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Fact Check: ये वीडियो कनाडा से भारतीय छात्रों को डिपोर्ट करने का नहीं, बल्कि वीसा की लाइन का है

हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा सही नहीं है। ये वीडियो कनाडा से निकाले जा रहे बच्चों का नहीं है। असल में ये वीडियो वीसा के लिए लाइन में लगे छात्रों का है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Jan 11, 2020 at 01:45 PM
  • Updated: Jan 11, 2020 at 02:16 PM

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक एयरपोर्ट पर बहुत से युवकों और युवतियों को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो कनाडा का है और भारतीय छात्रों को आईईएलटीएस परिणामों से छेड़छाड़ करने की वजह से वापस भेजा जा रहा है।

हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा सही नहीं है। असल में ये वीडियो वीसा के लिए लाइन में लगे छात्रों का है।

CLAIM

वायरल वीडियो में एक एयरपोर्ट पर बहुत-से युवकों और युवतियों को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है “Indian students being deported back to india because of their FAKE IELTS exam result submissions.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “भारतीय छात्रों को आईईएलटीएस परिणामों से छेड़छाड़ करने की वजह से कनाडा से वापस भेजा जा रहा है।”

इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

FACT CHECK

इस खबर की पड़ताल करने से पहले आपको बता दें कि IELTS क्या होता है। आईईएलटीएस गैर-देशी अंग्रेजी भाषा बोलने वालों के लिए अंग्रेजी भाषा कुशलता का एक अंतरराष्ट्रीय मानकीकृत परीक्षण है। यह संयुक्त रूप से ब्रिटिश काउंसिल, IDP: IELTS ऑस्ट्रेलिया और कैम्ब्रिज एक्सेसमेंट इंग्लिश द्वारा प्रबंधित किया जाता है और 1989 में स्थापित किया गया था। IELTS दुनिया में प्रमुख अंग्रेजी-भाषा परीक्षणों में से एक है। किसी भी भारतीय को कनाडा या UK समेत कई देशों में पढाई करने या नौकरी करने के लिए इस टेस्ट को पास करना ज़रूरी है।

ये खबर भारतीय छात्रों को कनाडा से वापस भेजने की बात कह रही है। ये मामला अपने आप में बहुत बड़ा है। यदि ऐसी कोई खबर होती तो वो भारतीय या इंटरनेशनल मीडिया ने ज़रूर कवर की होती। इस खबर को हमने इंटरनेट पर ढूंढा पर हमें ऐसी कोई भी खबर नहीं मिली।

अब हमने इस वायरल वीडियो के Invid टूल की मदद से की-फ्रेम्स निकाले और इन की-फ्रेमस को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। ढूंढ़ने पर हमारे हाथ पीटीसी पंजाबी कनाडा के फेसबुक पेज पर अपलोडेड एक वीडियो लगा, जो हूबहू वायरल वीडियो जैसा ही था।

इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में पंजाबी में लिखा था “ਕੈਨੇਡਾ ‘ਚ ਟੋਰਾਂਟੋ ਇੰਟਰਨੈਸ਼ਨਲ ਏਅਰਪੋਰਟ ‘ਤੇ ਇੰਡੀਆ ਤੋਂ ਪੜ੍ਹਨ ਆਏ ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦੀ ਲੱਗੀ ਭੀੜ, ਦੇਖੋ ਵੀਡਿਉ! #Indian students at Toronto Airport today Toronto Pearson International Airport Good Luck , ਸ਼ੁਭ ਇੱਛਾਵਾਂ !!”

जिसका हिंदी अनुवाद होता है “कनाडा में टोरंटो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारत से पढ़ने आए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की भीड़, वीडियो देखें #Indian students at Toronto Airport today Toronto Pearson International Airport Good Luck “

https://www.facebook.com/watch/?v=608951629903347

इसके बाद हमें पता चला कि कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी एक एजेंसी है जो कनाडा में सीमा सुरक्षा और निगरानी, इमीग्रेशन और सीमा शुल्क सेवाओं के लिए जिम्मेदार है, तो हमने उनसे इस विषय में ज़्यादा जानकारी चाही। हमने कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी के कम्युनिकेशन मैनेजर जेम्स टनर से बात की। उन्होंने कहा कि वो इस वायरल खबर के बारे में जानते हैं और इस विषय में कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से 30 दिसंबर को एक ट्वीट करके इस खबर को ख़ारिज किया था। ये खबर बिल्कुल गलत है। ये बच्चे असल में अपने वीसा के लिए इंतज़ार कर रहे थे।

हमने कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर ढूंढा तो हमें 30 दिसंबर, 2019 को किया गया ये ट्वीट मिल भी गया। ट्वीट में लिखा था The #CBSA can confirm that the content and caption of a video circulating on social media are false. The video shows an overflow waiting area at @TorontoPearson where international students are awaiting study permit processing. The individuals are not waiting to be deported. जिसका हिंदी अनुवाद होता है “#CBSA इस बात की पुष्टि कर सकता है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो की सामग्री और कैप्शन झूठे हैं। वीडियो @TorontoPearson पर एक अतिप्रवाह प्रतीक्षा क्षेत्र दिखाता है जहां अंतरराष्ट्रीय छात्र अध्ययन परमिट प्रसंस्करण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन लोगों को डिपोर्ट नहीं किया जा रहा है। इस ट्वीट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कई लोग गलत दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Saleem Chishti नाम का फेसबुक पेज। इस यूजर ने अपने अबाउट अस सेक्शन में तो अपने बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी है मगर इस यूजर की एक तस्वीर के ऊपर पाकिस्तान लिखा देखा जा सकता है। इन यूजर ने एक जगह और भी पाकिस्तान के झंडे की तस्वीर शेयर की है। हालांकि, इसके चेक इन को देख कर लगता है वो कनाडा में ही रहता है।

निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दावा सही नहीं है। ये वीडियो कनाडा से निकाले जा रहे बच्चों का नहीं है। असल में ये वीडियो वीसा के लिए लाइन में लगे छात्रों का है।

  • Claim Review : Indian students being deported back to india because of their FAKE IELTS exam result submissions.
  • Claimed By : Saleem Chishti
  • Fact Check : झूठ
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