Fact Check: जेद्दा 3D आर्ट प्रोजेक्शन मैपिंग के वीडियो को निजामुद्दीन में फ़रिश्ते नज़र आने के गलत दावे के साथ किया जा रहा है वायरल
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो ना ही दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज़ का है और ना ही वीडियो में फ़रिश्ते नज़र आ रहे हैं। जेद्दा में हुए एक आर्ट प्रोजेक्शन के वीडियो को ग़लत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
- By: Umam Noor
- Published: Apr 10, 2020 at 08:11 PM
- Updated: Apr 10, 2020 at 08:27 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को परछाईं के तौर पर देखा जा सकता है। यूजर दावे कर रहे हैं कि यह वीडियो दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज़ का है, जहां पर फ़रिश्ते नज़र आये हैं।
विश्वास न्यूज़ ने जब वीडियो की हकीकत जानने के लिए पड़ताल की तो हमें मालूम हुआ कि यह वीडियो असल में 2019 में जेद्दा में हुए एक आर्ट प्रोजेक्शन मैपिंग का है। इस वीडियो में नज़र आ रहे वर्क के आर्टिस्ट का नाम मारवाह अल मगैत है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पेज ‘Kashmir news and news’ ने 6 अप्रैल को एक वीडियो शेयर की, जिसमें कुछ आदमियों को सफ़ेद रंग की परछाईं के तौर पर देखा जा सकता है। यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ”Nizamuddin markaz may farishton ki jamaat yah dekho kya ya sach ho sakta ha”.
हमने पाया कि इस वीडियो को बहुत-से यूजर इसी फर्जी दावे के साथ एफबी पर शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल शुरू की और सबसे पहले वीडियो को InVID टूल में डाल कुछ ग्रैब्स निकाले। अब हमने इन ग्रैब्स को रिवर्स इमेज सर्च किया और हमारे हाथ वोग अरबिया का लिंक लगा। 16 जून 2019 को छपे आर्टिकल की हेडिंग है- ‘One of Jeddah’s historic buildings is a masterpiece’. इस आर्टिकल में हमें वायरल वीडियो की एक स्थिर इमेज भी नज़र आयी। खबर में बताया गया कि जेद्दा सीजन के जश्न में बाब अल बंत म्यूजिम में मारवाह अल मगैत नाम की आर्टिस्ट का प्रोजेक्शन मैपिंग आर्ट दिखाई गयी है। मारवाह अल मगैत का वर्क दीवारों पर प्रोजेक्शन और प्रोजेक्शन की तकनीक पर से जुड़ा हुआ है। पूरी खबर यहाँ पढ़ें।
अब हमने गूगल पर बाब अल बंत जेद्दा आर्ट प्रोजेक्शन कीवर्ड के साथ सर्च किया और हमारे हाथ saudigazette की एक खबर लगी। 15 जून 2019 को छपी इस खबर में बताया गया, ”जेद्दा के बाब अल बंत म्यूजियम में लोग हिस्टोरिकल बिल्डिंग की दीवारों के वीडियो वर्क को बहुत एन्जॉय कर रहे हैं। मारवाह अल मगैत नाम की आर्टिस्ट के ज़रिये पेश किये गए इस वीडियो वर्क का नाम ‘अल बंत’ दिया गया है। खबर में आगे बताया गया, ”म्यूज़ियम की वीडियो प्रोजेक्शन आर्टिस्ट की पहली वीडियो वर्क है, जिसमें 3D वीडियो प्रोजेक्शन मैपिंग का इस्तेमाल किया गया है।”
आर्टिस्ट मारवाह अल मगैत के जेद्दा 3D प्रोजेक्शन मैपिंग की हमें और भी ख़बरें मिलीं, जिसमें इस टॉपिक से जुड़ी बहुत-से डिटेल्स मौजूद हैं। खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज़ ने अब सीधे मारवाह अल मगैत से बात की और उनके साथ वायरल वीडियो और उससे जुड़ा वायरल हो रहा फर्जी दावा भी शेयर किया। इसके जवाब में उन्होंने हमें बताया, ”इस वीडियो का हिंदुस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो एक 3D प्रोजेक्शन मैपिंग है जो कि जेद्दा में हुई थी। इस में सऊदी और जेद्दा में आने वाले मासफरों को रिजेम्ब्लेंस के तौर पर दिखाया गया है।”
अब बारी थी इस वीडियो को फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक पेज Kashmir news and news’ की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि इस पेज को 13,010 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो ना ही दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज़ का है और ना ही वीडियो में फ़रिश्ते नज़र आ रहे हैं। जेद्दा में हुए एक आर्ट प्रोजेक्शन के वीडियो को ग़लत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
- Claim Review : Nizamuddin markaz may farishton ki jamaat
- Claimed By : FB User- Kashmir news and news
- Fact Check : झूठ
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