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हमारी टीम में बेहद प्रतिबद्ध पत्रकार शामिल हैं, जो फेक न्यूज का खुलासा करने के लिए समर्पित हैं। टीम के सभी पत्रकार वेरिफिकेशन टूल का इस्तेमाल काफी बेहतर तरीके से करना जानते हैं। हमारी टीम लगातार इसे सुनिश्चित करने में जुटी हुई है कि कोई भी फेक न्यूज मासूम पाठकों को प्रभावित न करे। हमारा लक्ष्य एक साफ और सुरक्षित सामाजिक व राजनीतिक माहौल बनाने का है। ऐसा इसलिए, ताकि निष्पक्ष फैसले लेने में लोगों की मदद की जा सके।
विश्वास न्यूज टीम के सदस्यों ने एक साल से अधिक समय से किसी बड़े राजनीतिक मसले या अन्य चीजों पर टिप्पणी नहीं की है। सार्वजनिक बहसों में पारदर्शिता और शुचिता लाने के उद्देश्य से हमारी टीम का कोई सदस्य किसी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या उनके काम की वकालत नहीं करता।
हम अपने न्यूजरूम में विविधताओं का पूरा सम्मान करते हैं। हमारी टीम लिंग, उम्र, कौशल और यहां तक कि धार्मिक मान्यताओं के मामले में विविधता से भरी हुई है।
पद: एडिटर-इन-चीफ और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट
परिचय: राजेश उपाध्याय वरिष्ठ पत्रकार और शोधकर्ता हैं, जिनके पास पत्रकारिता में तीन दशकों से अधिक का समृद्ध अनुभव है। उन्हें डिजिटल और प्रिंट मीडिया की कार्यप्रणाली का गहन ज्ञान है। दैनिक जागरण समूह से जुड़ने से पहले, वह दैनिक भास्कर और हिंदुस्तान टाइम्स समूह से जुड़े रहे हैं और उन्होंने डिजिटल और प्रिंट टीमों की स्थापना में अहम भूमिका निभाई है। जागरण समूह में अपनी वर्तमान भूमिका में, वह डिजिटल के एडिटर-इन-चीफ और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं। अगली पीढ़ी की पत्रकारिता फैक्ट चेक जर्नलिज्म और आईएफसीएन प्रमाणित जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग यूनिट विश्वास न्यूज की प्रेरक शक्ति के तौर पर मौजूद राजेश उपाध्याय जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट-ग्रेजुएट होने के साथ आईआईएम इंदौर के एडिटोरियल डेवलपमेंट प्रोग्राम के अल्युमिनाई होने के साथ-साथ जीएनआई (Google News Initiative) इंडिया ट्रेनिंग नेटवर्क के ट्रेनर भी हैं। उनके पास इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग इन प्लेटफॉर्म्स (नाइट सेंटर फॉर जर्नलिज्म), पब्लिक पॉलिसी, हैंड्स-ऑन फैक्ट चेकिंग: ए शॉर्ट कोर्स-प्वाइंटर यूनिवर्सिटी का ई लर्निंग कोर्स और मीडिया लिटरेसी में एडवांस्ड कोर्स समेत कई अंतरराष्ट्रीय सर्टिफिकेशन हैं।
योग्यता: जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पोस्ट-ग्रैजुएट होने के साथ ही वे एडिटोरियल डेवलपमेंट प्रोग्राम, आईआईएम, इंदौर के अल्युमिनाई हैं।
सर्टिफिकेशन:
पद: एग्जीक्यूटिव एडिटर
बायो: जतिन को विभिन्न मीडिया संस्थानों- न्यूजपेपर्स, मैग्जींस, टीवी व डिजिटल और देश के प्रमुख समाचार समूहों, जागरण समूह, टाइम्स समूह, इंडिया टुडे, द हिंदू, हिंदुस्तान टाइम्स, द इंडियन एक्सप्रेस, स्टार न्यूज व एनडीटीवी में 27 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वह 2016-17 के लिए शेवेनिंग फेलो और 2018-19 के लिए आईसीएफजे वाशिंगटन डीसी के साथ नाइट इंटरनेशनल जर्नलिज्म फेलो रह चुके हैं। वह विश्वास न्यूज में फैक्ट चेकिंग टीम के प्रमुख हैं। उन्होंने फैक्ट चेकिंग, मीडिया साक्षरता और पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर 50 से अधिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं।
