Fact Check: कश्मीर में मुहर्रम जुलूस के पुराने वीडियो को धारा 370 से जोड़कर किया जा रहा है वायरल
- By: Pallavi Mishra
- Published: Sep 5, 2019 at 03:12 PM
- Updated: Nov 18, 2019 at 11:39 AM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया पर फर्जी ख़बरों की बाढ़-सी आ गई है। इसी तरह की एक खबर आज कल वायरल हो रही है। इस पोस्ट में एक वीडियो है जिसमें पुलिस को कुछ लोगों पर आंसू गैस के गोले छोड़ते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो हाल के दिनों का है। हमने पड़ताल की तो पाया कि ये दावा गलत है। असल में ये वीडियो 2018 का है। बिना परमिशन के मुहर्रम का जुलूस निकाल रहे लोगों के नियंत्रण से बाहर होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे और लाठी चार्ज किया था।
CLAIM
वायरल पोस्ट में पुलिस को कुछ लोगों पर आंसू गैस के गोले छोड़ते और लाठी चार्ज करते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है, “कश्मीर मैं मोदी सरकार आजादारी को नेस्त नाबुत कर रही हैं आज ये कश्मीर मैं हो रहा हैं कल यहा भी होगा।”
FACT CHECK
इस वीडियो की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस वीडियो का ठीक से विश्लेषण करने का फैसला किया। ये वीडियो 2 मिनट 24 सेकंड का है। वीडियो के ऊपर AP (एसोसिएटेड प्रेस) का लोगो देखा जा सकता है। आपको बता दें एसोसिएटेड प्रेस यूएसए का नॉट-फॉर-प्रॉफ़िट न्यूज़ एजेंसी है जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है। इसके अलावा वीडियो में 1 मिनट 14 सेकंड पर एक व्यक्ति को पीले रंग का एक बैनर लिए देखा जा सकता है। हमने अपने उर्दू एक्सपर्ट से इस बैनर को पढ़वाया तो पता चला कि इस पर ‘या हुसैन’ लिखा है। उन्होंने हमें ये भी बताया कि ऐसे बैनर्स अक्सर मुहर्रम के जुलूस में देखे जाते हैं।
हमने ज़्यादा पड़ताल के लिए इस वीडियो के कीफ्रेम्स INVID टूल की मदद से निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज पर “AP मुहर्रम” कीवर्ड्स के साथ ढूँढा। ढूंढ़ने पर हमारे हाथ एसोसिएटेड प्रेस के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल द्वारा Sep 24, 2018 को अपलोड किया गया ये असली वीडियो लगा। वीडियो के टाइटल के मुताबिक, ये घटना 19 सितम्बर 2018 की है। इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि मुहर्रम का जुलूस निकाल रहे लोगों द्वारा सुरक्षा प्रतिबंधों की अवहेलना करने पर भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
हमने टाइम टूल का इस्तेमाल करके 19 सितम्बर 2018 को कश्मीर से फाइल हुई खबरें ढूंढी तो हमें ये खबर न्यूज़ एजेंसी IANS की वेबसाइट पर भी मिली। आईएएनएस की इस खबर को Scroll.in वेबसाइट पर भी देखा जा सकता है। ये घटना श्रीनगर की है।
इस सिलसिले में हमने दालगेट चौक चौकी प्रभारी आलोक सिंह से बात की जिन्होंने बताया “1990 से लोगों की सुरक्षा के मद्देनज़र कश्मीर के कुछ इलाके में मुहर्रम के जुलूस निकालने पर पाबन्दी है। 19 सितम्बर 2018 को भी शहीदगंज, बटमालू, शेरगारी, कोठीबाग, राम मुंशी बाग, मैसूमा और क्रालखुद के क्षेत्रों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए थे। प्रतिबंद्ध के बावजूद मुहर्रम का शोक मनाने वालों ने सिटी सेंटर की तरफ मार्च करने का प्रयास किया। दालगेट चौक पहुंचने पर, उन्हें पुलिस ने रोक दिया और पीछे हटने का आदेश दिया। हालांकि, कई लोग लाल चौक पहुंचने में कामयाब रहे, जहां पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे और लाठी चार्ज भी किया था। ये वीडियो वहीँ का है। “
जम्मू और कश्मीर से धारा 370 6 अगस्त 2019 को हटी थी। विश्वास न्यूज़ ने पिछले एक महीने में कश्मीर को लेकर बहुत सी ऐसी फर्जी ख़बरों को पर्दाफाश किया है। ऐसी ही कुछ खबरें आप नीचे पढ़ सकते हैं।
इस पोस्ट को हाल में Khadim Raza नाम के फेसबुक यूजर ने शेयर किया था। इनके इस पोस्ट को इस स्टोरी के लिखे जाने के समय तक 3,900 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है। इनके प्रोफाइल के मुताबिक, ये दिल्ली के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: हमने पड़ताल की तो पाया कि ये दावा गलत है। असल में ये वीडियो 2018 का है। बिना परमिशन के मुहर्रम का जुलूस निकाल रहे लोगों के नियंत्रण से बाहर होने पर पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े थे। ये वीडियो तभी का है।
पूरा सच जानें…
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।