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Fact Check: हैदराबाद के वीडियो को असम NRC से जोड़कर किया जा रहा वायरल

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Dec 23, 2019 at 06:54 PM
  • Updated: Dec 23, 2019 at 06:56 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसवाले कुछ लोगों को हिरासत में लेते हुए नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो असम का है, जहां पर NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) में नाम नहीं होने की वजह से पुलिस लोगों को उठाकर ले जा रही है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जिस वीडियो को असम का बताते हुए वायरल किया जा रहा है, वह वास्तव में हैदराबाद में हुए विरोध प्रदर्शन का है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर मोहम्मद गुलशेर (Mohd Gulsher) ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”देश के बाकी हिस्सों में शायद पता ही नहीं है कि आसाम में ये काम चालू है किस तरह से NRC में नाम नहीं होने पर घर से उठाया जाता है जरा खुद भी देख लीजिये, इनका NRC में नाम नहीं है इसलिए घर से उठाया जा रहा है #Assam आज आपका विरोध बंद हो जाए तो कल आपका हाल ऐसा ही होगा । North East में लोग विरोध क्यों कर रहे हैं इस वीडियो को देखकर ये पता चल गया होगा आपलोगों को।”

गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को 1000 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। वहीं, करीब-करीब 7000 से अधिक लोग इसे देख चुके हैं।

पड़ताल

कई अन्य फेसबुक यूजर्स ने इसी वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। उनका कहना है कि असम में NRC में नाम नहीं होने की वजह से पुलिस लोगों को उठा कर ले जा रही है।

वीडियो को गौर से देखने पर लोगों को हिरासत में ले रही पुलिसवालों की वर्दी पर लगा संकेत चिह्न दिखा। चिह्न को रिवर्स इमेज किए जाने पर हमें पता चला कि वीडियो में नजर आ रहे पुलिसकर्मी तेलंगाना पुलिस के जवान हैं।

तेलंगाना पुलिस का प्रतीक चिह्न (Source-तेलंगाना स्टेट पुलिस डिपार्टमेंट)

इसके अलावा वीडियो में पुलिसकर्मियों को तेलुगू में बात करते हुए भी सुना जा सकता है, जो तेलंगाना की भाषा है। चारमीनार थाने के इंस्पेक्टर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि वीडियो में नजर आ रहे पुलिसकर्मी तेलंगाना पुलिस के ही हैं।

सर्च में हमें ‘सियासत डेली’ (Siasat Daily) के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो बुलेटिन मिला, जिसमें इस वीडियो का इस्तेमाल किया गया है।

19 दिसंबर को अपलोड किए गए वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, हैदराबाद में पुलिस ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों छात्रों और नागरिकों को हिरासत में लिया।

सियासत डेली के वीडियो में 7.16 मिनट पर एक बुजुर्ग को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सुना जा सकता है।

और इन्हीं बुजुर्ग को फेसबुक पर वायरल हो रहे वीडियो के 0.57 सेकेंड के फ्रेम में भी देखा जा सकता है।


टीवी 9 तेलुगू के क्राइम रिपोर्टर नूर मोहम्मद ने विश्वास न्यूज को बताया कि यह वीडियो हैदराबाद का है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद में सीएए और एनआरसी को लेकर कुछ दिनों पहले विरोध प्रदर्शन हुआ था और पुलिस ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया था।

नूर मोहम्मद ने बताया, ’19 दिसंबर को हैदाराबाद एग्जिबिशन ग्राउंड में जमात-ए-इस्लामी ने रैली का आयोजन किया था , लेकिन इस रैली को पुलिस की मंजूरी नहीं थी। इसलिए पुलिस ने वहां जाने की कोशिश कर रहे सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।’ उन्होंने बताया, ‘वीडियो में नजर आ रही महिलाओं को बेगमबाजार पुलिस ने हिरासत में लिया था।’

19 दिसंबर को हैदराबाद सिटी पुलिस के ट्विटर हैंडल पर किए गए ट्वीटर से भी इसकी पुष्टि होती है, जिसमें कहा गया है कि पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ या पक्ष में किस भी रैली की इजाजत नहीं दी है।

असम में एनआरसी लागू होने और संसद में नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों का अंबार लगा हुआ है। सोशल मीडिया यूजर्स लगातार फर्जी फोटो और खबरों को शेयर करते हुए भ्रामक दावा कर रहे हैं, जिसकी पड़ताल को विश्वास न्यूज पर पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: एनआरसी में नाम नहीं होने की वजह से असम पुलिस के लोगों को हिरासत में लिए जाने के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। वायरल वीडियो सीएए के खिलाफ हैदराबाद में हुए विरोध प्रदर्शन का है, जहां पुलिस ने कई छात्रों और नागरिकों को हिरासत में लिया था।

  • Claim Review : NRC में नाम नहीं होने की वजह से लोगों को उठा रही पुलिस
  • Claimed By : FB User-Mohd Gulsher
  • Fact Check : झूठ
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