योग्यता: एमए (मास कम्युनिकेशन ), एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म से पीजी जर्नलिज्म, बीए इकोनॉमिक्स (ऑनर्स), एलएलबी, नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ हैदराबाद से साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा व लंदन की वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी से साउथ एशिया जर्नलिज्म फेलोशिप।
सर्टिफिकेशन:
पद: सीनियर एडिटर
बायो: उर्वशी कपूर जागरण न्यू मीडिया में सीनियर एडिटर और सहायक महाप्रबंधक के पद पर हैं। वह गूगल न्यूज इनिशिएटिव इंडिया (Google News Initiative India) प्रशिक्षण नेटवर्क के लिए एक प्रतिष्ठित प्रशिक्षक भी हैं। फैक्ट-चेक और मीडिया साक्षरता प्रशिक्षण और पत्रकारिता में उनकी दक्षता के लिए उर्वशी को कई अवॉर्ड्स मिले हैं। विशेष रूप से प्रतिष्ठित ’40 अंडर 40 इन इंग्लिश जर्नलिज्म’ पुरस्कार। यह सम्मान उन्हें इस क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए केरल के राज्यपाल द्वारा प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, वे ईस्ट-वेस्ट सेंटर से आपसी चिंता के सीमा पार मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक फेलोशिप कर रही हैं।
योग्यता: उर्वशी कपूर पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर के साथ-साथ वाणिज्य में भी स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय के द नाइट सेंटर फॉर जर्नलिज्म से ‘पत्रकारिता की पहुंच और जुड़ाव बढ़ाने की रणनीतियां’ विषय पर एक कार्यक्रम भी सफलतापूर्वक पूरा किया है।
सर्टिफिकेशन:
संशोधन
1: मई 31, 2020
हमारी टीम की सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0059) ने इन स्टोरी को 31 मई को अपडेट किया. स्टोरी में से एक ऐसा पैराग्राफ हटाया गया, जिसकी इसमें कोई आवश्यक्ता नहीं थी.
https://www.vishvasnews.com/english/health/fact-check-no-who-didnt-warn-against-consuming-cabbage-to-prevent-covid-19/
https://www.vishvasnews.com/english/health/fact-check-no-mustard-oil-cannot-cure-coronavirus-however-it-has-certain-health-benefits/
https://www.vishvasnews.com/english/health/fact-check-who-didnt-issue-proposal-for-extending-lockdowns-to-control-covid-19-fake-post-getting-viral-2/
पद: एसोसिएट एडिटर
बायो: आशीष महर्षि जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज के फैक्ट चेकर हैं। प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 18 साल से अधिक का अनुभव रखने वाले आशीष ने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत मुंबई से की थी। मुंबई में टीवी 18 के साथ दो वर्ष बिताने के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से प्रकाशित दैनिक भास्कर ज्वाइन किया। इसके बाद उन्होंने भास्कर डॉट कॉम, लल्लन टॉप में भी काम किया। वे फैक्ट चेकर ट्रेनर हैं। विश्वास न्यूज के मीडिया साक्षरता अभियान ‘सच के साथी’ में ट्रेनर की भूमिका निभाते हुए देश के अलग अलग शहरों में प्रशिक्षण भी देते हैं। सोशल मीडिया और पॉलिटिकल फैक्ट चेकिंग में उनकी विशेषज्ञता हैं। आशीष राजनीतिक फैक्ट चेकिंग के अलावा सामाजिक इश्यू से जुड़ी फर्जी खबरों की भी पड़ताल करते हैं। इसके अलावा वे सोशल मीडिया संभालते हैं।
