असदुद्दीन ओवैसी के नाम पर वायरल हो चुकी फर्जी पोस्ट का सच
कभी ओवैसी के नाम पर फर्जी और भ्रामक बयान को फैला दिया जाता है तो कभी मुस्लिम होने की वजह से यूजर दावा करते हैं कि उन्होंने देश के मुसलमानों की हित में यूएन को पत्र लिखा है। ऐसे कई फर्जी पोस्ट का विश्वास न्यूज़ ने वक्त- वक्त पर फैक्ट चेक किया है। आइये जानते हैं इन वायरल पोस्ट और उनके फैक्ट चेक के बारे में।
- By: Umam Noor
- Published: Oct 24, 2024 at 06:24 PM
- Updated: Oct 25, 2024 at 03:05 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से एमपी हैं, और अक्सर ही सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनल्स पर अपने भाषणों की वजह से वह चर्चा का विषय होते हैं। ओवैसी के खिलाफ कई बार दुष्प्रचार तो कई बार उनके सपोर्ट में सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होती रहती हैं।
कभी ओवैसी के नाम पर फर्जी और भ्रामक बयान को फैला दिया जाता है तो कभी मुस्लिम होने की वजह से यूजर दावा करते हैं कि उन्होंने देश के मुसलमानों की हित में यूएन को पत्र लिखा है। ऐसे कई फर्जी पोस्ट का विश्वास न्यूज़ ने वक्त- वक्त पर फैक्ट चेक किया है। आइये जानते हैं इन वायरल पोस्ट और उनके फैक्ट चेक के बारे में।
पहला फैक्ट चेक
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को लेकर सोशल मीडिया पर कई बार एक पोस्ट वायरल हो चुकी है। वायरल पोस्ट में ओवैसी की तस्वीर लगी होती है और साथ में दावा किया जाता है कि ओवैसी ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर कहा है कि हिंदुस्तान में मुस्लिम सुरक्षित नहीं हैं।
जबकि विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असदुद्दीन ओवैसी ने यूएन को इस तरह का कोई पत्र नहीं लिखा है। यह एक फर्जी पोस्ट है, जिसे बार- बार नए तरीके से फैला दिया जाता है।
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दूसरा फैक्ट चेक
वहीं, लोकसभा इलेक्शन 2024 में हुए मतदान के दौरान असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। वायरल वीडियो में वो बोलते हुए नजर आ रहे थे कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। इस वीडियो को सच समझकर कई यूजर ने फैलाया।
हालांकि, जब विश्वास न्यूज ने वीडियो की पड़ताल कि तो सच्चाई कुछ और ही निकली। अपनी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो के एक चुनिंदा हिस्से को एडिट कर इस तरह से शेयर किया जा रहा है, जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ओवैसी पीएम मोदी के समर्थन में बोल रहे हैं, जबिक असली वीडियो में उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।
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तीसरा फैक्ट चेक
लोकसभा चुनाव 2024 में कई नेताओं की एडिटेड तस्वीरें फर्जी दावों के साथ वायरल हुई, इसी में एक नाम असदुद्दीन ओवैसी का भी है। मतदान के दौरान उनकी एक फोटो सोशल मीडिया के अलग- अलग प्लेटफार्म पर शेयर की गई। वायरल फोटो में उनको भगवान राम की तस्वीर पकडे देखा जा सकता है। वहीं, इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया गया कि यह तस्वीर असली है और इस तस्वीर के बहाने उन पर तंज भी कसा गया।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हुई यह तस्वीर एडिटेड थी। असली तस्वीर में ओवैसी ने अंबेडकर की फोटो पकड़ी हुई थी। इलेक्शन के दौरान इस एडिटेड फोटो को दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया गया।
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चौथा फैक्ट चेक
लोकसभा चुनाव में हैदराबाद से उम्मीदवार रहे असदुद्दीन ओवैसी का इलेक्शन के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उनके गले में एक माला नजर आ रही थी और एक व्यक्ति उन्हें मफलर पहनाते हुए नजर आया। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने दावा किया कि असदुद्दीन ओवैसी ने चुनावी रैली के दौरान मंदिर का दौरा किया है और यह वीडियो उसी मौके का है।
जबकि विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो उस वक्त का है, जब इलेक्शन कैंपेन के दौरान असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में डोर टू डोर कैंपेन कर रहे थे। वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया।
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पांचवां फैक्ट चेक
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एक कथित तस्वीर शेयर की गई। इसमें पीएम मोदी और असदुद्दीन ओवैसी एक-दूसरे से चर्चा करते दिख रहे थे। उनके साथ एक और शख्स वहां बैठा हुआ नजर आ रहा था। तस्वीर को सच समझते हुए कई यूजर ने इसे पॉलिटिकल कनेक्शन के हवाले से फैलाया।
हालांकि, विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर एडिटेड निकली। दरअसल, यह दो तस्वीरों को जोड़कर बनाई गई फोटो है। वायरल फोटो में पीएम मोदी व कनाडा के नेता एंड्रयू सिअर की तस्वीर और ओवैसी व एआईएमआईएम के नेता की फोटो को एडिट करके बनाई गई है। इस मामले में पुलिस में केस भी दर्ज कराया गया था।
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