Fact Check: वायनाड में नहीं, नागपट्टिनम में दो गुटों के झगड़े के बाद टूटी थी मूर्ति, मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं
- By: Pallavi Mishra
- Published: Sep 7, 2019 at 04:07 PM
- Updated: Aug 29, 2020 at 04:50 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)।सोशल मीडिया पर आज कल एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को भीम राव आंबेडकर की मूर्ति को तोड़ते देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो केरल के वायनाड का है और इसको तोड़ने वाले लोग मुस्लिम समुदाय के हैं। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये वीडियो वायनाड का नहीं, बल्कि तमिलनाडु के नागपट्टिनम का है। दो जातियों के बीच हुए तनाव के बाद कुछ सवर्णों ने भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई थी। ये सांंप्रदायिक मामला नहीं था।
CLAIM
वायरल वीडियो में कुछ लोगों को भीम राव आंबेडकर की मूर्ति को तोड़ते देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है “#वायनाड मे ….#अम्बेडकर की #मूर्ति को #तोड़ते #इन्शा #अल्लाह #वाले #लोग करो और जय भीम जय मीम।”
FACT CHECK
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने इस वीडियो को INVID टूल पर डाल कर इसके कीफ्रेम्स निकाले और फिर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। हमारे हाथ www.mynation.com की एक खबर लगी, जिसमें इस वीडियो को इम्बेड किया गया था। खबर के अनुसार, ये घटना 25 अगस्त की है जब हिन्दू सवर्णों और दलितों के बीच हुए टकराव के बाद, सवर्णों ने तमिलनाडु के नागपट्टिनम के वेदरनयम में भीम राव आंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी थी।
हमें ये खबर और भी कई न्यूज़ वेबसाइटों पर मिली।
वायरल पोस्ट में इस घटना को वायनाड का बताया गया है, इसलिए हमने कन्फर्मेशन के लिए वायनाड के SP Karuppasamy.R से बात की जिन्होंने कन्फर्म किया कि ये घटना वायनाड की नहीं है।
ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने नागपट्टिनम के SP पी के राजशेखरन से बात की। उन्होंने कहा, “25 अगस्त को दलित समुदाय के एक पैदल यात्री को एक हिंदू सवर्ण समुदाय से संबंधित व्यक्ति द्वारा चलाए गए वाहन ने टक्कर मार दी थी जिसके कारण झड़पें हुईं और मूर्ति भी तोड़ी गयी। ये धर्म या संप्रदाय का मामला नहीं था।”
इस पोस्ट को पुष्प मित्र शुंग नाम के फेसबुक यूजर द्वारा शेयर किया गया था। इनके प्रोफाइल के हिसाब से ये गुजरात में रहते हैं और इनके कुल 1,431 फेसबुक फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि ये वीडियो वायनाड का नहीं, बल्कि तमिलनाडु के नागपट्टिनम का है। दो जातियों के बीच हुए तनाव के बाद कुछ सवर्णों ने भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा को क्षति पहुंचाई थी। ये धर्म या संप्रदाय का मामला नहीं था।
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