योग्यता: आशीष ने भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएट किया है। ग्रेजुएशन जयपुर स्थित राजस्थान यूनिवर्सिटी से किया है।
सर्टिफिकेशन:
संशोधन
1: 29 जुलाई, 2018:
विश्वास न्यूज ने यह नोटिस किया कि 29 जुलाई रात 8:30 पर विश्वास न्यूज के फेसबुक पेज पर एक स्ट्राइक मिली है। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि विश्वास टीम के एक सदस्य (एंप्लॉयी आईडी- PN0043) ने गलती से हमारी अपनी ही खबर को फेसबुक डैशबोर्ड में रेट कर दिया था। उन्होंने विश्वास न्यूज के फैक्ट चेक रिफ्रेंस आर्टिकल को ही इस रेटिंग से संबंधित कैटिगरी में सबमिट कर दिया। यही वजह रही कि विश्वास न्यूज के फेसबुक पेज पर एक स्ट्राइक मिला। बाद में उन्होंने इस रेटिंग में जरूरी संशोधन किए।
यहां उस स्टोरी का लिंक दिया गया जिसे गलती से ‘फाल्स’ रेटिंग दे दी गई थी- https://www.vishvasnews.com/health/fact-check-post-claiming-caripill-cures-dengue-in-48-hours-is-misleading-2/
2: मई 7, 2020
विश्वास न्यूज के एक अन्य सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0058) ने वायरल हो रहे एक वीडियो पर स्टोरी की. जिसमें दावा किया गया था कि ये ऋषि कपूर का आखिरी वीडियो है. वीडियो में अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवा के गाने को कपूर सुन रहे थे और उसकी तारीफ कर रहे थे. जब सबसे पहले ये स्टोरी की गई तो टीम के पहले सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0043) ने फेसबुक डैशबोर्ड पर इसे ‘वीडियो ओनली’ (सिर्फ वीडियो) के साथ रेट किया. बाद में इस रेटिंग को ‘वीडियो विद टैक्स्ट टुगेदर’ (वीडियो और साथ में लिखा टैक्स्ट) के ऑप्शन के साथ बदला गया.
https://www.vishvasnews.com/urdu/viral/fact-check-no-this-not-the-last-video-of-rishi-kapoor-viral-claim-is-fake/
3: मई 31, 2020
हमारी टीम के सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0043) के द्वारा की गई एक स्टोरी को 31 मई को अपडेट किया गया. जिसमें एक ऐसा पैराग्राफ हटाया गया, जिसकी उस स्टोरी में कोई आवश्यक्ता नहीं थी.
https://www.vishvasnews.com/politics/fact-check-nepals-old-photo-goes-viral-in-the-name-of-india-this-photo-has-no-relation-with-lockdown/
4: जून 4, 2020
विश्वास न्यूज के सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0043) द्वारा की गई स्टोरी में कांग्रेस विधायक को पार्टी से सस्पेंड किया जाना लिखा गया था, जो कि सही नहीं था. गलती सामने आने पर उस स्टोरी में सही जानकारी शामिल की गई और इस संबंध में डिस्क्लेमर भी शामिल किया गया.
https://www.vishvasnews.com/politics/fact-check-aditi-singh-a-suspeneded-mla-from-congress-did-not-join-bjp-with-5-mlas-viral-post-is-fake/
5: 18 दिसंबर, 2020
हमारी टीम के सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0043) के द्वारा की गई इस स्टोरी को 18 दिसंबर को अपडेट किया गया. जिसमें एक ऐसा पैराग्राफ हटाया गया, जिसकी उस स्टोरी में कोई आवश्यकता नहीं थी.
