X
X

Fact Check: संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान को PoK से बाहर जाने का नहीं दिया कोई नोटिस

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Sep 18, 2019 at 03:06 PM
  • Updated: Sep 18, 2019 at 03:45 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को उसके कब्जे वाली कश्मीर को खाली करने का लिखित नोटिस दिया गया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत साबित हुआ। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान को ऐसा कोई लिखित नोटिस नहीं दिया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर वायरल पोस्ट में लिखा गया है, ‘मोदी सरकार ने इतिहास रचा। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को POK खाली करने का लिखित नोटिस थमाया। जय हिंद!!!’


फेसबुक पर वायरल हो रही फर्जी पोस्ट

पड़ताल

सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर को लेकर यह दावा 17 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की 74वीं महासभा शुरू होने से पहले ही वायरल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को इस सभा को संबोधित करने वाले हैं।

वायरल पोस्ट में दावे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता की विजयी मुद्रा की तस्वीर भी लगी हुई है। गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह तस्वीर डेक्कन क्रॉनिकल पर 5 मार्च 2018 को प्रकाशित खबर में लगी मिली।

खबर के मुताबिक, ‘पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में मिली जीत के बाद संसद में जश्न मनाती बीजेपी।’ इसी तस्वीर में पीएम मोदी, अमित शाह और अन्य पार्टी सदस्य नागा मफलर के साथ नजर आ रहे हैं।

यानी वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर 5 मार्च 2018 की है। अब आते हैं तस्वीर के साथ पोस्ट में किए गए दावे पर, जिसमें कहा गया है ‘संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को पाकिस्तानी कब्जे वाली कश्मीर को खाली करने का लिखित नोटिस थमाया गया है।’

न्यूज सर्च में हमें न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के हवाले से अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में 15 सितंबर 2019 को प्रकाशित खबर मिली, जिसके मुताबिक, ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने पूरे कश्मीर पर भारतीय संप्रभुता की हिमायत करते हुए पाकिस्तान को उसके कब्जे वाली कश्मीर (पीओके) से निकल जाने के लिए कहा।

ब्रिटेन में रह रहे कश्मीरी पंडितों के एक कार्यक्रम में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के इस मुद्दे पर यूएन में प्रस्ताव पेश करने की योजना पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा, ‘पूरा जम्मू-कश्मीर संप्रभु भारत का हिस्सा है और जो लोग वहां पर संयुक्त राष्ट्र के समाधान की वकालत कर रहे हैं,  वह पहले प्रस्ताव को नजरअंदाज कर रहे हैं, जो यह बताता है कि पाकिस्तानी सैन्य बलों को वहां से निकलना होगा, ताकि राज्य का एकीकरण किया जा सके।’

रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लैकमैन आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद से ही भारत के पक्ष में बोलते रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने इसे लेकर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर संजय भारद्वाज से बात की। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर को लेकर कोई डिबेट ही नहीं हुआ, ऐसे में किसी प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं बनता है।’ वहीं, संयुक्त राष्ट्र के 74वीं महासभा की शुरुआत भी आज से ही हुई है।  

उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को लेकर जो पहला प्रस्ताव (21 अप्रैल 1948) था, उसमें तीन शर्तों का उल्लेख था, जिसमें सबसे पहले शर्त यही थी कि पाकिस्तान कश्मीर से अपनी सेना को वापस बुलाएगा।’ भारद्वाज ने कहा कि इसी प्रस्ताव की पहली शर्त को अफवाह के तौर पर फैलाया जा रहा होगा।

संयुक्त राष्ट्र के डाटाबेस से इसकी पुष्टि होती है। संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के डाटा बैंक में ऐसे किसी प्रस्ताव का जिक्र नहीं मिला। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सेशन में भी कश्मीर को लेकर किसी प्रस्ताव का कोई जिक्र नहीं है, जबकि संयुक्त राष्ट्र महासभा का 74वां सेशन 17 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक चलेगा।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2019 में अब तक पारित कोई भी प्रस्ताव कश्मीर से जुड़ा हुआ नहीं है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के डाटा बेस से इसकी पुष्टि की जा सकती है।

निष्कर्ष: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को उसके कब्जे वाली कश्मीर को खाली करने का लिखित नोटिस दिए जाने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। पाकिस्तान को पीओके खाली करने का बयान हाल ही में ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी के एक सांसद ने दिया था।

  • Claim Review : संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को पीओके खाली करने का आदेश
  • Claimed By : FB User-Mahender Singh Jangra
  • Fact Check : झूठ
झूठ
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later