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Fact Check: ब्रॉयलर चिकन में कोरोना वायरस पाए जाने का दावा फर्जी है

वायरल पोस्ट का यह दावा फर्जी है कि ब्रॉयलर चिकन में कोरोना वायरस पाया गया है। इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीरों का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।

  • By: Urvashi Kapoor
  • Published: Feb 8, 2020 at 02:43 PM
  • Updated: Apr 24, 2020 at 08:33 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ब्रॉयलर चिकन में कोरोना वायरस पाया गया है। इस पोस्ट में मीट और चिकन की कुछ तस्वीरें भी हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला है। तस्वीरों का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर मोहम्मद शहाबुद्दीन नाम के यूजर ने इस पोस्ट को शेयर किया है। इसमें लिखा है, ‘बॉयलर चिकन में कोरोना वायरस को पाया गया है। तमाम लोगों से अपील की जाती है कि बॉयलर के गोश्त का इस्तेमाल न करें। दुआ की अपील।’ इस पोस्ट के साथ मीट और चिकन की कुछ तस्वीरें भी हैं। इस तस्वीर के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ब्रॉयलर (broiler) की स्पेलिंग गलत है। पोस्ट में इसे बॉयलर (boiler) लिखा गया है। इसी तरह कोरोना वायरस (coronavirus) की स्पेलिंग भी गलत (korona virus) लिखी हुई है।

विश्वास न्यूज ने इस बारे में सेंट्रल पॉल्ट्री डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन मुंबई के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉक्टर सत्यनारायण स्वेन से बात की। उन्होंने कहा, ‘यह दावा फर्जी है। ब्रॉयलर चिकन को हाइजीनिक तरीके से पाला जाता है। सोशल मीडिया पर यह मिसइन्फॉर्मेशन फैलाई जा रही है कि ब्रॉयलर चिकन में कोरोना वायरस पाया गया है। इसका कोई सबूत नहीं है।’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतू जानवर इस नए तरीके के कोरोना वायरस से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, पालतू जानवरों के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना हमेशा अच्छा होता है। यह आपको E.coli और Salmonella नाम के आम बैक्टीरिया से बचाता है जो पालतू जानवरों से इंसानों में जा सकते हैं।

हमने वायरल पोस्ट में मौजूद चिकन की तस्वीर को Google Reverse Image सर्च किया।

हमें रिसर्च आधारित वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट की हेडलाइन है, ‘An Outbreak of Colibacillosis in a Broiler Farm.’ (ब्रॉयलर फार्म में कोलिबासिल का प्रकोप)। वायरल पोस्ट की चिकन की तस्वीर इसमें भी An Outbreak of Colibacillosis in a Broiler Farm कैप्शन के साथ अपलोड की गई है।

हमने वायरल पोस्ट में मौजूद चिकन की दूसरी तस्वीरों को भी Google Reverse image सर्च किया।

हमें यही तस्वीर एक दूसरी वेबसाइट पर मिली, जहां बताया गया है कि चिकन एस्परगिलोसिस (aspergillosis) नामक बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी की वजह एक मिट्टी का एक फंगस है जो गंदी जमीन, बिस्तर और चिकन फीड से फैलता है। नवजात चिकन के लिए यह खतरनाक होता है।

वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीरों का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है। पहली तस्वीर ब्रॉयलर फॉर्म में कोलिबासिल नाम की बीमारी की है। वहीं, दूसरी तस्वीर एस्परगिलोसिस नामक बीमारी से पीड़ित चिकन की है।

विश्वास न्यूज ने के सीएसआईआर- इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉक्टर मनोज कुमार से बात की। यह इंस्टीट्यूट भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन आता है। उन्होंने बताया, ‘कोरोना वायरस खांसी और छींकने जैसी सांस संबंधी लक्षणों वाले इस बीमारी से पीड़ित शख्स के नजदीकी संपर्क से फैलता है। यह दावा सही नहीं लग रहा है। इस दावे के संबंध में कोई सबूत नहीं है।’

हैदराबाद म्युनिसिपिल कॉरपोरेशन (GHMC) ने भी लोगों से अपील की है कि ब्रॉयलर चिकन खाने से कोरोना वायरस फैलने की अफवाह पर ध्यान न दें। GHMC से रिटायर चीफ वेटनरी ऑफिसर वेंकेटेश्वर रेड्डी ने बताया कि भारत में किसी पक्षी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का कोई मामला नहीं है।

2016 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रामक ब्रोंकाइटिस वायरस (IBV) चिकन में तेजी से फैलने वाली सांस की बीमारी का कारण बनता है। इससे उत्पादन में कमी, अंडों में असामान्यताएं और अंडों की गुणवत्ता में कमी आई। यह रोग कोरोनो वायरस के कारण होता है। जब तक यह कार्बनिक पदार्थों में नहीं होता है तब तक IBV कीटाणुनाशकों द्वारा आसानी से मारा जा सकता है। जीवन में जल्दी संक्रमित होने वाले चूजों को डिंबवाहिनी को स्थायी नुकसान हो सकता है। ऐसे में वो अंडे नहीं दे पाएंगे। हालांकि, आईबीवी काफी संक्रमणीय है। इसके बावजूद अधिकतर पक्षी आसपास के तापमान बढ़ाने और पानी के बजाय दूध देने जैसे सहायक उपचारों से ठीक हो जाएंगे।

यह रिपोर्ट 2016 में शेयर की गई थी, जबकि वायरल पोस्ट कोरोना वायरस फैलने की हालिया घटना के दौरान की है।

विश्वास न्यूज ने इससे पहले कोरोना वायरस से जुड़ी एक फर्जी पोस्ट का खुलासा किया था। इसमें कोरोना वायरस के नाम पर एक वीडियो को वायरल किया जा रहा था।

विश्वास न्यूज ने कथित तौर पर स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी के आधार पर वायरल हो रही कोरोना वायरस से जुड़ी एक और फर्जी पोस्ट का खुलासा किया था|

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: वायरल पोस्ट का यह दावा फर्जी है कि ब्रॉयलर चिकन में कोरोना वायरस पाया गया है। इस पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीरों का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।

  • Claim Review : ब्रॉयलर चिकन में कोरोना वायरस पाए जाने का दावा
  • Claimed By : FB User: Mohammad Shahabuddin
  • Fact Check : झूठ
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