https://www.vishvasnews.com/politics/fake-order-of-tourism-ministry-viral/
https://www.vishvasnews.com/society/fact-check-no-corona-virus-in-fish-in-madhya-pradesh/
पद: एसोसिएट एडिटर
बायो: अभिषेक जागरण न्यू मीडिया में एसोसिएट एडिटर हैं और वे विश्वास न्यूज के साथ बतौर फैक्ट चेकर जुड़े हुए हैं। इससे पहले उन्होंने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई), बिजनेस स्टैंडर्ड, द इकोनॉमिक टाइम्स, कैच न्यूज (राजस्थान पत्रिका) और न्यूज नेशन डिजिटल के साथ काम किया है। वे सर्टिफाइड गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) फैक्ट चेकिंग और न्यूज वेरिफिकेशन ट्रेनर भी हैं। अभिषेक, जागरण न्यू मीडिया की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत मीडिया साक्षरता अभियान ‘सच के साथी’ कार्यक्रम के प्रशिक्षक भी हैं। उनके पास डेटा विश्लेषण की विशेषज्ञता है और उनका पत्रकारिता का अधिकांश करियर बतौर बिजनेस पत्रकार के तौर पर काम करने का रहा है।
योग्यता: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) दिल्ली से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रैजुएट। दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएट।
सर्टिफिकेशन:
संशोधन
1: 16 सितंबर, 2019
विश्वास न्यूज को टीम के एक सदस्य (एंप्लॉयी आईडी- PN0041) की स्टोरी पर क्लेम मिला। यह स्टोरी 14 सितंबर को की गई थी। इस स्टोरी का लिंक यहां दिया गया है- https://www.vishvasnews.com/politics/fact-check-fake-tweet-of-congress-claiming-about-unemployment-in-auto-sector-being-viral-on-social-media/
इस स्टोरी पर विश्वास न्यूज को फेसबुक पेज ‘Fir Ek Bar Modi Sarkar’ के एडमिन की तरफ एक मेल मिली। इस पेज के एडमिन ने दावा किया कि उनके पोस्ट पर विश्वास न्यूज की तरफ से दी गई रेटिंग सही नहीं है। इस स्टोरी के लेखक ने यूथ कांग्रेस से जरूरी कोट नहीं लिया था। IFCN की गाइडलाइंस और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के मुताबिक विश्वास न्यूज ने इस स्टोरी में जरूरी सुधार किए। साथ ही, इस फेसबुक पोस्ट की रेटिंग को ‘फाल्स’ से ‘ट्रू’ किया गया।
2: 18 दिसंबर, 2020
हमारी टीम के सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0043) के द्वारा की गई इस स्टोरी को 18 दिसंबर को अपडेट किया गया. जिसमें एक ऐसा पैराग्राफ हटाया गया, जिसकी उस स्टोरी में कोई आवश्यकता नहीं थी.
पद: डिप्टी एडिटर
बायो: पल्लवी मिश्रा जागरण न्यू मीडिया में डिप्टी एडिटर हैं और फैक्ट-चेकर के रूप में विश्वास न्यूज के लिए काम करती हैं। उसकी विशेषज्ञता ख़बरों की पुष्टि, जांच और उसमें मूल्यवर्धन करना है। उन्हें डिजिटल मीडिया में लगभग 12 वर्षों का अनुभव है। जागरण न्यूज मीडिया में शामिल होने से पहले, पल्लवी ने एनडीटीवी, इंडिया टुडे और आईएएनएस जैसे मीडिया संस्थानों के साथ काम किया है।
योग्यता: पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर के साथ-साथ पत्रकारिता में डिप्लोमा भी है।
सर्टिफिकेशन:
संशोधन
1: 03 जुलाई, 2019
