोई नुकसान नहीं है।
- By: Urvashi Kapoor
- Published: Apr 10, 2020 at 07:00 PM
- Updated: Apr 24, 2020 at 08:06 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि हांगकांग की एक मेडिकल लैब ने चेताया है कि कोरोन वायरस फलों और सब्जियों की सतह पर 12 घंटे तक रह सकता है। इस पोस्ट में सलाह दी गई है कि सलाद का सेवन बंद कर दें और खरीददारी के 48 घंटे तक फलों को न खाएं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। हालांकि, फलों और सब्जियों को इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह धोना बहुत जरूरी है। इसके अलावा आप अपने हाथों को भी साबुन से 20 सेकंड तक धोएं।
क्या है वायरल पोस्ट में
Melissa Lashes नाम के पेज से शेयर किए गए इस वायरल पोस्ट में लिखा है, ‘हांगकांग की एक भरोसेमंद लैब की तरफ से अर्जेंट मैसेज… हमारी लैब्रोटरी में हमने संक्रमित व्यक्ति के छुए हुए फलों और सब्जियों की सतह पर 12 घंटे बाद भी वायरस पाया। हमने अपने स्टाफ को सलाद नहीं खाने की सलाह दी है। खरीददारी के 48 घंटे तक फलों को न खाएं या उन्हें काटते समय उनपर थोड़ा खौलता पानी डालें। जामुन, सेब, खीरे और टमाटर के साथ समस्या ज्यादा है क्योंकि लोग इनकी ऊपरी परत भी खाते हैं। इससे पता चल रहा है कि वायरस एशिया से ज्यादा पश्चिम में क्यों फैल रहा है। अधिकतर एशियाई सलाद नहीं खाते और कुछ कम ही लोग फल की ऊपरी परत खाते हैं। हमें यह मानकर चलना होगा कि घर के बाहर से आने वाली कोई भी चीज 48 घंटे तक संक्रमित है। जूते, कपड़े, हमारे बाल, सारे खाने। उम्मीद करते हैं कि इससे मदद मिलेगी, कृप्या काफी ख्याल रखें। सादर।’
पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज की पड़ताल में हांगकांग के सेंटर फॉर फूड एंड सेफ्टी की एक फेसबुक पोस्ट मिली। इसमें लिखा है, ‘इसका कोई सबूत नहीं है कि खाने से इंसानों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह अफवाह फैल गई कि कोरोना वायरस का संक्रमण खाने से फैल सकता है।’
हमने अपनी पड़ताल जारी रखी और हमें सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की वेबसाइट पर एक न्यूजलेटर मिला। इसके मुताबिक, ‘सामान्यतया कोरोना वायरस लोगों से लोगों के बीच में सांसों के ड्रॉपलेट्स से पहुंचते हैं। फिलहाल ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह बताता हो कि कोरोना वायरस खाने से फैलता है। सामान्य फूड सेफ्टी के लिए जरूरी है कि खाना बनाने या खाने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से 20 सेकंड तक धोएं। दिनभर में अपनी बहती नाक छूने, खांसने, छींकने या बाथरूम जाने के बाद अपने हाथ जरूर धोएं।’
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ‘ प्राथमिक रूप से कोरोना (COVID-19) वायरस इससे संक्रमित शख्स के खांसने या छींकने के बाद उसके लार की बूंदों या नाक से निकली चीजों से फैलता है। इसलिए जरूरी है कि आप सामान्य शिष्टाचार का पालन करें (उदाहरण के लिए अपनी मुड़ी हुई कोहनी से मुंह ढंक खांसना।)’
यूरोपियन फूड सेफ्टी अथॉरिटी की एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इस बात का कोई सबूत नहीं है कि खाने से कोरोना वायरस फैलता है या खाना इसका वाहक बनता है।’
विश्वास न्यूज ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के डायरेक्टर डॉक्टर एसी मिश्रा से बात की। उन्होंने बताया, ‘इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस खाने के जरिए फैलता है। खाने से पहले हमेशा अपने हाथों को साबुन और पानी से 20 सेकंड तक धोएं। खाने से पहले सब्जियों और फलों को अच्छे से धोना भी जरूरी है।’
हमने इस वायरस मैसेज को शेयर करने वाले पेज की सोशल स्कैनिंग भी की। फैक्ट चेकिंग तक Melissa Lashes नाम के इस पेज के 4257 फॉलोअर्स थे।
Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।
निष्कर्ष: पोस्ट का यह दावा भ्रामक है कि हांगकांग में फलों और सब्जियों से कोरोना वायरस फैला। फल अगर अच्छे से साफ किए गए हों और सब्जी अच्छी तरह धोकर पकाएं गए हों तो इन्हें खाने में कोई नुकसान नहीं है।
- Claim Review : हांगकांग में फलों और सब्जियों से कोरोना (COVID-19) संक्रमण फैलने का दावा
- Claimed By : Facebook page: Melissa Lashes
- Fact Check : भ्रामक
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