Fact Check: मुंबई में नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विशाल रैली के नाम पर बांग्लादेश के धार्मिक जुलूस की पुरानी तस्वीर वायरल
- By: Abhishek Parashar
- Published: Dec 14, 2019 at 04:23 PM
- Updated: Aug 30, 2020 at 08:53 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह मुंबई में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAB) के खिलाफ हुए ”विशाल” विरोध प्रदर्शन की तस्वीर है। तस्वीर में लोगों का हुजूम नजर आ रहा है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। मुंबई में हुए विरोध प्रदर्शन के नाम पर बांग्लादेश में हुए धार्मिक जुलूस की तस्वीर को साझा कर दुष्प्रचार किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ”Yasmeen Arora Munshi” नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ मुंबई में हुई रैली के दावे के साथ एक तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”Is ko kahete hai #MUMBAIKR_MUSLIM #CAB tumhare baap dadaa ke liye banaau #MOHAMMED_ALI_ROAD tumhare baap ka nahi Hamara hai #HIDNUSTAN.”
पड़ताल किए जाने तक इस तस्वीर को करीब डेढ़ हजार से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं और करीब 4 हजार से अधिक लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं जाहिर की हैं।
पड़ताल
फेसबुक के अलावा ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज करने पर हमें यह तस्वीर कई अन्य फेसबुक यूजर्स की वॉल पर मिली, जिसे उन्होंने कई महीनों पहले शेयर किया है। फेसबुक यूजर ‘Rariya’ ने इस तस्वीर को 12 नवंबर 2019 को अपनी प्रोफाइल से शेयर किया है, जो नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद में पारित होने से पहले की है।
10 दिसंबर को लोकसभा से पारित होने के बाद 11 दिसंबर को नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा से पास किया गया था, जिसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह विधेयक कानून बन गया।
इन दोनों तस्वीरों को रिवर्स इमेज करने पर हमें यू-ट्यूब पर बांग्लादेशी यूजर ‘Sunniyater Joygan /সুন্নিয়াতের জয়গান’ का अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। दी गई जानकारी के मुताबिक यह वीडियो 2017 में बांग्लादेश के चटगांव में सैय्यद मुहम्मद ताहेर शाह के नेतृत्व में ईद-ए-मिलाद के मौके पर निकाली गई जुलूस की है।
10 मिनट तीन सेकेंड के इस वीडियो में 1.27 मिनट पर उस वाहन को देखा जा सकता है, जिसके ऊपर बांग्लादेश का झंडा लगा हुआ है और यही वाहन वायरल तस्वीर में भी नजर आ रही है।
4.51 मिनट के फ्रेम में उस अन्य वाहन को भी देखा जा सकता है, जिसमें लाउडस्पीकर लगा हुआ है। वाहन के ऊपर पीला और सफेद रंग के कपड़े का झंडा लगा हुआ है, जिसे वायरल तस्वीर के किनारे में साफ तौर पर देखा जा सकता है।
वायरल तस्वीर में एक फ्लाईओवर भी नजर आ रही है। फ्लाईओवर जहां खत्म होता हुआ नजर आ रहा है, वहां पर एक चौकोर आकृत्ति नजर आ रही है। ”Chittagong Flyover” कीवर्ड से सर्च करने पर फैक्ट्स खान (Facts Khan) नाम के यूजर की तरफ से यू-ट्यूब पर 19 जून 2018 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जो चटगांव शह के फ्लाईओवर का है।
वीडियो में 2.14 मिनट के फ्रेम पर उसी चौकोर आकृति को देखा जा सकता है, जो वायरल तस्वीर में फ्लाईओवर के किनारे नजर आ रहा है। वास्तव में यह एक गेट है, जिसे वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है।
इससे यह साबित होता है कि तस्वीर में नजर आ रहा लोगों का हुजूम बांग्लादेश के चटगांव में सैय्यद मुहम्मद ताहेर शाह के नेतृत्व में ईद-ए-मिलाद के मौके पर निकाली गई जुलूस की है। यू-ट्यूब पर समान दावे के साथ अपलोड किए गए एक और वीडियो में फ्लाईओवर के नीचे से निकल रही जुलूस की तस्वीरों को देखा जा सकता है।
न्यूज सर्च में भी हमें ऐसी कोई खबर या तस्वीर नहीं मिली, जिसमें मुंबई में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ मोहम्मद अली रोड पर किसी रैली या जुलूस का जिक्र हो। मुंबई में दैनिक जागरण के ब्यूरो हेड ओमप्रकाश तिवारी ने कहा, ‘वायरल तस्वीर मुंबई में हुई किसी रैली की नहीं है।’
विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर को लेकर मुंबई पुलिस से डिप्टी पुलिस कमिश्नर (ऑपरेशन) प्रणय अशोक से बात की है। उन्होंने बताया, ‘यह तस्वीर मुंबई के मोहम्मद अली रोड पर हुए विरोध प्रदर्शन की नहीं है।’
क्या यह तस्वीर मुंबई में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए किसी भी विरोध प्रदर्शन की है, के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘नहीं, यह मुंबई में हुई किसी भी विरोध प्रदर्शन की तस्वीर नहीं है।’
नागरिकता संशोधन अधिनियम के बाद से कुछ राज्यों में इसके खिलाफ विरोध हो रहा है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर गुमराह करने वाले दावे के साथ फर्जी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहा है। विश्वास न्यूज लगातार इन फर्जी तस्वीरों पर वीडियो की पड़ताल कर उनका सच सामने ला रहा है।
निष्कर्ष: नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ मुंबई के मोहम्मद अली रोड पर हुए विरोध प्रदर्शन के दावे को लेकर जो तस्वीर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है, वह बांग्लादेश में हुए धार्मिक जुलूस की है, जिसका भारत से कोई संंबंध नहीं है।
- Claim Review : नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ मुंबई में हुई रैली
- Claimed By : FB User-Yasmeen Arora Munshi
- Fact Check : झूठ
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