विश्वास न्यूज टीम के सदस्य (एंप्लॉयी आईडी- PN0065) ने एक फैक्ट चेक स्टोरी की। यह स्टोरी फेसबुक पर वायरल एक पोस्ट पर थी जिसमें आइसक्रीम वेंडर की तस्वीर का इस्तेमाल इस दावे के साथ किया गया था, ‘गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कोतवाली के सामने आइसक्रीम बेचने वाले #राकेश (#दलित) को #जयश्रीराम ना कहने पर #मुसलमान समझकर #भगवागुंडों ने मारा पीटा।’
विश्वास टीम के सदस्य ने इस फेसबुक पोस्ट में किए गए फर्जी दावे का खुलासा किया और असल तथ्यों पर आधारित स्टोरी पब्लिश की। बाद में, विश्वास टीम की दूसरी सदस्य (एंप्लॉयी आईडी- PN0046) ने इसी यूजर की पोस्ट को फेसबुक पर रेट कर किया।
यहां नीचे उस स्टोरी का लिंक दिया गया है जिसे टीम ने फेसबुक यूजर के फर्जी दावे की पड़ताल और उसका खुलासा करते हुए पब्लिश किया था- https://www.vishvasnews.com/society/fact-check-ice-cream-vendors-image-viral-with-fake-claim/
बाद में टीम की दूसरी सदस्य (एंप्लॉयी आईडी- PN0046) ने पाया कि फेसबुक पर दूसरे यूजर्स भी इसी तस्वीर को वैसे ही दावे के साथ इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच गलती से उन्होंने एक ऐसी पोस्ट को रेट कर दिया जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल था लेकिन जिसका विवरण सही था और इसमें लिखा था, ”गंगा घाट कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कोतवाली के सामने आइसक्रीम बेचने वाले को मारा पीटा पैसे छीनने का आरोप”। फेसबुक पेज के मालिक ने इस मामले को हमारे साथ साझा किया। हमने गाइडलाइंस और हमारी संशोधन नीति के मुताबिक पोस्ट की रेटिंग में जरूरी बदलाव किए।
2: मई 31, 2020
हमारी टीम की सदस्य (एम्पलॉय आईडी PN0046) ने इस स्टोरी को 31 मई को अपडेट किया. स्टोरी में से एक ऐसा पैराग्राफ हटाया गया, जिसकी इसमें कोई आवश्यक्ता नहीं थी.
पद: डिप्टी एडिटर
बायो: प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 17 से अधिक वर्षों का अनुभव। उन्होंने दैनिक भास्कर, हिंदुस्तान, दैनिक जनवाणी, अमर उजाला और राजस्थान पत्रिका (डिजिटल सेक्शन) के साथ काम किया है।
योग्यता: जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री।
सर्टिफिकेशन:
संशोधन
1: दिसंबर 12, 2022
विश्वास न्यूज के सदस्य के द्वारा की गई एक स्टोरी को 12 दिसंबर 2022 को अपडेट किया गया। इसमें एक ऐसा पैराग्राफ हटाया गया, जिसकी उस स्टोरी में कोई आवश्यकता नहीं थी।.
पद: डिप्टी एडिटर
बायो: देविका जागरण न्यू मीडिया में विश्वास न्यूज के साथ सच के साथी के लिए एक तथ्य-जांचकर्ता और मीडिया साक्षरता प्रशिक्षक हैं। ज़ी न्यूज़, दैनिक भास्कर, न्यूज़ नेशन, माइक्रोसॉफ्ट न्यूज़ और कैलिफोर्निया स्थित इंडो-अमेरिकन अखबार इंडिया वेस्ट (पहले लॉस एंजिल्स में इंडिया जर्नल) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों में 15 वर्षों के व्यापक अनुभव के साथ, देविका ने अनुकूली प्रौद्योगिकी के लिए अपनी क्षमता का उपयोग किया है। विश्वसनीय और प्रगतिशील पत्रकारिता पर काम करना। वह ‘द फोरम ऑन इन्फॉर्मेशन एंड डेमोक्रेसी’ के रिसर्च असेसमेंट पैनल (एआई ऑब्जर्वेटरी) का भी हिस्सा हैं और ‘ऑल टेक इज़ ह्यूमन’ के 2024 रिस्पॉन्सिबल टेक मेंटरशिप प्रोग्राम की मेंटर हैं।
योग्यता: उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल से ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री हासिल की है औरएमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा से ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड इंडियन जर्नलिज्म’ में पीएचडी कर रही हैं।
सर्टिफिकेशन:
पद: चीफ सब एडिटर
बायो: उमम को फैक्ट-चेकिंग में विशेषज्ञता प्राप्त है, विशेष रूप से मध्य पूर्व और पड़ोसी देशों में। उन्हें पत्रकारिता में 6 साल से ज़्यादा का अनुभव है। उमम ने अपनी शुरुआत नेटवर्क18 के साथ किया। उमम, गूगल न्यूज इनिशिएटिव और फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं से निपटने के लिए समर्पित मीडिया साक्षरता अभियान ‘सच के साथी’ की ट्रेनर हैं।”
योग्यता: उमम मास कम्युनिकेशन ग्रेजुएट हैं और जामिया मिलिया इस्लामिया से बैचलर ऑफ इंग्लिश (ऑनर्स) भी हैं। जेएमआई से ‘ट्रांसलेशन प्रोफिशिएंसी इन इंग्लिश’’ में प्रमाणपत्र भी प्राप्त किया है।
सर्टिफिकेशन:
संशोधन
1. जनवरी 16, 2020
6 जनवरी को फैक्ट चेक टीम की सदस्य (एंप्लॉई आईडी PN0058) ने बुशफायर की तीव्रता को दर्शाने वाली ऑस्ट्रेलिया के मैप की वायरल 3डी तस्वीर पर फैक्ट चेक स्टोरी की थी। यह तस्वीर इस फर्जी दावे के साथ वायरल हो रही थी कि इसे नासा की सैटलाइट से लिया गया है। उमम नूर ने सारी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए ठीक तरह से पड़ताल की। इस क्रम में 3डी तस्वीर बनाने वाले शख्स का बयान भी लिया गया जिन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि नासा के बुशफायर डाटा का इस्तेमाल कर तस्वीर बनाई गई है। यहां नीचे विश्वास न्यूज की स्टोरी का यूआरएल दिया गया है।
विश्वास न्यूज थर्ड पार्टी फैक्ट चेक पार्टनर के रूप में फेसबुक के साथ काम करता है। अगर वायरल पोस्ट फेसबुक पर है तो विश्वास न्यूज अपनी फैक्ट चेक स्टोरी के आधार पर पोस्ट को- फर्जी, सच, भ्रामक, तीन तरह की रेटिंग देता है। फेसबुक पर पोस्ट को रेट करने के लिए अलग से गाइडलाइन है। अक्सर ऐसी तस्वीरें आती हैं जो सही होती हैं लेकिन उनके साथ किया जा रहा दावा या तो फर्जी होता है या भ्रामक। कई बार तस्वीर और दावा, दोनों ही गलत होते हैं। ऐसे मामलों में विश्वास न्यूज या तो ‘On single post’ या ‘identical content’ के हिसाब से रेट करता है। ऊपर की गई स्टोरी में फेसबुक पोस्ट में लगाई गई तस्वीर बिल्कुल सही थी लेकिन इसके साथ किया गया दावा गलत था। इस बात का जिक्र फैक्ट चेक स्टोरी में भी उचित तरीके से किया गया। हालांकि स्टोरी रेटिंग की प्रक्रिया के दौरान उमम नूर ने इसे ‘identical content’ के रूप में मार्क कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि कुछ फेसबुक यूजर्स को तस्वीर के साथ सही दावा पोस्ट करने के बावजूद फेक तस्वीर, जिसे इंडिपेंडेंट फैक्ट चेकर ने फैक्ट चेक किया है, का मैसेज मिला। फैक्ट चेक की गई स्टोरी में शामिल किए गए यूजर द्वारा अपने फेसबुक पोस्ट डिलीट कर देने की वजह से तकनीकी समस्या खड़ी हुई और विश्वास न्यूज अपनी रेटिंग को सही नहीं कर पाया। इस तकनीकी समस्या को ठीक होने में एक हफ्ते का समय लगा और इसे 15 जनवरी को ठीक किया गया।
विश्वास न्यूज को इस ‘identical content’ इशू की वजह से अलग-अलग फेसबुक यूजर्स की तरफ से अपील के 13 मेल मिले। इन सभी यूजर्स ने सही व्याख्या के साथ तस्वीर का इस्तेमाल किया था लेकिन तकनीकी समस्या की वजह से उन्हें ‘फेक तस्वीर’ का मैसेज मिला। विश्वास न्यूज ने सभी यूजर्स से मेल पर अलग-अलग संपर्क किया और उन्हें 9 जनवरी को हुई इस समस्या की जानकारी दी गई। एक बार जब मामला सुलझ गया तो विश्वास न्यूज ने फिर इन सारे यूजर्स को इसकी पुष्टि करते हुए मेल किया।
फेसबुक पोस्ट को गलत ऑप्शन पर रेट करने वाली विश्वास न्यूज की सदस्य (एंप्लॉई आईडी PN0058) से इस मामले में आधिकारिक मेल में जवाब मांगा गया। उन्हें ये बताने को कहा गया कि आखिर ये कैसे हुआ। उनका जवाब मिलने के बाद गाइडलाइंस और पॉलिसी के मुताबिक उनके खिलाफ जरूरी कदम उठाया गया।
2. 4 जून 2020 को फैक्ट चेक टीम की सदस्य (एंप्लॉई आईडी PN0058) ने वायरल हो रहे एक वीडियो पर स्टोरी की जिसमें वीडियो को हाल का बताते हुए ये दावा किया गया की यह अमतृसर में खालिस्तान की मांग को लेकर आज कल प्रोटेस्ट हो रहे हैं। पड़ताल में पाया की वीडियो 2016 का है। अपने SOP का पालन करते हुए हमनें खबर को पब्लिश कर दिया, लेकिन उसी दिन हमनें पाया की वीडियो में नज़र आरहा दूसरा हिस्सा 2016 का नहीं बल्कि 2012 में हुए प्रोटेस्ट का है. हालाँकि वीडियो दोनों ही लिहाज़ में पुराना और फ़र्ज़ी है। खबर को नयी मालूमात के साथ उसी दिन अपडेट कर दिया गया।
स्टोरी लिंक्स: https://www.vishvasnews.com/urdu/viral/fact-check-old-video-of-sikh-rally-viral-as-khalistan-support-protest-in-amritsar/
पद: चीफ सब एडिटर
बायो: प्रज्ञा शुक्ला विश्वास न्यूज की सीनियर सब एडिटर और फैक्ट-चेकर हैं। उनकी विशेषज्ञता सामाजिक गलत सूचनाओं के तथ्य की जांच करना है। उन्हें डिजिटल मीडिया में लगभग 6 वर्षों का अनुभव है। विश्वास न्यूज में शामिल होने से पहले प्रज्ञा न्यूज चेकर, पत्रिका, हिंदुस्तान समाचार और देशबंधु के साथ काम कर चुकी हैं। प्रज्ञा शुक्ला ‘सच के साथी’ में एक ट्रेनर के रूप में काम किया है। ‘सच के साथी’ फर्जी खबरों / गलत सूचनाओं के खिलाफ मीडिया साक्षरता अभियान है।
योग्यता: जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री
सर्टिफिकेशन:
संशोधन
1: जनवरी 23, 2023
विश्वास न्यूज के सदस्य के द्वारा की गई एक स्टोरी को 23 दिसंबर 2023 को अपडेट किया गया। इसमें एक ऐसा पैराग्राफ हटाया गया, जिसकी उस स्टोरी में कोई आवश्यकता नहीं थी। इस पैराग्राफ की जगह दूसरे पैराग्राफ को जोड़ा गया।
पद: सीनियर सब एडिटर
बायो: ज्योति कुमारी विश्वास न्यूज में सीनियर सब एडिटर और फैक्ट चेकर हैं। उनकी विशेषज्ञता पंजाब की राजनीति, स्कैम और मनोरंजन संबंधी गलत सूचनाओं की जांच करना है। उन्हें डिजिटल मीडिया में लगभग 6 वर्षों का अनुभव है। विश्वास न्यूज में शामिल होने से पहले, ज्योति न्यूज फ्लैश ऑनलाइन, जोश टॉक्स और लाइकी ऐप के साथ काम कर चुकी हैं।
योग्यता: जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पोस्ट-ग्रेजुएट।
सर्टिफिकेशन: ज्योति कुमारी ‘सच के साथी’ में एक ट्रेनर के रूप में काम किया है। ‘सच के साथी’ फर्जी खबरों / गलत सूचनाओं के खिलाफ मीडिया साक्षरता अभियान है।